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मिश्रित खेती कर बढ़ा सकते हैं अपनी आमदनी, 2022 तक किसानों की आय होगी दोगुनी

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Published : Jul 9, 2019, 7:47 PM IST

भारत गांवों का देश है. यहां आधी से ज्यादा आबादी खेती कर अपना जीवनयापन करती है, लेकिन आए दिन कृषि और किसान से जुड़ी समस्याएं अर्थव्यवस्था की स्थिति को बदतर बना देती है. सरकार को इस ओर विशेष पहल करने की जरूरत है.

कृषि भवन

रांचीः किसान को देश का जीवन रेखा माना जाता है. किसी भी देश के विकास उसके कृषि क्षेत्र के विकास के बिना अधूरा है. लेकिन बीते कुछ सालों से मौसम की बेरुखी के कारण किसानों को पारंपरिक खेती से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. यही वजह है कि किसान इस बार खेती से थोड़े मायूस नजर आ रहे हैं. इस बार भी मानसून ने किसानों के साथ बेईमानी कर 15 दिन देरी से प्रवेश किया.

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प्रधानमंत्री 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से कई सारी योजनाएं चला रहे हैं. राज्य सरकार किसानों को उच्च तकनीक से खेती करने के गुर सीखाने के लिए इजराइल तक भेजने का काम कर चुकी है. किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए 4 पहलुओं का उल्लेख किया था. जिनमें कच्चे माल की लागत कम, उपज की उचित मूल्य सुनिश्चित करना, फसलों की बर्बादी रोकना और आमदनी के वैकल्पिक स्रोत सृजित करने पर विशेष जोर दिया था.

कृषि एवं विकास कल्याण मंत्रालय के बजट अनुमानों का वर्षवार विवरण
बजट अनुमान (करोड़ में)
⦁ 2014-15 -31542.95
⦁ 2015-16- 25460.51
⦁ 2016-17- 45035.20
⦁ 2017-18- 51576.00
⦁ 2018-19- 58080.00
⦁ कुल-- 211694.66

कृषि विभाग के समेति निदेशक सुभाष सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य रखा है. जिसके तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार किसानों की आय दुगुनी करने के उद्देश्य से कई कल्याणकरी योजनाएं चला रही हैं. जिससे किसानों की आय दुगनी की जा सके. सरकार किसानों के लिए मत्स्य पालन, गव्य पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन पर विशेष जोर दे रही है. जिसके तहत किसानों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रस्तावित योजना

योजना का नाम- बजट उपबंध राशि (लाख)- प्रस्तावित योजना राशि (लाख)

1. उद्यान विकास योजना- 7500.00- 7500.00
2. जैविक खेती हेतु वृत्त एवं कृषि अपशिष्ट कल्चर का उत्पादन एवं उपयोग जिला स्तर से कार्यन्वित- 8000.00- 3000.00
3. राज्य बागवानी मिशन गैर कार्यान्वित जिला- 2000.00- 2000.00
4. मिट्टी क्रांति के तहत मधुमक्खी पालन की योजना-100.0-100
5. राष्ट्रीय बागवानी मिशन MIDH- 6250.00- 6250.00

योग- 23850.00-18850.00

प्रगतिशील किसान नकुल महतो का कहना है कृषि क्षेत्र में इस तरह चौमुखी विकास किया जाए कि कृषि उत्पादन के भंडारों के साथ किसान की आय भी बढ़े. किसान को खेती के साथ-साथ अन्य चीजों में किस तरह से अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं, इस ओर भी ध्यान देना होगा. राज्य में कृषि मित्र से लेकर कृषि मंत्री तक है लेकिन योजनाओं को लेकर अधिकारियों का तालमेल नहीं होने के कारण योजनाएं किसानों तक नहीं पहुंच पाती. ये सिर्फ फाइलों में दब जाती हैं. किसान कहते हैं कि

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सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है, जैसे पारंपरिक खेती के अलावा मत्स्य पालन, पशु पालन, बकरी पालन, सूकर पालन जैसी योजनाएं है लेकिन इन योजनाओं का लाभ किसानों तक सीधा नहीं पहुंच पा रहा है.

किसान कहते हैं कि सब्जी उत्पादन में किसानों को 3 महीने का समय लगता है, लेकिन कई क्षेत्रों में पानी की समस्या होने के कारण किसान पूरे साल भर सब्जी की खेती नहीं कर पाते. ऐसे में किसानों को प्रशिक्षण देकर पारंपरिक खेती के अलावा अन्य खेती में लाने के लिए प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है.

Intro:रांची
डे प्लान...स्पेसल खबर

बाइट---सुभाष सिंह समेती निदेशक कृषि भवन
बाइट--नकुल महतो प्रगतिशील किसान

किसान को देश का जीवन रेखा माना जाता है और किसी भी देश विकास उसके कृषि क्षेत्र के विकास के बिना अधूरा है लेकिन बीते वर्षों से मौसम की बेरुखी के कारण किसानों को पारंपरिक खेती से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। यही कारण है कि किसान इस बार खेती में थोड़ी मायूस नजर आ रहे हैं क्योंकि इस बार भी मॉनसून ने भी किसानों के साथ बेईमानी कर 15 दिन लेट से प्रवेश किया है। उधर देश के प्रधानमंत्री 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने के उद्देश्य से कई सारी योजनाएं चला रही है तो वही राज्य सरकार किसानों को उच्च तकनीक से खेती करने के गुर सीखने के लिए इजराइल तक भेजने का काम किया है। किसानों की आय 2022 तक दुगनी करने के विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए चार पहलुओं का उल्लेख किया था जिनमें कच्चे माल की लागत कम, उपज की उचित मूल्य सुनिश्चित करना, फसलों की बर्बादी रोकना और आमदनी के वैकल्पिक स्रोत सृजित करने पर विशेष जोर दिया था।

कृषि एवं विकास कल्याण मंत्रालय के बजट अनुमानों का वर्ष वार विवरण

वर्ष। बजट अनुमान(करोड़ में)
2014-15 (31542.95)
2015-16 (25460.51)
2016-17 (45035.20)
2017-18 (51576.00)
2018-19 (58080.00)
कुल। (211694.66)



Body:कृषि विभाग के समेति निदेशक सुभाष सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। जिसके तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा की आय को दुगुनी करने उद्देश्य से कई कल्याणकरी योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि किसानों की आय दुगनी किया जा सके। सरकार किसानों के लिए सरकार मत्स्य पालन गव्य पालन,मुर्गी पालन मधुमक्खी पालन मत्स्य पालन पर विशेष जोर दे रही है । जिसके तहत की किसानों को ट्रेनिंग भी दिया जा रहा है।


वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रस्तावित योजना
योजना का नाम, बजट उपबंध राशि लाख में, प्रस्तावित योजना राशि लाख में,

1)उद्यान विकास योजना, (7500.00), (7500.00)
2) जैविक खेती हेतु वृत्त एवं कृषि अपशिष्ट कल्चर का उत्पादन एवं उपयोग जिला स्तर से कार्यन्वित (8000.00), (3000.00)
3) राज्य बागवानी मिशन गौर कार्यान्वित जिलो,,(2000.00),,(2000.00)
4) मिट्टी क्रांति के तहत मधुमक्खी पालन की योजना(100.0),,(100)
5) राष्ट्रीय बागवानी मिशन MIDH(6250.00)(6250.00)

योग,(23850.00)(18850.00)


Conclusion:प्रगतिशील किसान नकुल महतो ने कहा कि कृषि क्षेत्र में इस तरह चौमुखी विकास किया जाए कि एवं कृषि उत्पादन के भंडारों के साथ साथ किसान कीजिए भी भरे एवं उनके आय भी बढ़े।किसानो को खेती के साथ-साथ अन्य चीजों में किस तरह से अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं इसको लेकर सरकार कई योजनाएं चला रही है लेकिन किसानों तक यह योजना पहुंचाती है झारखंड में एक व्यवस्था बनाई गई है राज्य में कृषि मित्र कृषि मंत्री तक है लेकिन योजनाओं को लेकर अधिकारियों का तालमेल नहीं होने के कारण योजनाएं किसानों तक नहीं पहुंच पाती है और यह सिर्फ फाइलों में दब जाती है सरकार के द्वारा किसानों की आय को दुगनी करने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है जैसे पारंपरिक खेती के अलावा लोग मत्स्य पालन पशु पालन बकरी पालन सूकर पालन आदि कर सकते हैं लेकिन योजनाओं का लाभ किसानों तक सीधा नहीं पहुंच पा रहा है। किसान को प्रत्येक दिन लाभ की आवश्यकता होती है यानी धन(रुपये) सब्जी उत्पादन में किसानों को 3 महीने का समय लगता है लेकिन कई क्षेत्रों में पानी की समस्या होने के कारण किसान पूरे साल भर सब्जी की खेती नहीं कर पाते हैं ऐसे में किसानों को प्रशिक्षण देकर पारंपरिक खेती के अलावा अन्य खेती में आए कैसे हो इसका प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है
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