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महाकाल की नगरी में मनोज मुंतशिर: मोहनजोदड़ो से लेकर नेपोटिज्म पर रखी अपनी बात, कहा- पूर्व की सरकारों ने बाएं हाथ से लिखा इतिहास

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Published : Apr 2, 2022, 7:51 AM IST

Updated : Apr 2, 2022, 10:38 AM IST

उज्जैन पहुंचे गीतकार मनोज मुंतशिर ने हिंदू नव वर्ष यानी गुड़ी पड़वा की पूर्व संध्या पर अपनी प्रस्तुति से समा बांध दिया. उन्होंने लोगों की फरमाइश पर पंक्तियां सुनाईं. इस दौरान कार्यक्रम स्थल जय श्री राम व भारत माता की जय से गूंज उठा. मनोज ने बॉ​लीवुड में नेपोटिज्म और ताजमहल निर्माण पर जमकर निशाना साधा. (Manoj Muntashir in ujjain)

Manoj Muntashir in ujjain
उज्जैन में मनोज मुंतशिर

उज्जैन। महाकाल की नगरी में हिंदू नव वर्ष यानी गुड़ी पड़वा की पूर्व संध्या पर शहीद पार्क स्थित राष्ट्रवादी लेखक व गीतकार मनोज मुंतशिर ने प्रस्तुति दी. उन्होंने दर्शकों की फरमाइश पर माता-पिता भगतसिंह, हलदीघाटी, महाराणा प्रताप, मोहनजोदड़ो, भगवान राम, माता सीता से लेकर श्री कृष्ण और अपने दिल टूटने पर लिखी पंक्तियां सुनाईं. साथ ही इल्तुतमिश द्वारा तोड़े गए प्राचीन स्थल का भी जिक्र किया. सुशांत सिंह राजपूत को याद करते बॉलीवुड में नेपोटिज्म को बढ़ावा देने वालों पर भी निशाना साधा.

उज्जैन में बोले गीतकार मनोज मुंतशिर

भारत माता की जय से गूंजा स्थल: मनोज मुंतशिर की प्रस्तुति को सुनने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. इस मौके पर लोग लगातार जय श्री राम, भारत माता की जय, हर हर महादेव के जयकारे लगा रहे थे. इस दौरान उन्होंने लोगों के साथ खुलकर राष्ट्रवादी विचारों को साझा किया. मुगल और तुर्की पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें बताया गया कि शेरशाह सूरी, अकबर, खिलजी नहीं होते तो हम सिर्फ पत्ते लपेट कर नाच रहे होते. इन मूर्खों को कौन बताए इनके पहले मोहनजोदड़ो था, जो हम शहरों में व्यवस्थाएं देखते हैं यह उस मोहनजोदड़ो काल में थीं.

उच्च शिक्षा मंत्री ने किया ऐतिहासिक काम: मनोज मुंतशिर ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद देते हुए कहा मध्यप्रदेश के लिए जो किया वह ऐतिहासिक है. उन्होंने नई शिक्षा नीति लागू करवाई, जिसमें भगवद गीता, रामायण जैसे पवित्र ग्रंथों को पढ़ा जाएगा. सर्वश्रेष्ट माने जाने वाले राजा विक्रमादित्य, महा कवि कालिदास के बारे में नई शिक्षा नीति में पढ़ने का अवसर दिया है. उन्होंने कहा कि वह सच्चे इतिहास पर बहुत यकीन रखते हैं.

मनोज मुंतशिर ने ताजमहल निर्माण पर साधा निशाना

नेपोटिज्म पर हमलावर: मनोज मुंतशिर ने नेपोटिज्म पर कहा कि सुनो बड़े शहर और बड़े नाम वालों, अपने बड़प्पन का जुमला कहीं और जाकर बजाओ. हमारे तेवर से टकराओगे, तो टूट जाओगे. हम जानते हैं तुम पावर में हो तुम्हारे खरीदे हुए जौहरी हमको हीरा नहीं पत्थर कहेंगे. हम फिर भी चमकते रहेगें. उन्होंने कहा कि हुनर बोलता है प्रतिभा बोलती है इसलिए आप मुझे सुन रहे हैं, मुझे फर्क नहीं पड़ता, इन बड़े नाम वालो से. मनोज ने कहा नोट करते करते नेपोटिज्म कि स्याही खत्म हो जाएगी, लेकिन हमारे बाप दादा की मचाई हुई तबाही खत्म नहीं होगी. तुम वंशवाद की जमीन खोद दोगे तो हम बगावत का बीज बो कर निकलेंगे पर तुमसे हार नहीं मानेंगे.

गुड़ी पड़वा की पूर्व संध्‍या पर महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंधक ने निकाली नगर गौरव यात्रा, भव्य झांकी में ढोल, नगाडा, झांझ, मंजीरा के साथ मौजूद श्रद्धालु

उज्जैन आकर गर्व महसूस किया: मनोज ने बताया कि यहां आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. मैं मंगल ग्रह की जन्मभूमि उज्जैन में खड़ा हूं. महाकवि कालिदास की कर्मभूमि पर खड़ा हूं. दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग महाकाल की नगरी में खड़ा हूं. मैं श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली पर खड़ा हूं. मैं राजा विक्रमादित्य की नगरी में खड़ा हूं. मैं समुद्र मंथन से छलका अमृत अवंतिका नगरी में खड़ा हूं.

ताजमहल पर दिया बयान: मनोज मुंतशिर ने ताजमहल को लेकर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जि समय देश भुखमरी की हालत में था. उस वक्त के शहंशाह ने 9 करोड़ रुपए खर्च कर प्रेम का नाम देकर ताजमहल खड़ा कर दिया. बाएं हाथ से लिखे इतिहास को गर्व से बता-बता कर गरीब जनता के प्रेम का मजाक उड़ाया. अरे प्रेम की निशानी ही जानना है तो चित्तौड़ किले का इतिहास जानो. जहां माता पद्मिनी ने राजा रतन सिंह और एक क्षत्राणी का फर्ज निभाते हुए खुद को जलती लपटों में झोंक दिया. समुद्र को चीरते हुए भगवान श्री राम द्वारा माता सीता के लिए बनाए गए उस पुल पर गर्व करो जो प्रेम की निशानी है.

(Manoj Muntashir in ujjain) (Manoj Muntashir gave a presentation in Ujjain) (Muntashir Targets on Nepotism and tajmahal) (Hindu new year 2022)

Last Updated : Apr 2, 2022, 10:38 AM IST
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