ETV Bharat / state

सद्दाम ने पेश की मिसाल, कोरोना काल में 2 दर्जन से अधिक लोगों का किया अंतिम संस्कार

author img

By

Published : Jul 21, 2020, 10:50 PM IST

Updated : Jul 21, 2020, 11:43 PM IST

कोरोना संक्रमण का डर रिश्तों पर इस कदर हावी हो रहा है कि लोग अपना फर्ज निभाने से भी कतरा रहे हैं. इस महामारी के कारण अपनों को खो चुके लोग उनके शवों को मुखाग्नि देने तक से घबरा रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद जब अंतिम कर्तव्य से अपनों ने मुहं मोड़ लिया तो भोपाल नगर निगम के एक कर्मचारी सद्दाम कुरैशी ने इंसानियत का फर्ज निभाया है, वो अब तक दो दर्जन से अधिक शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं.

saddam qureshi
'कोरोना योद्दा' सद्दाम ने पेश की इंसानियत की मिसाल

भोपाल। बदलते इस दौरान में लोग जहां सिर्फ अपना सोच रहे हैं, वहीं कोरोना वायरस ने लोगों को अपनों से भी दूर कर दिया है. हर एंगल से झटका देने के वाले कोरोना वायरस ने इतना मजबूर कर दिया कि लोग अपनों का अंतिम संस्कार करने से भी डर रहे हैं. इसी बीच भोपाल से एक ऐसी भी तस्वीर सामने आई है, जिसने धर्म और जाति से ऊपर उठकर इंसानियत का फर्ज अदा किया.

'कोरोना योद्दा' सद्दाम ने पेश की इंसानियत की मिसाल

हम बात कर रहे हैं कोरोना योद्धा सद्दाम कुरैशी की. भोपाल नगर निगम की फायर बिग्रेड यूनिट में शामिल सद्दाम शव वाहन चलाते हैं. उन्होंने कोरोना काल में परायों को अपना समझा और धर्म जाति से ऊपर उठकर इंसानित का फर्ज निभाते हुए दर्जनों लोगों को अंतिम संस्कार किया. सद्दाम का मानना है कि धर्म से बढ़कर इंसानियत है और उसे उन्होंने बखूबी निभाया है.

सद्दाम कुरैशी ने आर्थिक रुप से कमजोर परिवार के लोगों की मदद करते हुए अंतिम संस्कार के दौरान अपना फर्ज निभाया. 23 मार्च के बाद अब तक 2 दर्जन लोगों का अंतिम संस्कार करने वाले सद्दाम कुरैशी अपने आप को भी सुरक्षित रखने के लिए सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हैं. दिनभर काम करने के बाद वापस घर लौटने से पहले वे अपने आप को पूरा सैनेटाइज करते हैं. उनका मानना है कि कोरोना काल में खुद के साथ परिवार वालों को भी सुरक्षित रखना बड़ी जिम्मेदारी है.

कोरोना संक्रमण के चलते 23 मार्च से पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लागू किया और तब से लेकर अब तक कई लोगों ने कोरोना की चपेट में आने से जान गंवाई. कोरोना से होने वाली मौत के बाद कई बार तो परिजनों ने अंतिम संस्कार करने तक से इंकार कर दिया. ऐसे में सद्दाम अपनी टीम के साथ डटे रहे और अपनी यूनिट का भी मनोबल बढ़ाते रहे.

कोरोना काल में कोरोना योद्दा के रूप में काम करने वाले सद्दाम ने इंसानियत की मिलास पेश की और अपने फर्ज को बखूबी निभाया. यही वजह है कि चारों तरफ उनकी तारीफ हो रही है, क्योंकि कोरोना काल में जब कदम-कदम पर जान का खतरा है ऐसे में सद्दाम कुरैशी ने अपने कदम आगे बढ़ाते हुए बेसहारों की मदद की है.

Last Updated : Jul 21, 2020, 11:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.