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मानव तस्करों की चंगुल से मुक्त हुई मासूम, दिल्ली में बेची गई थी झारखंड की बेटी

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Published : Jul 9, 2019, 1:01 AM IST

रांची पुलिस ने दिल्ली में बेची गई एक नाबालिग बच्ची को मानव तस्करों के कब्जे से मुक्त कराया. इस मामले में एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है.

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रांची: दिल्ली में 50 हजार रुपये में बेची गई मांडर की 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को पुलिस ने मुक्त करा लिया है. पुलिस की दबिश की वजह से नाबालिग को बेचने के कथित आरोपित आकाश लेकर रांची लौटने की तैयारी कर रहा था. उसी दौरान मांडर और एएचटीयू थाना से गई पुलिस की टीम ने रेस्क्यू कर लिया. पुलिस के द्वारा आरोपी को हिरासत में ले लिया गया, इसके बाद रांची ले आई.

रांची लाने के बाद नाबालिग का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज करवाया गया. इसके बाद नाबालिग को प्रेमाश्रय में रखा गया है. नाबालिग लड़की ने पुलिस को बताया है कि वह दिल्ली के एक घर में नौकरानी का काम कर रही थी. वह घरवालों से नाराज होकर अपनी मर्जी से गई थी. हालांकि कोर्ट में दिए बयान की जानकारी नहीं मिल सकी है.

हाईकोर्ट ने लिया था संज्ञान
इधर पुलिस मंगलवार को नाबालिग को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) में प्रस्तुत करने के बाद परिजनों को सौंपेगी. बताते चलें कि मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर डालसा को बच्ची की बरामदगी के लिए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया था. डालसा ने पीडि़ता के लिए पैनल अधिवक्ता दिया है.

ये भी पढ़ें- मॉब लिंचिंग मामले में HC में सुनवाई, सरकार को एक सप्ताह के अंदर जवाब देने का आदेश

एजेंट के हाथों बेचने का लगाया था आरोप
बीते तीन जुलाई को नाबालिग के पिता ने कोतवाली थाना स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें कहा था कि मांडर गांव के ही रहने वाला आकाश उसे बहला-फुसलाकर ले गया. ले जाने के बाद दिल्ली के चकरपुर में 50 हजार रुपये में बेच दिया था. वैश्यावृत्ति कराने के एजेंटों के हाथों बेचने का आरोप लगाया गया था. बेचने के बाद रुपये लेकर आकाश हरियाणा चला गया था, तीन अप्रैल 2019 को उनकी बेटी बाजार जाने की बात कह निकली थी. इसके बाद से लापता हो गई थी, बाद में आकाश से फोन पर बातचीत करने पर धमकी भी दी थी.

Intro:रांची ।
दिल्ली में 50 हजार रुपये में बेची गई मांडर की 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को रांची पुलिस ने मुक्त करवा लिया है। पुलिस की दबिश की वजह से नाबालिग को बेचने के कथित आरोपित आकाश लेकर रांची लौटने की तैयारी कर रहा था। उसी दौरान मांडर और एएचटीयू थाना से गई पुलिस की टीम ने रेस्क्यू कर लिया।पुलिस के द्वारा आरोपी को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद रांची ले आई।


Body:रांची लाने के बाद नाबालिग का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज करवाया गया। इसके बाद नाबालिग को प्रेमाश्रय में रखा गया है। नाबालिग लड़की ने पुलिस को बताया है कि वह दिल्ली के एक घर में नौकरानी का काम कर रही थी। वह घरवालों से नाराज होकर अपनी मर्जी से गई थी। हालांकि कोर्ट में दिए बयान की जानकारी नहीं मिल सकी है। इधर पुलिस मंगलवार को नाबालिग को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) में प्रस्तुत करने के बाद परिजनों को सौंपेगी। बताते चलें कि मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर डालसा को बच्ची की बरामदगी के लिए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया था। डालसा ने पीडि़ता के लिए पैनल अधिवक्ता दिया है। 


Conclusion:

एजेंट के हाथों बेचने का लगाया था आरोप : 

बीते तीन जुलाई को नाबालिग के पिता ने कोतवाली थाना स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि मांडर गांव के ही रहने वाला आकाश उसे बहला-फुसलाकर ले गया। ले जाने के बाद दिल्ली के चकरपुर में 50 हजार रुपये में बेच दिया था। वैश्यावृत्ति कराने के एजेंटों के हाथों बेचने का आरोप लगाया गया था। बेचने के बाद रुपये लेकर आकाश हरियाणा चला गया था। तीन अप्रैल 2019 को उनकी बेटी बाजार जाने की बात कह निकली थी। इसके बाद से लापता हो गई थी। बाद में आकाश से फोन पर बातचीत करने पर धमकी भी दी थी।  

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