बोकारो: जिले के नक्सल प्रभावित नावाडीह प्रखंड के गांव अरगामो का उप स्वास्थ्य केंद्र सफेद हाथी साबित हो रहा है. 7 वर्ष पहले जब इस उप स्वास्थ्य केंद्र की नींव रखी जा रही थी, तो ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई थी. लेकिन आज तक ग्रामीणों की परेशानी दूर नहीं हो पाई है.
उप स्वास्थ्य केंद्र का नहीं हो रहा संचालन
अस्पताल बनने पर ग्रामीणों को लगा अब उन्हें इलाज के लिए 10 किलोमीटर दूर के अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा. विडंबना यह है कि इस उप स्वास्थ्य केंद्र में वर्षों बाद भी कोई डॉक्टर नहीं बैठा. वर्तमान में उप स्वास्थ्य केंद्र इतना जर्जर हो चुका है, कि इसमें स्वास्थ्य सेवा शुरू करने से पहले फिर से लाखों रुपए मरम्मती में खर्च करने पड़ेंगे. सफेद हाथी साबित हो रहे इस भवन के निर्माण का फायदा किसको मिला यह बताने की आवश्यकता नहीं है. सरकार हेमंत सोरेन की हो या फिर रघुवर दास की जनहित के कार्यों में नीति एक सी ही है.
स्वास्थ्य विभाग को नहीं किया हेंडओवर
यहां के ग्रामीणों की माने तो उप स्वास्थ्य केंद्र को अभी तक स्वास्थ्य विभाग को हेंडओवर नहीं किया गया है. उन्होंने बताया, स्वास्थ्य केंद्र के पंखे और बिजली के तार आदि चोरी हो चुके हैं. भवन इतना जर्जर हो चुका है की फिर से लाखों खर्च करने के बाद ही स्वास्थ्य सेवा शुरू की जा सकती है. उन्होंने बताया, उनकी समस्या आज भी बरकरार है. गंभीर रोगी को 10 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाने के बाद ही इलाज संभव है.
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डीसी ने जानकारी से किया इनकार
इस बाबत जिले के उपायुक्त राजेश सिंह ने जानकारी होने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि सिविल सर्जन मेडिकल लीव पर है. उनके वापस आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. तभी कुछ कहा जा सकता है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सरकार किसी की भी हो खामियाजा जनता को ही भुगतना है. लोग अब भी इस सरकार से आस लगाकर बैठे हैं कि यह उप स्वास्थ्य केंद्र को जल्द से जल्द चालू कराया जाए.