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20 साल से गड्ढे में है लोहरदगा की यह सड़क, हर बार निर्माण शुरू होकर हो जाता है बंद

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Published : May 17, 2020, 4:48 PM IST

incomplete road
बदकिस्मत सड़क

क्या आपने सुना है कि कोई सड़क बदकिस्मत है, अगर नहीं सुना है तो अब सुनिए. विगत 20 साल से लोहरदगा की एक सड़क गड्ढे में है. कई बार निविदाएं हुईं, काम भी शुरू हुआ, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से सड़क का निर्माण कार्य रुक गया.

लोहरदगा: जिला मुख्यालय को किस्को और पेशरार प्रखंड के दर्जनों गांव से जोड़ने वाली लोहरदगा-ब्राह्मणडीहा-बेटहठ सड़क की किस्मत ऐसी है कि आज तक सड़क बन ही नहीं पाई है. इस सड़क से होकर हर दिन दर्जनों गांव के लोग आवागमन करते हैं. सड़क की हालत देखकर उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं. स्थानीय लोग प्रशासन से फरियाद लगाते-लगाते थक चुके हैं.

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पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि, ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल सहित कई अन्य माध्यमों से सड़क निर्माण को लेकर पहल हुई है, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से सड़क निर्माण कार्य लटक गया. कुछ साल पहले एक संवेदक ने काम लिया भी तो काम शुरू करते ही उसे भागना पड़ा. वजह थी कि वह समय पर काम ही नहीं कर पाया. विभाग ने उसे काली सूची में डाल दिया.

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स्थानीय सांसद और तब के मंत्री सुदर्शन भगत, स्थानीय पूर्व विधायक सुखदेव भगत ने भी सड़क निर्माण को लेकर कोशिशें की. फिर भी सड़क निर्माण नहीं हो पाया. दुर्भाग्य की बात तो यह है कि जब सुदर्शन भगत ने सड़क निर्माण को लेकर कोशिश की थी, तब केंद्र और राज्य में बीजेपी की ही सरकार थी. फिर भी सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका.

अब लॉकडाउन में रुका निर्माण कार्य

सड़क निर्माण को लेकर हर बार दावे किए जाते रहे पर आज तक सड़क बन ही नहीं पाई. साल 2020 में जब शुरुआती दौर में सड़क का निर्माण शुरू हुआ तो 23 जनवरी 2020 को लोहरदगा में दंगा हो गया था और फिर कर्फ्यू लगा दिया गया. जिसकी वजह से निर्माण कार्य लटक गया. फिर एक बार उम्मीद जगी कि सड़क का निर्माण कार्य होगा तो ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पिछले 23 मार्च से लॉकडाउन लगा हुआ है. जाने कब तक ऐसी स्थिति रहेगी. फिर कब सड़क का निर्माण कार्य शुरू होगा.

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सड़क की खराब हालत स्थानीय लोगों को निराश करती है. ग्रामीण मन ही मन कहते हैं कि शायद इस सड़क की किस्मत ही फूटी हुई है तभी तो इस सड़क का निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है. किसानों को अपने उत्पाद बाजार तक पहुंचाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मेडिकल इमरजेंसी के समय में भी परेशानी खड़ी हो जाती है. कोई वाहन चालक चारपहिया वाहन लेकर इस सड़क से होकर गांव तक जाना ही नहीं चाहता.

लोग परेशान हैं फिर भी सड़क का निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है. 20 साल बाद जब इस साल सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था तो लोगों को उम्मीद जगी थी कि सड़क शायद अब बन जाएगी, परंतु सड़क का फिर वही हाल है.

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