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सीएम हेमंत सोरेन के फैसले को लेकर राज्य के फार्मासिस्टों ने जताई चिंता, क्या है माजरा जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

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Published : Jan 2, 2023, 2:15 PM IST

Pharmacists Objected Decision Of CM Hemant Soren
Members of All India Pharmacists Association giving Information

गांव- गांव में दवा दुकानें खोलने और 10वीं पास से दवा बंटवाने के सीएम हेमंत सोरेन के बयान पर अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों ने आपत्ति (Pharmacists Objected Decision Of CM Hemant Soren) जतायी है. उन्होंने कहा कि गांव-गांव में दवा दुकानें खोलने का निर्णय तो सराहनीय है, पर 10वीं पास से दवा बंटवाने की योजना सही नहीं है.

रांची: अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों ने सरकार के उस फैसले पर आपत्ति (Pharmacists Expressed Concern On Decision Of CM )जतायी है, जिसमें सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि गांव- गांव में दवा दुकान खोली जाएगी और 10वीं पास से दवा बंटवाई जाएगी. इस संबंध में अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने कहा कि आज सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार कहीं है तो फार्मेसी के क्षेत्र में है और सबसे ज्यादा दोहन किसी का हो रहा है तो वो फार्मासिस्टों का ही हो रहा है. फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र ने सवाल करते हुए कहा कि इस व्यवस्था से समझा जा सकता है कि ग्रामीणों के स्वास्थ्य का क्या हाल होगा? उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करने की तैयारी है. उन्होंने सीएम के इस पहल की सराहना की, लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार को एक योग्य फार्मासिस्ट के द्वारा दवा बंटवानी चाहिए, ताकि झारखंड के लोगों की जान बचाई जा सके. फार्मासिस्ट दवा बाटेंगे तो सही दवाई लोगों तक पहुंचेगी.

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प्राइवेट फार्मासिस्ट गलत तरीके से सर्टिफिकेट हासिल कर धड़ल्ले से चला रहे हैं दवा दुकानः उन्होंने कहा कि प्राइवेट फार्मासिस्टों का मनोबल दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. वो गलत तरीके से सर्टिफिकेट लेकर शहर में धड़ल्ले से दवाई दुकान चला रहे (Operation Of Drug Stores With Fake Certificates) हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि फार्मासिस्ट की परीक्षा से जुड़ी एक प्रकाशित खबर के अनुसार फार्मेसी की परीक्षा देने वाले 80% परीक्षार्थी फेल हो गए हैं. अब सवाल यह उठता है कि ये खबर कहां से आ गई? अभी तक परीक्षाफल प्रकाशित भी नहीं हुई है. ऐसे में सवाल उठता है कि कॉलेज का सांठ-गांठ है और बार्गेनिंग करने की तैयारी है, ताकि पैसे के बल पर लोगों को पास कराया जा सके. उन्होंने फार्मेसी की परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के विषय पर कहा कि तीन-तीन बार पेपर लीक हुआ, लेकिन न तो राज्य सरकार ने और न ही स्थानीय प्रशासन इस पर कार्रवाई करता है. इससे फार्मेसी कॉलेज संचालकों का मनोबल बढ़ रहा है और नकली फार्मासिस्ट आ रहे हैं.

फार्मेसी कॉलेजों में पैसा दीजिए और सर्टिफिकेट लीजिए का खेलः फार्मासिस्ट एसोसिएशन के लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि फार्मेसी कॉलेजों में पैसा दीजिए और सर्टिफिकेट लीजिए का खेल धड़ल्ले से चल रहा (Give Money And Get Certificate Game) है. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने कहा कि झारखंड में 52 फार्मेसी कॉलेज का संचालन हो रहा है. अगर सही रूप से देखेंगे तो एकमात्र सरकारी फार्मेसी कॉलेज बरियातू में पढ़ाई होती है, बाकि सब के सब कॉलेजों में पैसा दीजिए और सर्टिफिकेट लीजिए का खेल चल रहा है.

कार्रवाई की जरूरतः गौरतलब है कि जिस तरह से झारखंड के फार्मासिस्ट आए दिन राज्य के फार्मेसी कॉलेजों के संचालकों पर आरोप लगाते नजर आ रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि स्वास्थ्य विभाग को ऐसे कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों पर कार्रवाई करने की जरूरत है. खास कर वैसे कॉलेजों में जहां पर अनियमितता बरती जा रही है. इस मौके पर जर्मासिस्ट एसोसिएशन से जुड़े कृष्ण कुमार (रांची जिला अध्यक्ष), अमित कुमार (महासचिव, अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन), अमरदीप कुमार (हजारीबाग जिला अध्यक्ष), अफरोज अहमद (उपाध्यक्ष), अक्षय कुमार, तनिवर हसन, विनय फार्मासिस्ट मौजूद रहे.

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