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Bhopal Suicide Case: मम्मी-पापा, जय मुझे माफ कर देना... मैं आत्मा, खून सबकुछ दे दूं तो भी कभी खरी नहीं उतर सकती...

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Published : Aug 1, 2023, 8:37 PM IST

Medical College Student Suicide Case: गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती की सुसाइड के 24 घंटे बाद उनका लिखा हुआ सुसाइड नोट सामने आया है, इसमें उन्होंने गांधी मेडिकल कॉलेज की गायनिक डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स पर परेशान करने का आरोप लगाया है. वहीं उनके पति ने भी इस बात पर कहा कि वह प्रेशर में थी.

Bhopal Suicide Case
भोपाल की मेडिकल कॉलेज ने की सुसाइड

भोपाल। "मां-पापा, प्लीज मुझे मेरे इस कदम के लिए माफ कर देना, आई लव यू.. आप लोगों ने मेरे लिए बहुत कुछ किया. जय (पति) मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत गिफ्ट है, मैंने उसके साथ सुखी जीवन बिताने का सपना देखा था. अपना वादा तोड़ने पर शर्मिंदा हूं, मेरे सर्वाइव करने के लिए यह (गांधी मेडिकल) कॉलेज बहुत बुरा है. मेरी थीसिस कभी पूरी नहीं होगी, ये लोग मुझे कभी राहत नहीं देंगे. भले ही मैं अपनी आत्मा, खून, सबकुछ दे दूं, मैं उनके लिए कभी खरी नहीं उतर सकती."

यह सुसाइड नोट है, गांधी मेडिकल कॉलेज की थर्ड ईयर स्टूडेंट बाला सरस्वती का. मामले में जांच कर रहे पुलिस अधिकारी और शाहजहानाबाद एसीपी उमेश तिवारी का कहना है कि "महिला के इस सुसाइड नोट से साफ हो गया है कि उन्होंने क्यों अपनी जान ली. अब तथ्यों की जांच करके आगे की कार्रवाई करेंगे."

पति ने लगाए सीनियर डॉक्टर्स पर आरोप: बाला सरस्वती ने सोमवार सुबह अपने कहकशा अपार्टमेंट फ्लैट में सुसाइड कर ली थी, मामले की जानकारी जब परिजनों को दी तो वे सोमवार रात में भोपाल आए और मंगलवार सुबह हमीदिया अस्पताल की मर्चुरी में अपनी बेटी का शव लेने पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बातचीत में सरस्वती के पति जयवर्धन ने बताया कि "गांधी मेडिकल कॉलेज में मेरी पत्नी और जूनियर डॉक्टर से कई बार 36 घंटे तक काम करवाया जाता था." पति ने नाम न लेते हुए तीन सीनियर डॉक्टर्स को घेरे में लिया और कहा कि "वही मेरी पत्नी की मौत के लिए जिम्मेदार हैं. वह लोग लगातार ताना मारते थे, यहां तक कि छुट्‌टी वाले दिन भी प्रेशर बनाकर रखते थे."

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रात में साथ खाना खाया, सुबह उठा तो वह पूजन के कमरे में थी: गौरतलब है कि बाला सरस्वती GMC के गायनेकोलॉजी (स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ) में थर्ड ईयर की स्टूडेंट थीं और रविवार रात उन्होंने आत्महत्या कर ली थी. सरस्वती के पति जयवर्धन ने बताया कि "रविवार रात को वे डिनर करके साथ ही सोए थे, दिन में बाहर घूमने भी गए थे और मूवी भी देखी थी. शाम को अस्पताल से मैसेज आया तो वह अस्पताल चली गई, वापिस आने के बाद साथ डिनर किया और सो गए. सुबह आंख खुली तो वह बेड पर नहीं थी, पता नहीं चला कब उठकर चली गई. जब मैं उठा तो देखा वह अचेत अवस्था में पूजा वाले कमरे में भगवान के मंदिर के सामने थी. इसके बाद मैंने आनन-फानन में उसे लेकर अस्पताल पहुंचा जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया." बाला सरस्वती ने मांग की है कि "इस पूरे मामले में जिम्मेदार डॉक्टर्स पर सख्त कार्रवाई की जाए."

यह भी पता चला कि बाला सरस्वती को बैक लगा: बाला सरस्वती फर्स्ट ईयर में बीमार रहने के कारण फाइनल एग्जाम नहीं दे पाई थीं, इस वजह से वे अपने साथी छात्रों से 6 माह पीछे चल रही थीं. ज्यादातर स्टूडेंट की इंटर्नशिप जुलाई के अंतिम सप्ताह में पूरी हो चुकी है, लेकिन सरस्वती के 6 माह बाकी थे. इसके अलावा सरस्वती को उन्हें अगले महीने थीसिस भी जमा करनी थी.

पति सिविल सर्विस की तैयारी और भाई एमबीबीएस कर रहा है: मृतका बाला सरस्तवी के परिवार में सभी लोग एजुकेशन को लेकर जुनुनी हैं. पिता वेंकटेश्वर राव बिल्डर हैं, तो छोटा भाई भी एमबीबीएस कर रहा है. सरस्वती घर में सबसे बड़ी है और छोटी बहन की अगले महीने इंगेजमेंट है, जबकि सरस्वती के पति सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे हैं. इधर अस्पताल में सरस्वती की मौत से नाराज जूनियर डॉक्टर्स ने काम बंद कर दिया है, गायेनिक डिपार्टमेंट में कुल 52 जूनियर डॉक्टर हैं और सभी हड़ताल पर चले गए. उन्होंने जिम्मेदार डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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