आगर मालवा। स्कूल के अंदर अवैध रूप से अस्पताल संचालित करने का मामला सामने आया है. फर्जी चिकित्सक नासिर लाला पर कार्रवाई करने पहुंची प्रशासन की टीम को वहां मौजूद कथित चिकित्सक और उसके बेटों ने बंधक बनाने का प्रयास करते हुए, अंदर से दरवाजा बंद कर घेर लिया और बड़ी संख्या में इलाज करवाने आये मरीज और अटेंडरों को प्रशासन की टीम पर हमला करने के लिए उकसाने लगे. लेकिन बाहर खड़े SDM और अन्य लोगों ने फौरन पुलिस को इसकी सूचना दी. जिसके बाद बड़ी संख्या में वहां पुलिस बल पहुंचा. अस्पताल से करीब 24 से ज्यादा मरीजों को एम्बुलेंस से शिफ्ट कर जिला अस्पताल पहुंचाया और अवैध अस्पताल को सील किया गया है.
बाहर लगा था स्कूल का बैनर, अंदर हो रहा था मरीजों का उपचार
मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ अधिकारी धान्याखेड़ी गांव में संतरे के बगीचे में मरीजों के उपचार करने वाली घटना के बाद से ही फर्जी चिकित्सकों को ढूंढ-ढूंढकर कार्रवाई करने में जुटा हैं. गुरुवार की रात सीएमएचओ समुंदर सिंह मालवीय सहित दल के साथ जिला मुख्यालय पर बस स्टैंड के पास मालिखेड़ी रोड पर अवैध रूप से मरीजों का उपचार करने की सूचना पर कार्रवाई के लिए पहुंचे थी. बाहर स्कूल का बेनर लगा हुआ था और अंदर बड़ी संख्या में मरीजों को भर्ती कर लाइन लगाई जा रही थी. प्रशासन के दल को देखकर फर्जी चिकित्सक और उसके बेटों ने अस्पताल का अंदर से दरवाजा लगाकर, सीएमएचओ और नजूल आरआई को अंदर ही बंद कर लिया और उन पर हावी होकर हमला करने का प्रयास करने लगे.
![Police disclosed fake hospita](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-aga-01-prashasanbankdhak-pkg-mp10007_07052021102950_0705f_1620363590_19.jpg)
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हमले के लिए लोगों को उकसाया
इस दौरान वो लोग मरीजों और अटेंडरों को हमले के लिए उकसाने लगे. बाहर खड़े एसडीएम और अंदर से नजूल आरआई ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल वहां पहुंचा और अस्पताल के अंदर से 24 से ज्यादा मरीजों को निकालकर उपचार के लिए एम्बुलेंस से शिफ्ट कर जिला अस्पताल पहुंचाया गया. हालांकि मरीज बमुश्किल ही अस्पताल जाने को राजी हुए.
![Police disclosed fake hospita](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-aga-01-prashasanbankdhak-pkg-mp10007_07052021102950_0705f_1620363590_650.jpg)
दो सप्ताह पहले ही हुई थी कार्रवाई
आगर में झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ दो सप्ताह पहले ही कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने डॉक्टर से लोगों का इलाज नहीं करने को कहा था लेकिन चिकित्सक पर इसका कोई प्रभाव नहीम पड़ा और वह अपना काम बेखोफ करता रहा.