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रांचीः BAU ने किसानों के लिए जारी किया एग्रोमेट एडवाइजरी बुलेटिन, मेढ़ बनाकर बोआई करने की सलाह

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Published : Sep 11, 2020, 7:53 PM IST

agromet advisory bulletin in ranchi
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय

रांची के बीएयू ग्रामीण कृषि मौसम सेवा अधीन एक एग्रोमेट एडवाइजरी बुलेटिन जारी किया गया है. इस बुलेटिन में सब्जियों जैसे फूलगोभी, बंधगोभी, मिर्च, टमाटर आदि की खेती के लिए बीज स्थली में बीज को गिराने और मुली, गाजर, शलजम, फ्रेंचबीन (झाड़ीदार) आदि की सीधी बोआई मेढ़ बनाकर करने की सलाह दी गई है.

रांचीः बीएयू ग्रामीण कृषि मौसम सेवा अधीन जारी एग्रोमेट एडवाइजरी बुलेटिन में विभिन्न सब्जियों जैसे टमाटर, फूलगोभी, बंधगोभी आदि का बिचड़ा तैयार होने पर मेढ़ बनाकर रोपाई करने का परामर्श दिया गया है. साथ ही बुलेटिन में पहले से रोपे गए सब्जियों में निकाई, गुड़ाई कर जरूरत के मुताबिक यूरिया का भुरकाव करने की सलाह दी गई.

बोआई मेढ़ बनाकर करने की सलाह
किसानों को जाड़े की सब्जियों जैसे फूलगोभी, बंधगोभी, मिर्च, टमाटर आदि की खेती के लिए बीज स्थली(नर्सरी) में बीज को गिराने और मुली, गाजर, शलजम, फ्रेंचबीन (झाड़ीदार) आदि की सीधी बोआई मेढ़ बनाकर करने की सलाह दी गई है.

आलू की खेती के लिए अनुशंसित अगात किस्म कुफरी
एडवाइजरी में किसानों को अगात आलू की खेती के लिए अनुशंसित अगात किस्म कुफरी अशोका या कुफरी पुखराज में से किसी एक किस्म को खेतों में मेढ़ बनाकर बोआई करने को कहा गया. किसानों को एक एकड़ में बोआई के लिए 12 किलो ग्राम बीज (20-30 ग्राम के आकार का अंकुरित कंद), 40 किलो ग्राम यूरिया, 70 किलो ग्राम डीएपी, 80 किलो ग्राम म्युरीएट ऑफ पोटाश और 10 किलो ग्राम गंधक का प्रयोग करने की सलाह दी गई. कंद (बीज) लगाते समय दो कतार के बीच की दूरी 40-50 सेंटीमीटर और कंद से कंद की दूरी 15 सेंटीमीटर रखने को कहा गया.

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म्युरीएट ऑफ पोटाश का प्रयोग
अगात मटर की खेती के लिए किसानों को मटर की अगात अनुशंसित किस्म आरकेल और आजाद मटर में से किसी एक किस्म की बोआई 25 सेंटीमीटर (कतार से कतार) और 15 सेंटीमीटर (पौधा से पौधा) की दूरी पर खेतों में मेढ़ बनाकर करने की सलाह दी है. एक एकड़ में बोआई के लिए 40 किलो ग्राम बीज और 35 किलो ग्राम यूरिया, 200 किलो ग्राम एसएसपी, 25 किलो ग्राम म्युरीएट ऑफ पोटाश का प्रयोग किया जा सकता है.

जैविक कीटनाशक दवा का छिड़काव
बीएयू के पौध रोग वैज्ञानिक डॉ एचसी लाल ने फूलगोभी या बंधगोभी में गोभी का पतंगा कीट और बैंगन में तना या फल छेदक कीट से बचाव के लिए जैविक कीटनाशक दवा हाल्ट या डोल्फिन का छिड़काव 1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से करने की सलाह दी. खरीफ मौसम में बैंगन और टमाटर पर मुरझाने वाली बीमारी ज्यादा दिखते है. इसका प्रकोप दिखने पर बचाव के लिए स्ट्रेपटोसायकलीन 10 ग्राम और ब्लाइटोक्स 20 ग्राम को 10 लीटर पानी में घोल बनाकर जड़ के पास ड्रेचिंग की जा सकती है.

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