ETV Bharat / state

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी फादर स्टेन स्वामी का निधन, पढ़िए सोशल मीडिया पर किसने क्या कहा

author img

By

Published : Jul 5, 2021, 3:41 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 6:20 PM IST

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी फादर स्टेन स्वामी (Stan Swamy) का निधन हो गया. उन्होंने 84 साल की उम्र में मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. बॉम्बे हाईकोर्ट में आज ही उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी. स्टेन स्वामी के निधन पर सोशल मीडिया में कई तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं.

bhima koregaon violence case accused father stan swamy passes away in mumbai
bhima koregaon violence case accused father stan swamy passes away in mumbai

रांची/मुंबईः भीमा कोरेगांव हिंसा (Bhima Koregaon Violence) मामले में पिछले साल गिरफ्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी (Stan Swamy) का निधन हो गया है. वह कई बीमारियों से पीड़ित थे और हाल ही में ज्यादा तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बॉम्बे हाईकोर्ट में आज उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी. इसी दौरान उनके वकील ने अदालत को उनकी मौत की जानकारी दी.

ये भी पढ़ें-फादर स्टेन स्वामी का मुंबई में निधन

करीब 84 साल के स्टेन स्वामी पार्किन्सन्स बीमारी से ग्रस्त थे और मुंबई के तलोजा जेल में कैद थे. भीमा कोरेगांव-एल्गर परिषद मामले में आरोपी स्टेन स्वामी की गिरफ्तार होने के बाद तबीयत लगातार बिगड़ रही थी. दो महीने पहले एक पेशी के दौरान उन्होंने कहा था कि "मेरा स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा है. मैं मुंबई में इलाज कराने के लिए नहीं जाउंगा, चाहे जेल में ही मर जाऊं."

ये भी पढ़ें-भीमा-कोरेगांव केस के आरोपी स्टेन स्वामी बोले-अस्पताल जाने से अच्छा है जेल में मर जाऊं

स्टेन स्वामी के निधन पर किसने क्या कहा

स्टेन स्वामी के निधन पर सोशल मीडिया में कई तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लिखा है कि "फादर स्टेन स्वामी के निधन के बारे में जानकर स्तब्ध हूं. उन्होंने अपना जीवन आदिवासी अधिकारों के लिए काम करते हुए समर्पित कर दिया. मैंने उनकी गिरफ्तारी और कैद का कड़ा विरोध किया था. केंद्र सरकार को पूर्ण उदासीनता और समय पर चिकित्सा सेवाओं का प्रावधान न करने के लिए जवाबदेह होना चाहिए, जिससे उनकी मृत्यु हो गई."

फादर स्टेन स्वामी का निधन
सीएम हेमंत सोरेन का ट्वीट

कांग्रेस ने ट्वीट किया है कि "फादर स्टेन स्वामी के निधन पर उनके परिवार, दोस्तों और अनुयायियों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना. न्याय, सच्चाई और मानवता की जीत हो."

फादर स्टेन स्वामी का निधन
कांग्रेस का ट्वीट

राष्ट्रीय जनता दल ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि "देश के तानाशाह को फादर स्टैन स्वामी की 'हत्या' की मुबारकबाद!"

फादर स्टेन स्वामी का निधन
राजद का ट्वीट

कौन थे स्टेन स्वामी

फादर स्टेन स्वामी मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता थे. झारखंड में वे करीब 25 साल आदिवासियों के लिए काम करते रहे हैं. रांची के नामकुम थाना क्षेत्र के बगइचा में स्टेन स्वामी का घर है. आदिवासियों के विस्थापन, निजी कंपनियों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों की लूट और विचाराधीन कैदियों के लिए उन्होंने विशेष रूप से काम किया है.

स्टेन स्वामी का विवादों से पुराना नाता रहा है. साल 2017 में पथलगड़ी आंदोलन को लेकर स्टेन स्वामी विवादों में आए थे. खूंटी में लोगों को पत्थलगड़ी के लिए उकसाने के आरोपी स्टेन स्वामी पर पुलिस ने देशद्रोह, सोशल मीडिया के माध्यम से पत्थलगड़ी को बढ़ावा देने, सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने और सरकारी योजनाओं का विरोध करने का आरोप लगाया था. स्टेन स्वामी के खिलाफ खूंटी थाना में 26 जुलाई 2018 को आईटी एक्ट के तहत इन सभी मामलों पर केस दर्ज किया गया था. खूंटी एसपी ने 25 जनवरी 2019 को इस कांड में आरोपी फादर स्टेट स्वामी सहित कई लोगों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था. इसके बाद खूंटी पुलिस ने 21 अक्टूबर 2019 को स्टेन स्वामी के घर की कुर्की जब्ती की थी. हालांकि 2019 में राज्य में नई सरकार आते ही राजद्रोह का मुकदमा वापस ले लिया गया. पुणे के भीमा कोरेगांव केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपनी10 हजार पन्नों की चार्जशीट में स्टेन स्वामी को भाकपा माओवादी संगठन का सक्रिय सदस्य बताया था. उन पर माओवादी कैडरों के लिए फंड का जुगाड़ करने का आरोप भी लगाया गया.

ये भी पढ़ें-फादर स्टेन स्वामी के साथ हो रहा अमानवीय व्यवहार, विरोध में आज सड़क पर उतरेगा कैथोलिक समाज

कब हुई थी गिरफ्तारी

महाराष्ट्र के इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी अजय कुमार कदम के नेतृत्व में एनआईए की टीम ने 8 अक्तूबर 2020 की रात फादर स्टेन स्वामी को रांची के नामकुम के बगइचा स्थित आवास से गिरफ्तार किया था. इससे पहले 28 अगस्त 2018 को भी महाराष्ट्र पुलिस ने स्टेन स्वामी के कमरे की तलाशी ली थी. एनआईए की टीम छह अगस्त को भी दिल्ली से आई थी. तब लगभग तीन घंटे तक भीमा कोरेगांव केस के संबंध में एनआईए ने फादर स्टेन से पूछताछ की थी. इससे पहले 12 जुलाई 2019 को महाराष्ट्र पुलिस की आठ सदस्यीय टीम ने झारखंड के रांची में स्टेन स्वामी के घर पर छापा मारा था. पुलिस ने साढ़े तीन घंटों तक उनके कमरे की छानबीन की थी. टीम ने उनके कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और इंटरनेट मॉडेम जब्त कर लिया गया था. उनसे उनके ईमेल और फेसबुक के पासवर्ड मांगकर पासवर्ड बदल दिए थे. दोनों अकाउंट जब्त भी कर लिए गए थे, ताकि डाटा की जांच की जा सके.

ये भी पढ़ें-भीमा कोरेगांव केस की चार्जशीट में स्टेन स्वामी माओवादी, झारखंड सरकार ने जताई आपत्ति

भीमा कोरेगांव हिंसा मामला

महाराष्ट्र में पुणे के पास भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी 1818 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने महार समुदाय की मदद से पेशवा की सेना को हराया था. इसे दलितों के शौर्य का प्रतीक मानकर हर साल उत्सव मनाया जाता है. साल 2018 में इस उत्सव के ठीक एक दिन पहले एल्गर परिषद ने रैली की थी. इसी रैली में हिंसा भड़काने की भूमिका तैयार करने के आरोप लगाए गए हैं. रैली में कथित भड़काऊ भाषणों की वजह से 1 जनवरी 2018 को जातिगत हिंसा हुई थी.इस संगठन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप लगाया गया था. भीमा कोरेगांव में हिंसा और अर्बन नक्सलियों के ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की योजना बनाने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जनवरी 2020 में केस टेकओवर किया था.

फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी का झारखंड सरकार ने खुलकर विरोध किया था. तब मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया था कि गरीब, वंचितों और आदिवासियों की आवाज उठाने वाले स्टेन स्वामी को गिरफ्तार कर केंद्र की भाजपा सरकार क्या संदेश देना चाहती है? अपने विरोध की हर आवाज को दबाने की ये कैसी जिद है? झारखंड में कई जगहों पर आदिवासी और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन कर स्टेन को रिहा करने की मांग की थी.

Last Updated :Jul 5, 2021, 6:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.