देवघर: परंपराओं की नगरी देवघर में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन बसंत पंचमी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. बुधवार को बाबा मंदिर पहुंचे लाखों तिलकहरू भक्तों ने एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगा कर फगुआ की शुरुआत की. साथ ही तिलकहरू भक्त सुबह से ही भजन कीर्तन कर रहे हैं.
बसंत पंचमी के मौके पर देवघर में मिथलांचल के लाखों तिलकहरू भक्त बाबा मंदिर पहुंचे हैं. सुल्तानगंज से 105 किलोमीटर पैदल यात्रा कर भक्त कांवर लेकर तिलकहरू बाबा दरबार पहुंचते हैं और बसंत पंचमी के दिन बाबा भोले को जलार्पण कर तिलक चढ़ाते हैं. तिलकहरू भक्त ने बताया कि सुल्तानगंज से भक्तों की टोली पैदल कांवर यात्रा कर बाबा दरबार पहुंचते हैं. इस दौरान भक्त के कंधों पर अनोखी और भारी-भरकम कांवर होता है, जो भजन-कीर्तन करते हुए बाबा मंदिर पहुंचते हैं.
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बसंत पंचमी के दिन तिलकहरू भक्त बाबा भोले पर जलार्पण के बाद शाम को अबीर-गुलाल की होली खेलते है. ऐसा माना जाता है कि इस कार्यक्रम के बाद से ही फगुआ की शुरुआत हो जाती है. इस दौरान मिथलांचल से देवघर आए सभी तिलकहरू भक्त बाबा भोले के ससुराल पक्ष के माने जाते हैं. बाबा मंदिर में बसंत पंचमी के दिन इस तरह का आयोजन प्राचीनकाल से ही होता आ रहा है. इस दिन यहां विशाल मेला का भी आयोजन किया जाता है.