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MP Local Body Election: बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला, जानें क्या है ग्वालियर, सतना, सिंगरौली और सागर के मतदाताओं का मूड

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Published : Jul 6, 2022, 7:03 AM IST

Updated : Jul 6, 2022, 10:12 AM IST

MP Local Body Election
बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला

मध्य प्रदेश के ग्वालियर,सतना, सिंगरौली और सागर नगर निगमों में इस बार चुनावी मुकाबला काफी रोचक होने की उम्मीद है. (MP Mayor Election) भाजपा और कांग्रेस के चुनावी गणित को बिगाड़ने की कोशिश में आम आदमी पार्टी भी जुटी है. दोनों दलों को टिकट बंटवारे की वजह से कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भी झेलना पड़ रही है. (MP Urban body elections) नगर निगमों में कहां पर किससे किसकी लड़ाई है, इसकी पूरी जानकारी हम आपको एक जगह पर दे रहे हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव (MP Mayor Election) के लिए बीजेपी (BJP) कांग्रेस (Congress) के महापौर प्रत्याशियों में इस बार कांटे का मुकाबला नजर आ रहा है. (MP Urban body elections) चुनावी दंगल में जीत तय करने के लिए उम्मीदवारों के पक्ष में बड़े नेता भी वोट मांगने जनता के बीच पहुंचे. (MP Mayor Candidates) ग्वालियर, सतना और सिंगरौली, के निकाय चुनाव की बात करें तो कांग्रेस और भाजपा से बगावत कर कई नेता अलग-अलग दलों से भी ताल ठोक रहे हैं, तो वहीं कुछ नेता अपने काम का दावा करते हुए निर्दलीय महापौर के पद पर दावेदारी ठोक रहे हैं. इस दिलचस्प मुकाबले में अब देखना यह होगा कि किसका राजतिलक होगा और किसे मिलेगा वनवास.

MP Urban body elections
नगरीय निकाय चुनाव

नगर निगम सहित सात नगर परिषदों में मतदान: मध्यप्रदेश के ग्वालियर, सिंगरौली, सतना, सागर में 6 जुलाई को प्रथम चरण में मतदान होना है. सुबह 7 बजे से ग्वालियर नगर निगम सहित सात नगर परिषदों में मतदान होगा. जिले में कुल 12 लाख 34 हजार मतदाता हैं. इनमें 6 लाख 52 हजार पुरूष, 5 लाख 82 हजार महिला और 111 अन्य मतदाता शामिल हैं. इसमे कुल 1421 मतदान केंद्र बनाये गए हैं. जिनमे से ग्वालियर नगर निगम के 66 वार्डो में 1169 मतदान केंद्र हैं. इसी तरह नगर पालिका डबरा में 165, नगर परिषद आंतरी,बिलौआ और पिछोर में 15-15, नगर परिषद भितरवार में 22 और नगर परिषद मोहना में 20 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं.

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आप ने त्रिकोणीय किया मुकाबला: ग्वालियर नगर निगम सीट प्रदेश की सबसे हॉट सीट मानी जा रही है. क्योंकि यहां पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर की साख दांव पर लगी हुई है. ग्वालियर नगर निगम पर पिछले 57 साल से बीजेपी का महापौर काबिल है और यही वजह है इस रिकॉर्ड को कायम करने के लिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. इस बार कांग्रेस की पीछे नहीं है. कांग्रेस ने विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सतीश सिकरवार को मैदान में उतारा है. इसलिए बीजेपी से कड़ी टक्कर मानी जा रही है. यही वजह है कि कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी के कारण इस बार प्रचार प्रसार में सीएम शिवराज सहित बीजेपी के तमाम नेताओं ने पूरी ताकत लगाई है. चुनाव में पहली बार ग्वालियर में बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के बीच आप पार्टी के मैदान में है. आप पार्टी ने कांग्रेस की पूर्व महिला अध्यक्ष व रुचि राय ठाकुर को उम्मीदवार बनाने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. हालांकि आप अपने दम महापौर के पद पर काबिज होने की स्थिति में दिखाई नहीं दे रही है, लेकिन यह बीजेपी और कांग्रेस का वोट काटने में सबसे बड़ा सिरदर्द साबित होगी.

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सतना में बढ़ी राजनैतिक सरगर्मियां: सतना में बीजेपी ने प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश ताम्रकार को अपना महापौर प्रत्याशी घोषित किया है, वहीं कांग्रेस ने सतना विधानसभा क्षेत्र से विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को महापौर पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया है. महापौर और अध्यक्ष पद के आरक्षण के बाद सतना में राजनैतिक सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं भाजपा के सामने जहां चुनौती अपनी प्रतिष्ठा बचाने की होगी वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपना 20 साल का वनवास खत्म करने की जुगत में है. इस बार कांग्रेस को उम्मीद है कि वह मेयर चुनाव में फतह हासिल करेगी नगर निगम समेत जिले में 12 नगरी निकाय हैं. जिनमें नगर निगम समेत 10 नगरीय निकायों में भाजपा का कब्जा है. मात्र दो में कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. वह भी दोनों धार्मिक स्थल हैं. यह अलग बात है कि, 1995 में नगर निगम के मेयर के रूप में राजाराम त्रिपाठी विजयी हुए थे. नगर निगम चुनाव से इस बार कांग्रेस को खासी उम्मीदें हैं. 15 साल बाद यानी 2018 विधानसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस का विधायक चुना गया. पार्टी को उम्मीद है कि 20 साल बाद एक बार नगर निगम की कुर्सी भी फिर से उसकी झोली में होगी. 16 जनवरी 1995 को पार्टी के राजाराम त्रिपाठी नगर निगम के महापौर चुने गए थे. पार्षदों के जरिए महापौर चुने गए त्रिपाठी का कार्यकाल 10 जनवरी 2000 तक रहा था. इसके बाद से निगम में कांग्रेस का मेयर नहीं बना. इस चुनाव में पार्टी को उम्मीद है कि, जिस तरह से कांग्रेस अपना विधायक बनाने में सफल रही है. उसी तरह मेयर भी बनवा पाएगी.

MP Local Body Election
महापौर प्रत्याशी

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सतना में त्रिकोणीय मुकावला: भाजपा और कांग्रेस के दावेदारों की चर्चा खूब है, लेकिन इस बीच बसपा और आम आदमा पार्टी भी तैयारी में जुटी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को सतना दौरे पर थे. सीएम का कार्यक्रम 3 बजे से तय था, लेकिन अचानक प्लेन में खराबी आ जाने की वजह से सीएम का कार्यक्रम विलंब हुआ, सीएम देर शाम सतना पहुंचे. इसके बाद सीएम ने शहर के मुख्य मार्गो में रोड शो करते हुए बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट की अपील की. सीएम का रोड शो रात्रि 10 बजे तक झमाझम बारिश के बीच में चलता रहा. 2010 के महापौर चुनाव में राजनैतिक अनुमानों को धता बताते हुए बसपा के पुष्कर सिंह तोमर निर्वाचित हुए थे. ऐसी परिस्थितियां बनी थी कि, उस वक्त भाजपा के प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो गई थी. इस बार के चुनाव में कांग्रेस से बगावत कर चुके कांग्रेस के पूर्व मंत्री बसपा में शामिल होकर महापौर प्रत्याशी का नामांकन दाखिल कर मैदान में हैं. इस वजह से बसपा को भी नगरीय निकाय चुनाव में खासी उम्मीदें हैं.

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BJP, AAP और कांग्रेस ने उतारे दमदार प्रत्याशी: सिंगरौली नगर निगम की सीट अनारक्षित घोषित की गई है. यानी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के चयन के लिए सभी दरवाजे खुले हुए हैं. नगर निगम में महापौर पद के लिए कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इस बीच प्रदेश की उर्जाधानी के नाम से विख्यात सिंगरौली नगर निगम में मेयर की कुर्सी के लिए काफी रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है. इस बार का चुनावी जंग इसलिए भी रोचक माना जा रहा है क्योंकि बीजेपी ने पूर्व नगर निगम स्पीकर चंद्र प्रताप विश्वकर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस से अरविंद सिंह चंदेल तो आप से रानी अग्रवाल चुनाव मैदान में है. बताया जाता है कि ये तीनों ही प्रत्याशी बेहद दमदार हैं. मतदाताओं में भी इन तीनों की जबरदस्त पकड़ है. ऐसे में इस बार का मुकाबला बहुत ही रोचक होने वाला है. इसके पहले सिंगरौली से आदिवासी महिला कोटे से प्रेमवती खैरवार बीजेपी की महापौर रही हैं. यहां 2 लाख 4 हजार से ज्यादा वोटर महापौर और 45 पार्षद चुनेंगे. नगर निगम के वार्डों की संख्या- 45 है तो वहीं कुल मतदाता- 204445 हैं. इसमें से पुरूष मतदाताओं की संख्या 110162 और महिला मतदाता 94266 हैं.

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1980 में दिया गया था नगर निगम का दर्जा: इधर बुंदेलखंड में एक समय ऐसा था कि, सागर नगर एकमात्र नगर पालिका परिषद थी. इसे 1980 के दशक में नगर निगम का दर्जा दिया गया. नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद 1983 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस के नवीन जैन पहले महापौर निर्वाचित हुए थे. तब नगर निगम के महापौर का कार्यकाल 1 वर्ष का होता था. नवीन जैन का कार्यकाल पूरा होने के बाद 1984 में कांग्रेस के हुकुमचंद चौधरी नगर निगम के महापौर बने थे. इसके बाद 1985 में कांग्रेस के उत्तमचंद खटीक महापौर बने थे. सागर नगर निगम के पिछले 42 साल के इतिहास को उठाकर देखें, तो दो महापौरों को कानूनी लड़ाई और दांवपेच के चलते के चलते पद से हटना पड़ा और निर्वाचित महापौर की जगह शासन से मनोनीत पार्षदों ने महापौर की कुर्सी संभाली. 1994 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चयन किया गया था. कांग्रेस के पार्षद लोकमन खटीक को तत्कालीन पार्षदों द्वारा चुना गया था, लेकिन 1997 में तत्कालीन सेवा दल के अध्यक्ष नवल पुरोहित की हत्या के मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद शासन द्वारा लोकमत खटीक को हटाकर वल्लभ नगर वार्ड के पार्षद राजाराम अहिरवार को 25 जुलाई 1997 को महापौर मनोनीत किया गया था. जो करीब 8 माह तक इस पद पर रहे थे.

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जनता ने निर्दलीय किन्नर कमला बुआ को महापौर चुना था: अदालत से जमानत मिलने के बाद लोकमन खटीक को फिर महापौर बनने का मौका मिला था. इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और नगर पालिका अध्यक्षों के सीधे निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हुई. 2010 में हुए महापौर चुनाव में सागर की जनता ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए निर्दलीय किन्नर कमला बुआ को महापौर चुना था. कमला बुआ को कानूनी दांवपेच के चलते अपना पद छोड़ना पड़ा था. दरअसल उनका अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया था और सुप्रीम कोर्ट ने उनका निर्वाचन निरस्त कर दिया था. इसके बाद सरकार ने अंबेडकर वार्ड की पार्षद अनीता अहिरवार को महापौर मनोनीत किया था. जो 2 साल तक सागर की महापौर रही थी. इसके बाद 2015 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अभय दरे ने जीत हासिल की थी.

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प्रथम चरण में 394 मतदान केंद्र: सागर जिले में दो चरण में चुनाव संपन्न होगा. प्रथम चरण में 6 जुलाई को मतदान होगा, इसमें सागर नगर निगम सहित 6 नगरीय निकाय के 120 वार्डो के जनप्रतिनिधियों का निर्वाचन होगा. इन 120 वार्डों में मतदान के लिए 394 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं. इनमें 118 मतदान केंद्र संवेदनशील घोषित किए गए हैं. साथ ही 276 मतदान केंद्र सामान्य श्रेणी के रहेंगे.

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8 प्रत्याशी मैदान में: नगरीय निकाय चुनाव के प्रथम चरण में नगर निगम सागर के 48 वार्डों में 251 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इनमें 2 लाख 22 हजार 584 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. 1 लाख 13 हजार 894 पुरुष, 1 लाख 8 हजार 679 महिला एवं 11 अन्य मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर 248 प्रत्याशियों में से 48 वार्ड पार्षद सहित नगर निगम महापौर का चुनाव करेंगे. सागर नगर निगम के चुनाव के लिए 251 मतदान केन्द्रों में 251 मतदान दल गठित किए गए है. इन मतदान दलों में 1004 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है. जबकि 100 मतदान कर्मी रिजर्व में रखे गये हैं. सागर नगर निगम में महापौर पद के लिए 8 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें प्रमुख मुकाबला कांग्रेस की निधि जैन और भाजपा के संगीता तिवारी के बीच हो रहा है.

Last Updated :Jul 6, 2022, 10:12 AM IST
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