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गिरिडीह के राजधनवार के राजाघाट पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग! नासा की लैब भी तैयार, आस्था संग सुंदर सजावट बना आकर्षण का केंद्र

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 19, 2023, 4:49 PM IST

Updated : Nov 20, 2023, 1:39 PM IST

Chandrayaan replica built at Rajaghat of Rajdhanwar in Giridih on Chhath Puja 2023
गिरिडीह के राजधनवार के राजाघाट पर चंद्रयान का छठ घाट बनाया गया है

Chhath Puja 2023. लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा चल रहा है. आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस बार भी राजधनवार के राजाघाट में आकर्षक सजावट की गई हैं. यहां चंद्रयान बनाया गया हैं. इसका स्वरूप और अंदर ब्रह्माण्ड के साथ इसरो लेबोरेट्री को जीवंत किया गया हैं.

गिरिडीह में राजधनवार के राजाघाट पर छठ घाट भव्य सजावट की जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

गिरिडीहः जिला के राजधनवार के राजाघाट पर चंद्रयान का छठ घाट बनाया गया है. राजधनवार के राजाघाट के छठ घाट की प्रसिद्धगी दूर-दूर तक है. इस घाट के प्रति लोगों की गहरी आस्था भी है. यहां की सजावट भी भव्य व आकर्षक रहती है. इस बार भी यहां भव्य सजावट की गई है. हंस का सुंदर व भव्य पुल बनाया गया है तो दक्षिण भारत की तर्ज पर सूर्य मंदिर का स्वरुप दिया गया है. यहां लाइटिंग की सजावट काफी ही आकर्षक है. इसरो का लैब, ब्रह्माण्ड और चन्द्रयान का जीवंत रूप सबसे अधिक लोगों को आकर्षित कर रहा है.

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चालीस दिनों से चल रही थी सजावटः यहां की सजावट को भव्य स्वरूप देने का काम रांची, पश्चिम बंगाल के साथ साथ कई प्रदेश से आए कारीगरों ने किया है. तीन दिवसीय छठ मेला को लेकर यहां चालीस दिनों से तैयारी भी की जा रही थी. राजाघाट के छठ महासमिति के संरक्षक अनूप संथालिया ने बताया कि लगभग चालीस दिन से यहां सजावट का काम किया जा रहा है. यहां जयप्रकाश गुप्ता, रोबिन कुमार, पंकज वर्णवाल, बकेश्वर मोदी, अनमोल कुमार, राहुल, बिरेन्द्र समेत कई सदस्य मेला की तैयारी में जुटे रहे. इस बार के मेला में भव्य तोरण द्वार, चन्द्रयान, तारामंडल, खगोलीय पिंड, साइंस लेबरोटरी, हंसनुमा पुल, दक्षिण भारत के तर्ज पर मंदिर बनाया गया है. जो यहां का मुख्य आकर्षण का केंद्र है.

राजधनवार में राजाघाट के छठ घाट पर लोगों से ईटीवी भारत की खास बातचीत

अनूप संथालिया बताते हैं कि महाभारत काल से ही छठ की पूजा होती आ रही हैं. राजधनवार राजाघाट में राज परिवार द्वारा पूजा अर्चना शुरू किया गया और आज राज परिवार की चार पीढ़ियां यहां पूजा करती रही हैं. यहां के आयोजन में राजधनवार की एक एक लोग का योगदान है. यहां हर साल भव्य रूप से आयोजन होता है. इस बार भी भव्यता दी गई है. तीन दिवसीय मेला में लाखों की भीड़ उमड़ती है. उन्होंने बताया कि प्रशासन का भी यहां पूरा सहयोग रहता है.

Last Updated :Nov 20, 2023, 1:39 PM IST
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