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चूहे खा गए 49 हजार रुपए, दुखी हैं सखी मंडल समूह की महिलाएं

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Published : Jan 29, 2020, 9:52 AM IST

गढ़वा रौशनी आजीविका सखी मंडल समूह के 49 हजार रुपए चूहों ने कुतर डाले. बता दें कि समूह में बांटने वाले पैसे एक बक्से में रखे गए थे. इधर पैसों के चूहों के खा जाने के बाद समूह की महिलाएं काफी दुखी हैं.

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चूहों ने कुतर डाले पैसे

गढ़वा: जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां चूहों ने एक ही रात में 49 हजार रुपए कुतर डाले. यह पैसा रौशनी आजीविका सखी मंडल समूह का था, जिसे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने कड़ी मेहनत कर इकट्ठा किया था. इस घटना से समूह की महिलाएं दुखी हैं और अपनी किस्मत पर अफसोस कर रही हैं.

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रौशनी आजीविका सखी मंडल का पैसा
बता दें कि जिले के वंशीधर नगर अनुमंडल के नरही गांव में महिला स्वयं सहायता समूह रौशनी आजीविका सखी मंडल कार्यरत है. इससे गांव की काफी महिलाएं जुड़ी हैं और रोजगार कर रही हैं. समूह की अध्यक्ष संझली देवी ने सेंट्रल बैंक से समूह के खाते से 95 हजार रुपए की निकासी की थी.

चूहों ने कुतरा
समूह की अध्यक्ष ने 46 हजार रुपए सदस्यों के बीच बांट दिया था. शेष सदस्यों के नहीं पहुंचने पर बाकी बचे 49 हजार रुपए को उसने बक्से में रख दिया. दूसरे दिन समूह की सदस्य मनोरम देवी अपने हिस्से का पैसा लेने अध्यक्ष के घर पहुंची. अध्यक्ष ने पैसे निकालने के लिए जब बक्सा खोला तो वह अवाक रह गईं, सारे नोटों को चूहों ने कुतर दिया था.

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सदस्यों के बीच बांटने के लिए पैसे निकाले गए थे
समूह की अध्यक्ष संझली देवी ने कहा कि यह पैसा समूह का था. समूह के सदस्यों के बीच बांटने के लिए बैंक से निकाला गया था. वहीं बैंक अधिकारी अमरेंद्र सिन्हा ने कहा कि समूह के लोग कुतरे गए पैसे को लेकर स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में आए, नोटों को साटकर बैंक अधिकारी को दिखाएं. हर नोट में दो स्थानों पर नंबर अंकित होते हैं, दोनों नंबर सही होने पर पूरी राशि मिल जाएगी. यदि एक स्थान का नंबर नहीं मिलता है तो आधी राशि बैंक दे सकती है.

Intro:गढ़वा। गढ़वा जिले में एक अजीबोगरीब घटना घटी। चूहों ने एक ही रात में 49 हजार रुपये कुतर डाले। यह पैसा रौशनी आजीविका सखी मंडल समूह का था, जिसे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने कड़ी मेहनत कर इकट्ठा किया था। इस घटना से समूह की महिलाएं दुखित हैं और अपनी किस्मत पर अफसोस कर रही हैं।


Body:बता दूं कि जिले के वंशीधर नगर अनुमंडल के नरही गांव में महिला स्वयं सहायता समूह रौशनी आजीविका सखी मंडल कार्यरत है। इससे गांव की काफी महिलाएं जुड़ी हैं और रोजगार कर रही हैं। समूह की अध्यक्ष संझली देवी सेंट्रल बैंक से समूह के खाते से 95 हजार रुपये की निकासी की थी। उन्होंने 46 हजार रुपये सदस्यों के बीच बांट दिया था। शेष सदस्यों के नहीं पहुंचने पर बाकी बचे 49 हजार रुपये को उसने बक्से में रख दिया था। दूसरे दिन समूह की सदस्य मनोरम देवी अपने हिस्से का पैसा लेने अध्यक्ष के घर पहुंची। अध्यक्ष ने पैसे निकालने के जब बक्सा खोला तो वह अवाक रह गईं। सारे नोटों को चूहों ने कुतर दिया था।


Conclusion:समूह की अध्यक्ष संझली देवी ने कहा कि यह पैसा समूह का था। समूह के सदस्यों के बीच बांटने के लिए बैंक से निकाला गया था। वहीं बैंक अधिकारी अमरेंद्र सिन्हा ने कहा कि समूह के लोग कुतरे गए पैसे को लेकर स्टेट बैंक के मुख्य शाखा में आएं। नोटों को साटकर बैंक अधिकारी को दिखाएं। प्रत्येक नोट में दो स्थानों पर नम्बर अंकित होते हैं। दोनों नम्बर सही होने पर पूरी राशि मिल जाएगी। यदि एक स्थान का नम्बर नहीं मिलता है तो आधी राशि बैंक दे सकता है।
बाइट-संझली देवी, अध्यक्ष, रौशनी आजीविका सखी मंडल
बाइट-अमरेंद्र सिन्हा, एसबीएसी बैंक अधिकारी, गढ़वा
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