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एमपी में सबसे बड़ी कातिल हैं सड़कें ! आंकड़े जो बताते हैं खून से रंगी हैं रोड

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Published : Oct 31, 2020, 8:55 PM IST

Updated : Oct 31, 2020, 9:17 PM IST

Increase in road accidents
सड़क हादसों में इजाफा

मध्यप्रदेश में साल दर साल सड़क हादसे और उनसे मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. साल 2019 में प्रदेश भर में 50 हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. जिनमें 10 हजार से ज्यादा वाहन चालकों की मौत हुई है. जिसमें तेज रफ्तार वाहन चलाना, शराब पीकर वाहन चलाना, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने समेत रॉन्ग साइड और सिग्नल जंप करने जैसे कारण शामिल हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में सड़क हादसे थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. साल दर साल प्रदेश में दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. साथ ही इन हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. आलम यह है कि पिछले साल यानी कि साल 2019 में दुर्घटनाएं तो कम हुई. लेकिन इन हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या ज्यादा है. हादसों की सबसे बड़ी वजह ओवर स्पीड रही, तो वहीं ड्रिंक एंड ड्राइव में महज दो फीसदी ही मौतें हुई है.

सड़क हादसों में इजाफा

50 हजार हादसों में 10 हजार से ज्यादा लोगों ने गंवाई जान

मध्य प्रदेश पहले ही महिला अपराधों को लेकर अव्वल है और अब सड़क दुर्घटनाओं में भी पहले पायदान पर आने की तैयारी में है. मध्यप्रदेश में आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं और कई वाहन चालक काल के गाल में समा रहे हैं. बात करें साल 2019 की तो प्रदेश भर में 50 हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. जिनमें 10 हजार से ज्यादा वाहन चालकों की मौत हुई है. जिसमें तेज रफ्तार वाहन चलाना, शराब पीकर वाहन चलाना, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने, समेत रॉन्ग साइड और सिग्नल जंप करने जैसे कारण शामिल हैं.

ओवर स्पीडिंग की वजह से हुई सबसे ज्यादा मौतें

मध्य प्रदेश में अलग-अलग जिलों में जिस तरह से सड़क हादसे और उन में होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है. उसकी सबसे बड़ी वजह ओवर स्पीडिंग है. तेज रफ्तार वाहन चलाने से हुए हादसों में सबसे ज्यादा वाहन चालकों ने अपनी जान गंवाई है. पिछले साल हुई 10 हजार मौतों में से 8 हजार मौतें केवल तेज रफ्तार वाहन चलाने के कारण हुई है. जबकि ड्रिंक एंड ड्राइव के चलते दो फीसदी मौतें हुई हैं. तो वही रॉन्ग साइड और सिग्नल जंप करने के चलते भी हादसों में मौतें हुई है. पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के स्पेशल डीजी डीसी सागर का कहना है कि मध्य प्रदेश में कुल 455 ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित किए गए हैं. इन ब्लैक स्पॉट्स को लेकर पुलिस और अलग-अलग एजेंसियां काम कर रही हैं.

इन कारणों से हुई सबसे ज्यादा मौतेंकुल हादसेमौतें गंभीर घायल
ओवर स्पीड785186354815
ड्रिंक एंड ड्राइव15714599
रॉन्ग साइड ड्राइव556617484
मोबाइल पर बात करने की वजह से हादसे636164
रेड सिग्नल जम्प5810


पिछले 5 सालों में सड़क हादसों में हुई मौतों के आंकड़े

साल 2016 में सड़क हादसों में कुल 9,646 मौतें हुई

साल 2017 में सड़क दुर्घटनाओं में 10,177 मौतें
साल 2018 में सड़क हादसों में 10,706 लोगों ने गंवाई जान
साल 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में 11,249 वाहन चालकों की मौत हुई.
साल 2020 में अब तक सड़क हादसों में 4,716 लोगों ने गंवाई जान.

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पुलिस और प्रसाशन की कोशिशें नाकाम
पुलिस और प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार आसमान छूता जा रहा है. पुलिस हर साल सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत वाहन चालकों को यातायात के नियमों का पालन करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाती है. इसके बावजूद भी प्रदेश में सड़क हादसे कम होने के बजाए बढ़ते ही जा रहे हैं. पुलिस ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ब्लैक स्पॉट भी चिन्हित किए हैं और उस पर काम भी जारी है. लेकिन हालात जस के तस हैं. वही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी 16 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. राजधानी में भी पिछले 8 महीनों में ही कुल 153 लोग सड़क हादसों का शिकार हो चुके हैं.

Last Updated :Oct 31, 2020, 9:17 PM IST
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