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Jiwaji University: 100 करोड़ की जमीन पर दबंगों का कब्जा, माफिया के आगे 'बेबस प्रशासन'

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Published : Apr 13, 2021, 4:36 PM IST

Updated : Apr 13, 2021, 5:20 PM IST

ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय की अरबों वो रुपए की जमीन पर दबंगों का कब्जा है. विश्वविद्यालय बाकायदा कलेक्टर को बार बार छुट्टी लेकर अपनी जमीन मुक्त कराने की गुहार लगा रहा है.

माफिया के आगे 'बेबस प्रशासन'
Operation Mafia Madhya Pradesh

ग्वालियर। मध्य प्रदेश सरकार के ऑपरेशन माफिया ने ग्वालियर जिले में अरबों रुपए की सरकारी जमीन मुक्त करा दी हो, लेकिन ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय की अरबों वो रुपए की जमीन पर दबंगों का कब्जा है. विश्वविद्यालय बाकायदा कलेक्टर को बार बार छुट्टी लेकर अपनी जमीन मुक्त कराने की गुहार लगा रहा है, साथ ही ऑपरेशन माफिया का हवाला दे रहा है, बावजूद इसके प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है. ऐसे में अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है.

100 करोड़ की जमीन पर दबंगों का कब्जा

जीवाजी विश्वविद्यालय की 100 करोड़ की जमीन पर अवैध रूप से काटे 33 प्लॉट

ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय की जमीन पर अवैध तरीके से पीछे गई थी. 33 प्लॉट को 3 साल में भी खाली नहीं कराया गया है. लगभग 100 करोड रुपए की इस जमीन से कब्जा हटाने के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय कुलसचिव लगातार पत्र लिख चुके है. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की है जबकि 2018 में तहसीलदार द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट के बाद जेयू को कब्जा सौंपने के आदेश भी भी हो चुके हैं, लेकिन इस मामले में कलेक्टर कह रहे हैं कि जमीन के सीमांकन को लेकर विवाद है मामला से मिलने वाला है जा चुका है, जबकि कुलपति का कहना है कि विश्वविद्यालय की जमीन पर कुछ लोगों ने मकान बना दिए हैं, हमारी नोटिस के बाद कुछ लोग कोर्ट पहुंच गए हैं. कैलाश नगर में हमारी जमीन है और यह विश्वविद्यालय को मिलना ही चाहिए या फिर प्रशासन बदले में दूसरी जमीन दें.

Operation Mafia Madhya Pradesh
जीवाजी विश्विद्यालय की जमीन

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कलेक्टर द्वारा कार्रवाई के निर्देश के बाद भी नहीं मिली जेयू की जमीन

एंटी माफिया अभियान के अंतर्गत तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी की अगुवाई में कार्रवाई हुई थी. इस दौरान सिटी सेंटर स्थित कैलाश नगर में भी कार्रवाई हुई थी. इस कार्रवाई में पता चला था कि जीवाजी विश्वविद्यालय की जमीन पर गलत तरीके से प्लॉटिंग करके भूखंड बेच दिए हैं. इस संबंध में कॉलोनाइजर पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए थे. अवैध विक्रय को लेकर अभी तक न तो कानून हाईवे पर कार्रवाई हुई है और नहीं जेयू की जमीन वापस मिली है. कुलसचिव का तीन बार प्रशासन को पत्र लिख चुके हैं लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई की बजाय उदासीनता रवैया अपना लिया है.

ऐसे समझे जीवाजी विश्वविद्यालय की जमीनों की मामले को

  • महल गांव के सर्वे नंबर 869,871,872 में जीवाजी विश्वविद्यालय की जमीन है.
  • इस जमीन पर कैलाश नगर में अवैध रूप से 33 प्लॉट काट दिए थे.
  • इन भूखंडों पर वे कब्जे को मुक्त कराने के लिए तहसीलदार ने समिति गठित की थी.
  • इसके बाद 13 अप्रैल 2018 को सुबह 9:00 बजे विश्वविद्यालय को कब्जा सौंपने का आदेश दिया था.
  • आदेश के बाद भी तत्कालीन समय में प्रशासन ने विश्वविद्यालय प्रशासन को कब्जा नहीं सौंपा.
    Jiwaji University of Gwalior
    जीवाजी विश्विद्यालय

इतने लिखे जा चुकी है पत्र

विश्वविद्यालय कुलसचिव आनंद मिश्रा ने 5 अप्रैल 2019, 3 जनवरी 2020, 19 नवंबर 2020 पर 11 जनवरी और 29 फरवरी 2021 को कब्जा डीएसओपी जाने को लेकर पत्र लेते हैं. पत्र में अनुरोध किया है कि अवैध कब्जे के लिए प्लॉट पर बनी बाउंड्री वाल बुनियादी तोड़ी जाए अवैध अतिक्रमण को हटा कर जमीन विश्वविद्यालय को सौंपी जाए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जीवाजी विश्वविद्यालय लगातार जिला प्रशासन को चिट्ठी लिख रहा है. ऑपरेशन माफिया का हवाला भी दे रहा है ऐसे में देखना होगा प्रशासन कब उसकी जमीन चला पाता है.

Last Updated : Apr 13, 2021, 5:20 PM IST
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