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दुर्लभ बार्न आऊल देखा क्या, इस छोटे से शहर के एक घर में मिला शुभकारी और बरकत देने वाला सफेद उल्लू

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 2, 2023, 1:09 PM IST

Updated : Dec 2, 2023, 5:17 PM IST

Barn owl gets legal protection
बैतूल में बार्न आऊल के 5 बच्चे बरामद

Betul Barn Owl Babies: मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर में दुर्लभ प्रजाति के बार्न आउल मिलने से हर कोई हैरान रह गया. उल्लू ने एक घर में पांच बच्चों को जन्म दिया. आवाज आने के बाद घर के मालिक ने तलाशी ली तो उसे उल्लू के बच्चों के मौजूद होने का पता चला. शुभकारी माने जाने वाले उल्लू की इस खास नस्ल के बारे में जानें कुछ खास बातें जो आपको चकित कर देंगी.

बैतूल में बार्न आऊल के 5 बच्चे मिले

बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल में दुर्लभ प्रजाति के बार्न आउल के 5 बच्चे मिले हैं. वन विभाग को जैसे ही इसकी खबर मिली तत्काल इस बचाने के लिए पहुंची और जल्द राज्य के सतना शहर में एक खास जगह भेजा जाएगा. दरअसल बैतूल के मोती वार्ड के एक मकान में दुर्लभ प्रजाति के बार्न आउल (सफेद उल्लू) के 5 बच्चों दिखाई दिए थे, जिसका रेस्क्यू किया गया है. उल्लू ने बच्चों को जन्म देने के लिए घर को चुना था. जिसके बाद बच्चों की आवाज मकान मालिक को लगी तो उसने लोगों को जानकारी दी. जिसके बाद वन विभाग ने उल्लू के बच्चों को रेस्क्यू किया.

संरक्षण के लिए भेजा जाएगा सतना: वनमंडलाधिकारी दक्षिण बैतूल से मिली जानकारी के अनुसार, मोती वार्ड टिकारी निवासी प्रकाश ठाकुर के घर में उल्लू के बच्चे मौजूद थे. उन्होंने इसकी जानकारी आजाद वार्ड निवासी मोहिनउद्दीन को दी. जिसके बाद बार्न आउल (उल्लू) के बच्चों का वन विभाग द्वारा रेस्क्यू किया गया. उल्लू के सभी बच्चे पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं. इन पांचों बच्चों को संरक्षण के लिए सतना भेजा जाएगा. बता दें कि बार्न आउल विलुप्त और संरक्षित उल्लू की प्रजातियों में से एक है. अमूमन इसे नहीं देखा जाता है.

बार्न आउल को कानूनी संरक्षण प्राप्त: गौरतलब है कि बार्न आउल (उल्लू) को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 में परिशिष्ट 1 के तहत कानूनी संरक्षण प्राप्त है. यह पक्षी निशाचर होते हैं, लगभग सभी छोटे स्तनधारी का शिकार कर अपना भोजन प्राप्त करते है. इनकी श्रवण क्षमता बहुत अधिक होती है. बार्न आउल (उल्लू) एक दुर्लभ प्रजाति है. रेस्क्यू किये गये बार्न आउल (उल्लू) के बच्चों को संरक्षण हेतु सफारी मुकुन्दपुर वनमंडल सतना भेजा जा रहा है.

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सफेद उल्लू के नाम से जाने जाते हैं बार्न आउल: बार्न उल्लू की इस प्रजाति की विशेषताएं काफी चौंकाने वाली हैं. जानकारों के अनुसार दुर्लभ प्रजाति का बार्न उल्लू दुनिया के कई हिस्सों में मिलता है. भारत में अधिकांश तौर पर पठारी, हिमालयी क्षेत्र में यह उल्लू पाया जाता है. लेकिन कई बार दूसरे हिस्सों में भी देखा जाता है. इसे यहां इंडियन बार्न उल्लू और सफेद उल्लू के नाम से जाना जाता है. भारत में बार्न आउल की संख्या काफी कम है. इसे दुर्लभ उल्लू की श्रेणी में इसे शामिल किया गया है.

क्यों माना जाता है शुभ: सफेद उल्लू को लेकर धारणा है कि जहां भी यह दिखता है वहां बरकत आती है. उल्लू माता लक्ष्मी की सवारी है लिहाजा इसे मां के आने के शुभ संकेत के तौर पर भी देखा जाता है. हालांकि यह आम जनमानस की धारणा है जिस पर सटीक दावे नहीं किए जा सकते. मगर धन की देवी के वाहन को अक्कसर लोग अच्छी भावना से देखते हैं और खासकर सफेद उल्लू की इस प्रजाति का मिलना वो भी मध्य भारत में काफी अच्छा संकेत है. इससे पता चलता है कि इलाके की आबोहवा बेहतरीन है जहां प्राकृति अपनी नेमतें देने के लिए तैयार है.

Last Updated :Dec 2, 2023, 5:17 PM IST
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