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कारागार जीवन निर्माण का केंद्र, योगाचार्य भारत भूषण ने शिविर लगाकर कैदियों से कराया योग

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Published : Jun 20, 2019, 9:53 PM IST

योग से आरोग्य, योग वह साधन है जिसके जरिये बिना कुछ खर्च किये आप निरोग रह सकते हैं. पूरी दुनिया आज योग को महत्व दे रही है क्योंकि लोगों को योगासन के जरिये परेशानियों से मुक्ति जो मिल रही है. 1991 में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित प्राख्यात योगाचार्य भारत भूषण ने जेल के अंदर शिविर लगाकर कैदियों को योग सिखाया.

भारत भूषण योगाचार्य

सहारनपुर। योग के लिए किसी संयोग की जरूरत नहीं होती, निरोग रहने के लिए आप जब भी चाहें योग शुरू कर सकते हैं. आरोग्य के लिए योग सबसे सुलभ व उत्तम साधन है. धीरे-धीरे योग का दायरा बढ़ते हुए सारी सरहदों को पार कर गया और अब तो योग साधना की ये विधा जेल की चारदीवारी को भी पार कर गया है. यही वजह है कि अब जेल के अंदर सजायाफ्ता कैदियों को भी योग के जरिये निरोग रहने के आसन कराये जा रहे हैं. योग गुरू ने कारागार को जीवन का निर्माण केंद्र बताया है.

जेल में योग शिविर

21 जून 2019 दिन शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया मनाती है, यूपी के मुरादाबाद निवासी 1991 में पद्मश्री से सम्मानित योगाचार्य भारत भूषण ने सहारनपुर जेल में बंदियों के लिए योग शिविर का आयोजन किया गया. साथ ही कैदियों को योग करने से होने वाले लाभ की जानकारी भी दी गयी और अंत में योगाचार्य ने कहा कि तस्मात योगी भवः अर्जुन. मुस्कुराइये और योग करिये.

योग से आरोग्य तक बेहद आसानी से पहुंचा जा सकता है क्योंकि इसके लिए सिर्फ आपको दृढ़ संकल्प करना है कि रोजाना सुबह आप अपने लिए-अपनी सेहत के लिए थोड़ा सा समय निकालकर योगासन करेंगे, यही वजह है कि मुफ्त में जटिल से जटिल रोगों को दूर करने के इस सरल उपाय के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार भी प्रतिबद्ध है.

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योग से आरोग्य, योग वह साधन है जिसके जरिये बिना कुछ खर्च किये आप निरोग रह सकते हैं. पूरी दुनिया आज योग को महत्व दे रही है क्योंकि लोगों को योगासन के जरिये परेशानियों से मुक्ति मिली है. 1991 में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित प्राख्यात योगाचार्य भारत भूषण ने योगासन के कई टिप्स दिये और उन्होंने योग को निरोग रहने का सबसे सरल माध्यम बताया है.



सहारनपुर। योग के लिए किसी संयोग की जरूरत नहीं होती, निरोग रहने के लिए आप जब भी चाहें योग शुरू कर सकते हैं. आरोग्य के लिए योग सबसे सुलभ व उत्तम साधन है. धीरे-धीरे योग का दायरा बढ़ते हुए सारी सरहदों को पार कर गया और अब तो योग साधना की ये विधा जेल की चारदीवारी को भी पार कर गया है. यही वजह है कि अब जेल के अंदर सजायाफ्ता कैदियों को भी योग के जरिये निरोग रहने के आसन कराये जा रहे हैं. योग गुरू ने कारागार को जीवन का निर्माण केंद्र बताया है.



21 जून 2019 दिन शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया मनाती है, यूपी के मुरादाबाद निवासी 1991 में पद्मश्री से सम्मानित योगाचार्य भारत भूषण ने सहारनपुर जेल में बंदियों के लिए योग शिविर का आयोजन किया गया. साथ ही कैदियों को योग करने से होने वाले लाभ की जानकारी भी दी गयी और अंत में योगाचार्य ने कहा कि तस्मात योगी भवः अर्जुन. मुस्कुराइये और योग करिये.



योग से आरोग्य तक बेहद आसानी से पहुंचा जा सकता है क्योंकि इसके लिए सिर्फ आपको दृढ़ संकल्प करना है कि रोजाना सुबह आप अपने लिए-अपनी सेहत के लिए थोड़ा सा समय निकालकर योगासन करेंगे, यही वजह है कि मुफ्त में जटिल से जटिल रोगों को दूर करने के इस सरल उपाय के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार भी प्रतिबद्ध है.


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