ETV Bharat / state

MP Election History: जब MP को मिला 1 दिन का CM, इस पार्टी ने बनाई सबसे ज्यादा सरकार, अबतक प्रदेश में इतनी बार लगा राष्ट्रपति शासन

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 10, 2023, 7:23 PM IST

Madhya Pradesh Assembly Election 2023
मध्यप्रदेश का राजनीतिक इतिहास

मध्यप्रदेश में साल 1956 को पहली बार कांग्रेस की सरकार बनी. तब पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ला बने थे. अबतक हुए चुनावों में प्रदेश की मुख्यमंत्री कुर्सी पर कई लोग बैठे. इनमें ऐसे भी थे, जिन्हें एक दिन के लिए कमान मिली, तो किसी को सिर्फ महीने भर के लिए कमान सौंपी गई. अबतक प्रदेश में 1 बार से ज्यादा राष्ट्रपति शासन लग चुका है, साथ ही बीजेपी और जनता दल के नेताओं ने भी प्रदेश की कमान संभाली. आइए जानते हैं, MP Election History Series में मध्यप्रदेश चुनाव से जुड़े रोचक फैक्ट्स...

भोपाल। साल 1956 था. मध्यप्रदेश का पुनर्गठन के बाद चुनाव हुए थे. 01 नवंबर 1956 को देश के इस नवनिर्मित प्रदेश को पहला मुख्यमंत्री मिला, जिनका नाम पं. रविशंकर शुक्ला था. उन्हीं के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की पहली सरकार का गठन किया. उनका कार्यकाल 01 नवंबर 1956 से 31 दिसंबर 1956 तक रहा. इस दौरान उनका सीएम रहते देहांत हो गया था.

प्रदेश को मिला 30 दिन का सीएम: पं रविशंकर शुक्ला की मौत के बाद सत्ता का शीर्ष भगवंतराव मंडलोई को सौंपा गया. उन्होंने 1 जनवरी 1957 को प्रदेश की कमान संभाली, उनका कार्यकाल 30 जनवरी 1957 तक ही चल सका. इसके बाद सीएम पद की जिम्मेदारी कांग्रेस ने कैलाश नाथ काटजू को दी. उन्होंने 31 जनवरी को प्रदेश की कमान संभाली, लेकिन इनका कार्यकाल भी 14 मार्च 1957 तक चल सका. यानी डेढ़ महीने.

MP Election 2023
मप्र विधानसभा चुनाव का राजनीतिक इतिहास

इसके बाद फिर 14 मार्च 1957 वे प्रदेश के मुखिया बनें, और अगले पांच साल तक प्रदेश की कमान अपने हाथ रखी. ये कार्यकाल 11 मार्च से 1962 तक ही चला. इसके बाद सीएम का चेहरा बदल दिया गया. भगवंतराव मंडलोई को 12 मार्च 1962 को मुख्यमंत्री बनाया गया. उनका कार्यकाल अगले साल सितंबर 1963 तक रहा.

इसके बाद द्वारका प्रसाद मिश्रा कांग्रेस की तरफ से लगातार दो बार मुख्यमंत्री बने. उन्होंने सबसे पहले सितंबर 1963 और 09 मार्च 1967 को दोबारा सीएम पद की शपथ ली. इसके बाद गोविंद नारायण सिंह (1967), राजा नरेशचंद्र सिंह (1969), श्यामा चरण शुक्ला (1969), प्रकाश चंद्र सेठी (1972,1975), श्यामा चरण शुक्ला (1975) में मुख्यमंत्री बने. इन सभी ने कांग्रेस पार्टी सरकार का नेतृत्व प्रदेश में किया.

प्रदेश में लगा पहली बार राष्ट्रपति शासन: इसके बाद अप्रैल 1977 से जून 1977 के बीच प्रदेश में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगा. ये देशभर में लगी इमरजेंसी का दौर था. इसके बाद अगले तीन बार तक जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में रही. इसमें कैलाश चंद्र जोशी (1977), वीरेंद्र कुमार सक्लेचा (1978), सुंदरलाल पटवा (1980) को जनता पार्टी की तरफ से विधायक बने. इसके बाद प्रदेश में अगले चार महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. अगले 6 कार्यकाल तक कांग्रेस के सीएम ने प्रदेश की कुर्सी संभाली. इसमें अर्जुन सिंह (1980,1985) मुख्यमंत्री बनें, लेकिन 1985 में एक दिन बाद मुख्यमंत्री बदल दिया गया और मोतीलाल वोरा (1985) को मुख्यमंत्री बनाया गया.

एमपी का राजनीतिक इतिहास...

इसके बाद साल 1988 को अर्जुन सिंह फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. 1989 में मोतीलाल वोरा फिर सीएम बने. दिसंबर 1989 को कांग्रेस के श्यामा चरण शुक्ला को प्रदेश की कमान सौंपी गई. साल 1992 में सुंदरलाल पटवा के नेतृत्व में सत्ताधारी दल बदला गया. बीजेपी चुनाव जीती और सरकार बनाई. इसके बाद 1992 से 1993 तक करीबन एक साल के लिए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया.

Madhya Pradesh Election History
मध्यप्रदेश में अबतक 3 बार लगा राष्ट्रपति शासन

प्रदेश में फिर चुनाव हुए और 1993, 1998 में कांग्रेस ने जीत हासिल की, दिग्विजय सिंह को प्रदेश की कमान सौंपी गई. साल 2004 चुनाव में बीजेपी ने उमा भारती को चुनावी मैदान में उतारा और उमा भारती ने दिग्विजय सिंह की हैट्रिक की उम्मीदों पर पानी फरते हुए चुनाव जीत लिया. तब से लगातार प्रदेश में बीजेपी सरकार काबिज है.

Former Cm Arjun Singh And Shivraj Singh
मध्यप्रदेश का राजनीतिक इतिहास

इसके अलावा कांग्रेस ने साल 2018 में जीत हासिल की, सरकार बनाई, लेकिन सिंधिया गुट की बगावत से सरकार गिर गई. कांग्रेस से कमलनाथ प्रदेश के सीएम बने थे. लेकिन उनकी सरकार सिर्फ 15 महीने ही चल पाई थी. उमा भारती के बाद साल 2004 में बाबूलाल गौर मुख्यमंत्री बने, इसके बाद शिवराज सिंह चौहान (2005,2008,2013,2020) में प्रदेश की कमान संभाली. जो सबसे ज्यादा चलने वाली बतौर सीएम किसी की सरकार है.

प्रदेश में कांग्रेस-बीजेपी की इतनी बार रही सरकार: प्रदेश में हुए अबतक के विधानसभा चुनावों की बात करें, तो यह कांग्रेस शासित राज्य अधिक रहा है. यहां की कुर्सी पर 22 बार कांग्रेस विधायक ने सीएम की कुर्सी संभाली है. बीजेपी ने प्रदेश को 7 बार मुख्यमंत्री दिए. इसके अलावा तीन बार जनता पार्टी का मुख्यमंत्री प्रदेश में रहा. वहीं, प्रदेश में तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लग चुका है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.