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MP में रोज मर रहा एक किसान, फिर भी चरम पर मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता: कांग्रेस

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Published : Oct 21, 2020, 3:52 PM IST

Updated : Oct 21, 2020, 3:59 PM IST

मंत्री गोपाल भार्गव के क्षेत्र में कर्ज के कारण किसान की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले में कांग्रेस सवाल खड़ी कर रही है कि मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी इमरती देवी जैसे मामलों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है.

farmer death
किसान की मौत

भोपाल। शिवराज सरकार के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के क्षेत्र में कर्ज के कारण किसान की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले में कांग्रेस सवाल खड़ी कर रही है कि मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी इमरती देवी जैसे मामलों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है. उसे किसानों की चिंता नहीं है. कांग्रेस का कहना है कि एक सभा में किसान प्यास के कारण मर जाता है और सिंधिया सभा करते रहते हैं. इससे ज्यादा संवेदनहीनता मैंने कभी नहीं देखी है. आज प्रदेश का आम नागरिक सरकार के मरहम का इंतजार कर रहा है, लेकिन सरकार आडंबर में लगी हुई है.

किसान की मौत पर कांग्रेस का बयान


दरअसल, मंत्री गोपाल भार्गव के विधानसभा क्षेत्र रहली से सागर रोड पर महज 2 किमी दूरी पर दुरकांची गांव में कर्ज के बोझ तले दबे किसान ने खेत में पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली. वहीं कांग्रेस का दावा है कि रहली क्षेत्र में पिछले 8 दिनों में कर्ज से परेशान और खरीफ की फसल बर्बाद होने के कारण 3 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, रहली के दुरकांची गांव में सामने आए इस मामले में सुदामा कुर्मी नाम के 50 साल के किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. बताया जा रहा है कि किसान ने पिछले साल बेटी की शादी के लिए कर्ज लिया था और उसके ऊपर 65 हजार का कर्ज था. कर्ज न चुकाने के कारण और फसल खराब हो जाने के कारण किसान परेशान था. इसलिए उसने आत्महत्या कर ली.


दूसरी तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभा के दौरान भी एक किसान की मौत का मामला सामने आया था. सिंधिया पर आरोप है कि उन्होंने किसान को श्रद्धांजलि तो दी, लेकिन सभा चलती रही और मृत किसान के प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई. वहीं इस मामले में प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है, ''बीजेपी की संवेदनहीनता चरम पर है. सिंधिया की सभा में किस तरह से एक किसान ने प्यास के कारण दम तोड़ दिया, उसके परिवार वाले ऐसा आरोप लगा रहे हैं, आज एक किसान ने इसलिए आत्महत्या कर ली. क्योंकि पूरी खेती बिगड़ गई. एक एकड़ के किसान पर 65 हजार का कर्जा था.''

भूपेंद्र गुप्ता ने कहा, ''आज सरकार कहां है, सरकार इस पर चर्चा क्यों नहीं कर रही है ? सरकार इस पर मरहम क्यों नहीं लगा रही है? सरकार क्यों मौन व्रत धारण कर रही है? रोज एक किसान मध्यप्रदेश में मर रहा है. फिर भी सरकार खामोश बैठी है. ढोंग करने के लिए करोड़ों रुपए बर्बाद करने सरकार के पास हैं. जनता का धन लुटा रहे हो, दूसरी तरफ प्रदेश का नागरिक आपकी संवेदना के लिए तरस रहा है. प्रदेश का नागरिक इस बात के लिए व्याकुल है कि आप आएंगे, उसके सर पर हाथ फेरेंगे और सांत्वना देंगे. यह भी बीजेपी से नहीं हो रहा है, यही उनका सुशासन है. बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश में एक ऐसी सरकार काम कर रही है, जिसके अंदर ना करुणा है और ना दया और ना ही सहानुभूति है.''

Last Updated : Oct 21, 2020, 3:59 PM IST
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