ETV Bharat / city

मदर्स डे 2022: जबलपुर की एक ऐसी मां से मिलिए जिसने रिश्तेदारों के तानों का बेटी को बेहतरीन नृत्यांगना बना कर दिया जवाब

author img

By

Published : May 8, 2022, 5:58 PM IST

Jabalpur mother made her daughter best dancer
जबलपुर की मां ने बेटी को बनाया बेहतरीन डांसर

जबलपुर की एक ऐसी मां जिसने अपनी बेटी के लिए रिश्तेदारों के ताने सुने ,लेकिन बिना हिम्मत हारे उन्होंने अपनी बेटी को बेहतरीन नृत्यांगना बना दिया है. (Mother's Day 2022) (Jabalpur mother made her daughter best dancer)

जबलपुर। एक ऐसी मां जिसने अपनी बेटी के लिए हर तरह के ताने सुने, लेकिन उसे एक ऐसे मुकाम पर पहुंचा दिया जिसने सभी का मुंह बंद करा दिया. जबलपुर की अनीता विश्वकर्मा ने संघर्ष से आज अपनी बेटी अंशुल को एक बेहतरीन नृत्यांगना बना दिया है. अनीता के लिए संघर्ष आर्थिक नहीं सामाजिक था. (Jabalpur mother made her daughter best dancer)

मेरी बेटी का सामान्य चेहरा, रंग गेंहूआ है. बचपन से ही लोग उसे हीन भावना से देखा करते थे. समाज से उसे असामान्य व्यवहार मिला. हमेशा भेदभाव का सामना करना पड़ा. मैं उसे समझाती पर उसका कोमल मन बुरी तरह प्रभावित हो रहा था. बेटी के बचपन को मरते हुए मैंने देखा है. उसे ऐसे देखने की जगह मैंने और मेरे पति अंशुल ने उसे एक अलग हुनर देने की सोची ताकि वो अपना एक मुकाम बना सके. वो घर पर डांस करती थी. 4 साल की उम्र में नवरंग कथक कला केंद्र में नृत्यगुरु मोती शिवहरे को सौंप दिया महज 1 वर्ष की शिक्षा में ही जिला स्तरीय मंच पर उसने जीत हासिल की.

अनीता विश्वकर्मा

लोग कहते, बेटी कर देगी बदनाम:

जब बेटी मंचों पर परफॉर्मेंस देने लगी तो दर्शकों ने खूब तारीफ की. वहीं दूसरी तरफ घर-परिवार और रिश्तेदारों ने उलाहना और ताने देने शुरू कर दिए. कई बार मुझे भी रोना आ जाता था. एक बार कुछ परिचितों ने तो यह तक कह दिया कि बड़ी होकर बेटी हमें बदनाम करवा देगी. समाज में मुंह दिखाने के काबिल नहीं रखेगी. ये सब सुनकर मौत को गले लगाने का मन हो गया था, लेकिन मैंने खुद को संभाला और उसे एक अच्छी क्लासिकल डांसर बनाने के लिए पूरी जान लगाकर जुट गई. बेटी को भी समझाया कि तुम्हारी पहचान कद-काठी, रंग से नहीं बल्कि तुम्हारे हुनर से होगी.

अनीता विश्वकर्मा

अनीता ने अंशुल को कंम्पयूटर साइंस से इंजीनियरिंग की डिग्री भी करवाई है, साथ में उसे बैचलर ऑफ म्यूजिक की डिग्री भी पूरी करवाई है. जिसे देखकर अब लोग उसकी तारीफ जरूर करते हैं.

सिंगल पेरेंट होकर भी निभाईं सारी जिम्मेदारियां, बेटी को बनाया स्टेट टॉपर, जानिए कौन हैं इशिता दुबे की प्रेरणा

मां को पिता ने दी हिम्मत:

मेरी मां का जब भी मनोबल कमजोर होता था तो मेरे पिता शंकर विश्वकर्मा उन्हें हिम्मत देते थे. वे अक्सर कहते थे, ईश्वर ने हमें बेटी का वरदान दिया है, ये हमारा नाम रोशन करने वाली है. उनके इसी हौसले की वजह से मेरी मां हर कार्यक्रम के लिए खुद मुझे तैयार करती थी. मेरे साथ जातीं और उत्साह बढ़ाकर मुझे ये बताती कि काम से ही पहचान होती है. जिसके परिणाम स्वरूप मैंने जिला ही नहीं प्रदेश और देश के अलग-अलग राज्यों में अपनी परफॉर्मेंस देकर कई पुरस्कार जीते हैं.

-अंशुल

वर्तमान में अंशुल कथक नृत्य शिक्षिका के रूप में कई स्कूलों में सेवाएं दे रही हैं. साथ ही वे स्वयं की डांस एकेडमी भी चला रही हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.