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सिमडेगा में नक्सलियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करने में जुटी पुलिस, सुनसान रास्तों पर भी आने-जाने लगे ग्रामीण

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Published : Jan 29, 2021, 9:43 PM IST

Updated : Jan 30, 2021, 8:26 PM IST

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सिमडेगा को सुरक्षित पनाहगाह बनाना चाहते हैं नक्सली

जंगल और पहाड़ों के बीच बसा सिमडेगा जिला नक्सली और उग्रवादियों का गढ़ माना जाता था, लेकिन पुलिस की तत्परता ने अब उस पर पानी फेर दिया है. कभी यहां के जंगलों में पत्तियों की आवाज से ही लोग भयभीत होने लगते थे, लेकिन पुलिस अब हर मोर्चे पर नक्सलियों को भागने पर मजबूर कर रही है.

सिमडेगा: जंगल और पहाड़ों के बीच बसे सिमडेगा को कुछ वर्षों पूर्व नक्सलियों और उग्रवादियों का अड्डा माना जाता था. सिमडेगा की भौगोलिक संरचना कई बार अपराधियों-उग्रवादियो के मुफीद साबित होती थी, लेकिन अब इन नक्सलियों के मंसूबों पर सिमडेगा पुलिस पानी फेरने में जुट गई है. पुलिस कई बार अपराधियों के मंसूबों को नाकाम भी कर चुकी है.

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कभी सिमडेगा के जंगलों में पत्तियों की आवाज मात्र से ही लोगों के कान खड़े हो जाया करते थे. ऐसी कोई आहट सुन ग्रामीण भयभीत होने लगते थे. यह आवाजें कुछ और नहीं, बल्कि नक्सलियों के पदचाप की होती थी, जिससे ग्रामीण जंगलों और सुनसान रास्तों का रूख करने से कतराते थे, लेकिन सिमडेगा पुलिस अब हर मोर्चे पर उग्रवाद और नक्सलियों के मंसूबों पर मुश्किलें खड़ी कर रही है.

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नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी

सिमडेगा की सीमा दो पड़ोसी राज्य के सीमा से जुड़ी हुई है. इसमें ओडिशा और छत्तीसगढ़ शामिल हैं. यही वजह है कि नक्सली आसानी से दूसरे राज्यों में घटना को अंजाम देकर इस जिले में प्रवेश कर जाते हैं. हालांकि, सिमडेगा पुलिस नक्सलियों के खिलाफ लगातर अभियान चलाती रहती है. इस दौरान कई ऐसे मुठभेड़ भी हुए हैं, जब नक्सलियों को हार का सामना करना पड़ा है. कई बार पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार भी किया है.

जिले को पनाहगाह बनाने का प्रयास

पुलिस अधीक्षक डॉ शम्स तबरेज ने कहा कि सिमडेगा की सीमा पड़ोसी राज्यों से लगती है और इसका सीमावर्ती क्षेत्र काफी घने जंगलों से घिरा हुआ है. इस कारण नक्सली और उग्रवादी इस जिले को सुरक्षित पनाहगाह बनाने का प्रयास करते हैं, लेकिन पुलिस की पैनी नजर ऐसे मूवमेंट पर बनी हुई है. पुलिस अधीक्षक की मानें तो इन नक्सलियों का मुख्य मकसद पैसे की वसूली है. सिमडेगा की सीमा में प्रवेश कर ये उग्रवादी ठेकेदार और बड़े व्यापारियों से लेवी की मांग करते हैं.

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ग्रामीणों का लिया जा रहा साथ

एसपी डॉ शम्स तबरेज ने कहा कि सिमडेगा की भौगोलिक स्थिति ही कुछ ऐसी है कि उग्रवादी इसे अपना सुरक्षित शरणस्थली बनाकर रखना चाहते हैं, लेकिन पुलिस इनके मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देगी. एंटी नक्सल अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में इनामी नक्सलियों के पोस्टर लगाकर लोगों से सूचना देने की लगातार अपील की जा रही है, ताकि जिले को इनके प्रभाव से पूरी तरह मुक्त किया जा सके. उन्होंने बताया कि पूर्व में भी कई ऐसे मुठभेड़ हुए हैं, जिसमें नक्सलियों को हार का सामना करना पड़ा है. पीएलएफआई के विरुद्ध कई कारगर कार्रवाई की गई है.

एसपी ने कहा कि अब तक सिमडेगा पुलिस ने 14 पीएलएफआई उग्रवादियों को हथियार सहित गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया है और आगे भी सिमडेगा पुलिस 24×7 के तहत कार्य करते हुए नक्सलियों को मात देती रहेगी.

Last Updated :Jan 30, 2021, 8:26 PM IST
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