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जामताड़ा में कोयला चोरी और अवैध रूप से कोयला ढुलाई पर रोक नहीं! उपायुक्त के निर्देश का नहीं हो रहा पालन

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 11, 2023, 2:15 PM IST

Coal Theft In Jamtara
Illegal Coal Transportation In Jamtara

प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद जामताड़ा में कोयला चोरी और अवैध रूप से कोयला का परिवहन नहीं थम रहा है. नियमों को ताक पर रखकर वाहनों से कोयला की ढुलाई हो रही है. Illegal coal transportation in Jamtara.

जामताड़ा में कोयला चोरी और अवैध रूप परिवहन पर जानकारी देते उपायुक्त शशिभूषण मेहरा.

जामताड़ा: जिले में कोयला चोरी और अवैध कोयला ढुलाई थमने का नाम नहीं ले रही है. हालांकि इस पर रोक लगाने के लिए जिला टास्क फोर्स कमेटी का गठन किया गया है. इसके अध्यक्ष उपयुक्त होते हैं. जामताड़ा उपायुक्त शशि भूषण मेहरा ने जिले के पदाधिकारियों को अवैध कोयला की ढुलाई और चोरी पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.

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उपायुक्त के निर्देश का भी नहीं हो रहा पालनः उपायुक्त शशिभूषण मेहरा ने कहा कि अवैध रूप से खनिज की ट्रांसपोर्टिंग पर रोक लगाने के लिए जिले के सभी पदाधिकारियों और थाना प्रभारी को खनन विभाग से समन्वय स्थापित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. अवैध रूप से बालू, कोयला और पत्थर के खनन के खिलाफ छापेमारी करने और खनन माफियाओं पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए जिला खनन टास्क फोर्स का गठन किया गया है. टीम में डीटीओ, डीएमओ, पुलिस पदाधिकारी और ईसीएल के पदाधिकारी शामिल हैं.

जामताड़ा में नहीं थम रहा खनिजों का अवैध परिवहन और खननः गौरतलब हो कि प्रत्येक माह उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला खनन टास्क फोर्स कमेटी की बैठक की जाती है. प्रत्येक बैठक में अवैध रूप से खनिज का परिवहन और अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई करने का संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिया जाता है. बावजूद इसपर रोक नहीं लग पा रहा है. जिले में बालू, गिट्टी और कोयला लोड वाहनों का बिना चालान के परिचालन हो रहा है. वहीं वाहनों पर क्षमता से अधिक खनिज लोड कर परिवहन किया जा रहा है. कभी-कभार प्रशासन मामले में कार्रवाई करता है तो कुछ दिनों के लिए अवैध खनिज की ट्रांसपोर्टिंग रूक जाती है, लेकिन पदाधिकारियों के शिथिल होते ही फिर से अवैध खनन और परिवहन का खेल शुरू हो जाता है.

नियम-कानून को ताक पर रखकर कोयला की होती है ढुलाईः चितरा कोलियरी से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपरों से कोयला की अवैध रूप से ढुलाई की जाती है. बताया जाता है कि कोयले की ढुलाई में अधिकतर डंपर या तो अनफिट हैं या तो डंपर चालकों के पास वैध कागजात नहीं हैं. बिना परमिट के अनफिट गाड़ियां से कोयला की ढुलाई होती है. ओवरलोड कोयला की ढुलाई के क्रम में रास्ते में जगह-जगह खुलेआम कोयला की चोरी की जाती है. जबकि नियम के अनुसार कोयला ढुलाई के दौरान गाड़ियों को तिरपाल से ढकना होता है, लेकिन डंपर चालक चितरा से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपरों में बिना तिरपाल ढके ही कोयला की ढुलाई करते हैं.

क्या कहते हैं उपायुक्तः इस संबंध में जिला खनन ट्रांसपोर्ट कमेटी के अध्यक्ष सह उपायुक्त शशिभूषण मेहरा ने कहा कि कोयला की चोरी और अवैध ढुलाई रोकने के लिए पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया गया है. कोयला चोरी में यदि ईसीएल के कर्मचारियों और पदाधिकारियों की संलिप्तता पायी गई तो उनके विरूद्ध भी कार्रवाई की जाएगी.

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ईसीएल के बंद खदानों से अवैध ढंग से निकाला जा रहा कोयलाः बता दें कि जामताड़ा के नाला थाना क्षेत्र के बंद पड़े ईसीएल के खदानों से अवैध रूप से कोयला का खनन कर साइकिल, मोटरसाइकिल और बैलगाड़ी से कोयला की तस्करी की जाती है. वहीं दूसरी और अवैध रूप से बालू और पत्थर की भी ढुलाई की जाती है. यहां ना तो टास्क फोर्स कमेटी कार्रवाई करती है और ना ही खनन माफियाओं को इसका डर है. खनन माफिया करोड़ों के राजस्व को क्षति पहुंचा रहे हैं.

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