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First Digital Microscope: भारत के 6 युवाओं ने बनाया विश्व का पहला डिजिटल पोर्टेबल माइक्रोस्कोप

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Published : Jan 26, 2023, 1:14 PM IST

Updated : Jan 27, 2023, 9:04 PM IST

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देश का पहला डिजिटल माइक्रोस्कोप

देश का पहला डिजिटल पोर्टेबल माइक्रोस्कोप आईआईटी के छात्रों ने बनाया है. बाम्बे आईआईटी से पास ऑउट छात्रों ने इसे बनाया है. जानिए इसकी खासियत,

देश का पहला डिजिटल माइक्रोस्कोप

भोपाल। भारत के युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल सपनों को साकार कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया का नारा दिया और इस सपने को आईआईटी में पढ़ने वाले देश के 6 युवाओं ने साकार कर दिखाया है. आईआईटी बॉम्बे से पास हुए इन युवाओं ने डिजिटल पोर्टेबल माइक्रोस्कोप बनाया है. विश्व का पहला पोर्टेबल माइक्रोस्कोप बनाया गया है. ये टैबलेट और मोबाइल के साथ संचालित होता है और 100 प्रतिशत इमेज कैपचरिंग करता है. डिजिटल पोर्टेबल माइक्रोस्कोप की कीमत भी आपके बजट में है. इसको आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है. बहुत सारी खूबियों के साथ बना ये माइक्रोस्कोप 15 घंटे के बैटरी बैकअप के साथ है.

डिजिटल पोर्टेबल माइक्रोस्कोप बनाया: यूपी के रहने वाले टीम के सदस्य माधव आर्य बताते हैं कि, इनकी टीम ने दो तरह के डिजिटल माइक्रोस्कोप बनाए हैं. जिसमें एक पोर्टेबल है और दूसरा बिजली से चलने वाला है. डिजिटल माइक्रोस्कोप में मोबाइल और टैबलेट को आसानी से लगाया जा सकता है. इसके माध्यम से किसी भी खून की जांच में 8 हजार गुना तक उसकी इमेज को आसानी से देखा जा सकता है. सामान्यता माइक्रोस्कोप में हजार गुना यानी 1 हजार एक्स तक देखने की क्षमता होती है. जबकि इनके डिजिटल माइक्रोस्कोप में 10 इंच और 12 इंच के टैबलेट लगाकर उस इमेज को आसानी से बड़ा करके देखा जा सकता है. 8 मेगापिक्सल और 12 मेगापिक्सल के कैमरे टैबलेट में होते हैं.

कंपनी को कराया पेटेंट: माधव बताते हैं कि, "पोर्टेबल माइक्रोस्कोप बनाने वाली इनकी टीम विश्व की पहली टीम है. जिसने खुद की कंपनी बनाकर इसको पेटेंट भी करवा लिया है. यह पोटेबल माइक्रोस्कोप में 15 घंटे बैटरी बैकअप के साथ होता है. जिसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता. इन्होंने एमटेक, बायोमेडिकल और इंजीनियरिंग में 3 पेटेंट करवाए हैं."

देश का पहला डिजिटल माइक्रोस्कोप: बिजली से चलने वाले माइक्रोस्कोप की कीमत 95 हजार है, जबकि एप्पल के टैबलेट के साथ इसकी कीमत 1 लाख 90 हजार है. इसी तरह डिजिटल पोर्टेबल माइक्रोस्कोप की कीमत भी 1 लाख 90 हजार है और इसके सॉफ्टवेयर को यह फ्री में दे रहे हैं, जिसकी कीमत बाजार में हजारों रुपए है. माधव बताते हैं कि इसमें ट्रू व्यू टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है, जिसमें 100 प्रतिशत इमेज आसानी से कैप्चर की जा सकती है. जिसके कारण ही यह देश का पहला डिजिटल माइक्रोस्कोप बना है.

ये माइक्रोस्कोप रिमोट डायग्नोसिस है: इस डिजिटल पोर्टेबल माइक्रोस्कोप की खास बात यह है कि यह रिमोट डायग्नोसिस भी है. जिसके माध्यम से अगर किसी जगह पर इसको चलाना संबंधित व्यक्ति को नहीं आता है तो दूसरा व्यक्ति, दूसरी जगह से बैठकर इसे इंटरनेट के माध्यम से आसानी से चलाता हुआ रिजल्ट हासिल कर सकता है. इस टीम में 6 सदस्य हैं, जिन्होंने मिलकर अपनी कंपनी बनाई और उसे पेटेंट किया, जिसे नाम दिया 'मेडप्राइम' टेक्नोलॉजी. टीम के सदस्यों में महेश और दीपेंद्र मध्य प्रदेश के हैं. जबकि माधव और सम्राट यूपी से हैं. वहीं ग्रीसमा कर्नाटका और विनिल केरल से हैं. यह सभी आईआईटी बॉम्बे में साथ पढ़ाई करते थे और वहीं से इन्होंने इस डिजिटल माइक्रोस्कोप को बनाने का निर्णय लिया.

Last Updated :Jan 27, 2023, 9:04 PM IST
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