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गैस पीड़ित संगठन का आरोप, कहा- बीएमएचआरसी छुपा रहा कोविड 19 से हुई मौत के आंकड़े

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Published : Oct 23, 2020, 10:37 PM IST

शहर में गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले संगठन कई बार शासन और प्रशासन को शिकायतें कर चुके हैं कि गैस पीड़ितों को ठीक से इलाज नहीं दिया जा रहा है. गैस पीड़ित संगठन का आरोप है कि बीएमएचआरसी कोविड 19 से हुई मौतों के आंकड़े छुपा रहा है.

BMHRC Bhopal
बीएमएचआरसी भोपाल

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमित से प्रभावित होने वालों में गैस पीड़ित हाई रिस्क में रहे हैं. जब शहर में कोरोना संक्रमण फैलना शुरू हुआ तब सबसे ज्यादा गैस पीड़ितों की ही मौत संक्रमण की वजह से हुई. बस्तियों में रहने वाले गैस पीड़ितों को समुचित इलाज मिले इसके लिए शहर में गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले संगठन कई बार शासन और प्रशासन को शिकायतें कर चुके हैं कि गैस पीड़ितों को ठीक से इलाज नहीं दिया जा रहा है.

बीएमएचआरसी छुपा रहा कोविड 19 से हुई मौतों के आंकड़े

अधिकारियों को लिखा गैस पीड़ितों ने पत्र

इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ता रचना ढींगरा ने बताया कि गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे संगठनों ने एक पत्र कलेक्टर अविनाश लवानिया, गैस राहत संचालक और अपर आयुक्त मोहम्मद सुलेमान को भेजा है. जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि भोपाल मेमोरियल अस्पताल और रिसर्च सेंटर में पिछले दो महीनों में 7 से ज्यादा गैस पीड़ितों की मौत कोविड 19 की वजह से हुई है, लेकिन उनकी मौतों के आंकड़े न तो किसी प्रशासकीय अधिकारी को और न ही किसी राज्य सरकार के अधिकारी को बताएं गए हैं. बीएमएचआरसी जानबूझकर कोविड 19 से हुई मौतों को कम करके दिखाना चाहता है इसलिए इतनी बड़ी लापरवाही की जा रही है. गैस पीड़ितों के संगठनों की मांग है कि अधिकारी इस मुद्दे को संज्ञान में लें और इसकी जांच करवाएं और दोषियों पर कार्रवाई करें कि क्यों इन 7 मौतों को छुपाया जा रहा है.

2 महीनों में हुई मौतें

संगठनों के मुताबिक दो गैस पीड़ितों की मौत अगस्त में और 5 गैस पीड़ितों की मौत सितंबर में हुई थी. इनमें ज्यादातर मरीज पल्मोनरी विभाग के थे और यह सभी मौतें अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में हुई थी.

बता दें कि भोपाल गैस त्रासदी 1984 के पीड़ित आज भी कई बीमारियों से ग्रसित हैं. उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम है जिसके चलते कई गैस पीड़ित कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आए हैं और इनमें से कई पीड़ितों की मौत भी हुई है कोरोना वायरस संक्रमण के यह हाई रिस्क जोन में आते हैं.

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