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MP में बना रेलवे का पहला फायर बिग्रेड :170 साल के इतिहास में पहली बार बनी सेल्फ प्रोपेल्ड दुर्घटना राहत गाड़ी, सेंट्रल सेप्टी डिपार्टमेंट की रिसर्च

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Published : Mar 29, 2022, 10:24 PM IST

रेलवे का पहला फाइटर अग्नि दमन यंत्र बनकर तैयार हो गया है. भारतीय रेलवे के 170 साल के इतिहास में यह पहला यंत्र माना जा रहा है. इसे अग्नि दमन यंत्र 'आदित्य' का नाम दिया है. जल्द ही प्रिंसिपल मेकेनिकल इंजीनियर, जनरल मैनेजर, सेंट्रल सेप्टी डिपार्टमेंट की रिसर्च के बाद इस अग्नि दमन यंत्र को मान्यता मिल सकती है.

Railway first fire brigade made in MP
MP में बना रेलवे का पहला फायर बिग्रेड

बैतूल। आमला रेलवे जंक्शन में रेलवे का पहला अग्निदमन यंत्र बनकर तैयार हो गया है. यह आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए देश का पहला फायर फाइटर है. इसे खुद रेलकर्मियों ने तैयार किया है. मध्य रेल मंडल के आमला सेक्शन में सीनियर सेक्शन इंजीनियर बीके सूर्यवंशी ने इसे तैयार किया है. जिसे दुर्घटना के दौरान भेजी जाने वाली सेल्फ प्रोपेल्ड़ दुर्घटना राहत गाड़ी में तैयार किया है. इसे अग्नि दमन यंत्र आदित्य नाम दिया गया है.


अग्नि दमन यंत्र तैयार : आमला में भारतीय रेलवे के 170 साल के इतिहास में कभी भी रेलवे ने आग लगने पर खुद के फायर बिग्रेड का इस्तेमाल नही किया है. ऐसी घटनाओं पर रेलवे हमेशा राज्य सरकार या सैन्य संस्थान के फायर बिग्रेड का इस्तेमाल करता है. रेलवे के पास खुद की दमकल नहीं है. हालांकि अब आमला सेक्शन में सीनियर सेक्शन इंजीनियर बीके सूर्यवंशी ने अग्नि दमन यंत्र आदित्य तैयार किया है .

Railway first fire brigade made in MP
आमला सेक्शन में सीनियर सेक्शन इंजीनियर बीके सूर्यवंशी ने इसे तैयार किया

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अभी किया यह इन्वेंशन : आमला स्टेशन पर ब्रेकडाउन यूनिट है. जिनमें एक यूनिट 3 कोच के साथ सेल्फ प्रोपेल्ड़ है. इसे SPARMV के नाम से जाना जाता है. इसमें शुरुआती तौर पर 100 ली. पानी के साथ फोम टाइप फायर एक्सटिंगविंशर के प्रकल्प को तैयार किया है. यह रेलवे के इतिहास की पहली व्यवस्था है. किसी भी सेक्शन में यात्री गाड़ी, मालगाड़ी या स्टेशन पर यदि आग लगती है तो रेलवे सेल्फ प्रोपेल्ड़ यूनिट अधिकतम 105 किमी प्रति घण्टे की गति से घटना स्थल की ओर रवाना हो सकती है.

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यह है आदित्य : अग्नि दमन यंत्र कार्यप्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें SPARMV में उपलब्ध पानी और फेम लिक्विड का रूप से उपयोग किया जाएगा. एक पेट्रोल चलित जनरेटर की सहायता से पानी व फोम लिक्विड को 3 इंच के डिस्चार्ज के साथ घटते क्रम में पाइप लाइन में प्रवेश करवा कर SPARMV के सिरों पर स्थापित किया गया है. एक सिरे पर जेट लगी होज रील को कपल करके प्रति मिनिट 45 से 50 लीटर फोमयुक्त पानी का 25 से 30 फिट तक स्प्रे किया जाएगा. इसमें ऐसी व्यवस्था का निर्माण किया गया है जिसमें आवश्यकता के अनुसार होज रील को 300 फिट तक बढ़ाया जा सकता है. इ़सकी लागत लगभग 75 हजार से 90 हजार रुपये है.

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ऐसे बनी यह व्यवस्था : प्रोजेक्ट को तैयार करने वाले सीनियर सेक्शन इंजीनियर बीके सूर्यवंशी के मुताविक 24 साल के कार्यकाल में रेल में आग लगने की कई घटना हुई हैं. इन घटनाओं में जैसे-मरामझिरी-धाराखोह सेक्शन में मिलिट्री ओडीसी डीजल इंजन में आग लगना, नरखेड़-तिगांव सेक्शन में राजधानी के गार्ड-वैन में आग लगने पर पर्याप्त संसाधनों का अभाव था.

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अप्रूवल मिलने पर पूरे देश में होगी व्यवस्था : पिछले 22 मार्च को जनरल मैनेजर मुंबई के आमला दौरे के दौरान चीफ मेकेनिकल इंजीनियर ने भी इसको देखकर सराहना की थी. उन्होंने हैरानी जताई और बेहतर प्रयास कहा है. जल्द ही प्रिंसिपल मेकेनिकल इंजीनियर, जनरल मैनेजर, सेंट्रल सेप्टी डिपार्टमेंट की रिसर्च के बाद इस अग्नि दमन यंत्र को मान्यता मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

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