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पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद के बयान पर महंत अनिलानंद महाराज ने तोड़ी चुप्पी,कह दी ये बड़ी बात

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 8, 2024, 10:47 PM IST

Updated : Jan 9, 2024, 6:10 AM IST

Anilananda Maharaj Statement: राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा पर पिछले दिनों शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने बयान दिया था. उनके इस बयान पर महंत अनिलानंद महाराज ने आपत्ति जताई है. जानिए अनिलानंद महाराज ने क्या कहा.

Anilananda Maharaj Statement
स्वामी निश्चलानंद का बयान

अनिलानंद महाराज ने जताई आपत्ति

भोपाल। पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद का अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार पर पहली बार किसी महंत ने चुप्पी तोड़ी है. अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश प्रवक्ता अनिलानंद महाराज ने शंकराचार्य के बयान शास्त्रसम्मत नहीं है. धर्म गुरु को ऐसे शुभ अवसर पर ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. शंकराचार्य कह रहे हैं शुभ मुहुर्त नहीं है, माघ का महीना है. भगवान उत्तरायण हो रहे हैं, यूं भी सृष्टि भगवान की है. भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुहूर्त नहीं होता. सब धरती गोपाल की है. अनिलानंद महाराज ने संत समिति की ओर से प्रदेश वासियों से अपील की है कि वे 22 जनवरी को ठीक 10 बजे से दो बजे तक अपने अपने पास के मंदिरों में सुंदरकांड के साथ रामअर्चन सहस्त्रनामों के साथ पाठ शुरु कर दें.

शंकराचार्य का बयान शास्त्र सम्मत नहीं

महंत अनिलानंद महाराज ने पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के बयान का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि शंकराचार्य का बयान ही शास्त्र सम्मत नहीं है. भगवान की मूरत के लिए शुभ अवसर की आवश्यकता नहीं पड़ती. उसके बावजूद सारे विद्वानों ने शुभ मुहुर्त निकाला है. माघ का महीना चल रहा है, सूरज उत्तरायण हो जाएंगे. इससे अच्छा मुहुर्त क्या होगा. किसी धर्म गुरु को ऐसे अवसर पर ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. इस प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में उनके बयान शास्त्र सम्मत नहीं हैं. आधा तीतर, आधा बटेर ऐसा बयान उन्हें नहीं देना चाहिए. महाराज कहते हैं, इतने लंबे समय बाद ये अवसर आया है. उसमें तो शामिल होना चाहिए.

10 बजे से शुरु करें राम अर्चन सहस्त्रनाम का जाप

अनिलानंद महाराज ने पूरे मध्य प्रदेश के संतों मठ मंदिरों और पुजारियों से आग्रह किया है कि 22 जनवरी को जो प्राण प्रतिष्ठा का समय है, ठीक 10 बजे से ही प्रदेश के मठ मंदिरों में सुंदरकांड के साथ राम सहस्त्रनाम का पाठ करें. प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने तक ये क्रम जारी रहे. अनिलानंद महाराज का कहना है कि ये जो ध्वनि है, राममय ध्वनि से पूरा आकाश गुंजायमान हो जाना चाहिए. यूं भी जीवन की उत्तपत्ति से लेकर मरण तक हमारे कण-कण में हमारे क्षण-क्षण में राम व्याप्त हैं. तो जब पांच सौ वर्ष बाद भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, तो राममय हो जाएं. संत समिति ने मध्यप्रदेश के सभी मठ मंदिरों पुजारियों से ये अपील की है.

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एमपी से 150 संतों को अयोध्या का न्यौता

अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश प्रवक्ता अनिलानंद महाराज ने बताया कि केवल मध्यप्रदेश से 150 संत प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे. उन्हें न्यौता देकर बुलाया गया है. उन्होंने बताया कि राजधानी भोपाल से कुल आठ संत इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होंगे.

Last Updated :Jan 9, 2024, 6:10 AM IST
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