लोहरदगा: कोरोना संक्रमण के दौर में आम आदमी परेशान है. इसके साथ-साथ लोग मानसिक रूप से भी बीमार हो रहे हैं. जिले के सदर अस्पताल परिसर स्थित आइसोलेशन वार्ड में बीते दिन एक कोरोना संक्रमित मरीज ने आत्महत्या कर ली थी. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को ज्यादा परेशान नहीं रहने की सलाह दी है.
कोरोना संकट काल में लोग तनाव में रह रहे हैं. ऐसे में लोहरदगा के लिए मानसिक तनाव बेहद घातक साबित हो रहा है. जिले के सदर अस्पताल परिसर स्थित आइसोलेशन वार्ड में बीते दिन कोरोना संक्रमित एक युवक ने आत्महत्या की थी, जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है. इस घटना को लेकर जो बातें सामने आई, उसमें यह स्पष्ट हुआ कि मानसिक तनाव के कारण ही युवक ने आत्महत्या की थी. स्वास्थ्य विभाग भी इस बात को मानता है कि मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा परेशान हैं. लोगों को संयम बरतते हुए इलाज कराना चाहिए. कोरोना संक्रमण घातक तो है ही, लेकिन इतना नहीं की लोग अपनी जान देने पर आ जाएं.
लोहरदगा जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि लोहरदगा जिले में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तीन 36 से ज्यादा हो चुकी है. जिसमें से 15 लोग स्वस्थ हो कर घर जा चुके हैं. संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के होश उड़े हुए हैं. प्रवासी मजदूरों के लौटने के कारण लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. लोहरदगा जिले में अब तक महाराष्ट्र, अहमदाबाद, कोलकाता सहित अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूर संक्रमित पाए जा चुके हैं. संक्रमित मरीजों में मानसिक तनाव की स्थिति देखने को मिल रही है. बीते दिन एक संक्रमित युवक के फांसी लगाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग अब बेहद सक्रियता के साथ संक्रमित मरीजों की निगरानी कर रहा है.
सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने बताया कि लोगों को सामान्य व्यवहार करना चाहिए. ऐसा नहीं है कि कोरोना वायरस से जान ही चली जाती है. कोरोना संक्रमित जितनी ज्यादा संख्या में स्वस्थ होकर अपने घर जा रहे हैं, उसे एक सकारात्मक रूप में देखना चाहिए. हम सभी को इलाज को लेकर मानसिक रूप से तैयार रहने की जरूरत है. वर्तमान समय में मानसिक तनाव घातक साबित हो रहा है. लोहरदगा जिला आदिवासी बहुल जिला है और यहां पर ज्यादातर लोग प्रवासी मजदूर ही हैं. जो रोजगार की तलाश में पलायन करते हैं. हाल के समय में वापस आने वाले मजदूरों में संक्रमण की स्थिति ज्यादा देखने के लिए मिली है. ऐसे में लोगों को सतर्कता और मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है.
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कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मानसिक स्थिति को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी अब अलर्ट हो चुका है. विगत दिन लोहरदगा में कोरोना वायरस संक्रमित मरीज के आत्महत्या किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग सभी मरीजों की कड़ाई से निगरानी कर रहा है. सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार आम लोगों से अपील कर रहे हैं कि लोग मानसिक रूप से अपने आप को मजबूत बनाएं. कोरोना संक्रमण को लेकर हड़बड़ाने या बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है.