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Himachal Flood: CM सुक्खू ने केंद्रीय दल के साथ की मीटिंग, केंद्र से केदारनाथ आपदा के तर्ज पर मांगी सहायता

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Published : Jul 21, 2023, 9:55 PM IST

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हिमाचल में आई आपदा का आकलन करने 19 जुलाई को केंद्रीय टीम पहुंची थी. टीम ने तीन दिनों तक राज्य में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया. वहीं, आज सीएम ने शिमला में केंद्रीय टीम के साथ बैठक की और राज्य के हुए नुकसान का आकलन बताया. इस दौरान सीएम ने कहा उत्तराखंड में आई 2013 केदारनाथ आपदा के तर्ज पर हिमाचल को केंद्र से सहायता मिलनी चाहिए.

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा का आकलन करने के लिए हिमाचल पहुंचे केंद्रीय दल के साथ शिमला में बैठक की. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वित्तीय सलाहकार रवनीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए आए आठ सदस्यीय केंद्रीय दल हिमाचल में है. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय दल को बताया प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण भारी नुकसान हुआ है, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार को हिमाचल की उदारता से मदद करनी चाहिए.

इस दौरान रवनीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है और सबसे ज्यादा नुकसान कुल्लू व मंडी जिला में हुआ है. उन्होंने कहा कि बहुत से प्रभावित इलाकों में केंद्रीय टीम नहीं जा पाई. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के साथ चर्चा के बाद नुकसान की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा उत्तराखंड सरकार को वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दौरान मिली सहायता की तर्ज पर हिमाचल को भी केंद्र की ओर से आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा केंद्र सरकार के आपदा से संबंधित वर्तमान दिशा-निर्देशों में बहुत कम आर्थिक सहायता का प्रावधान है. प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और निर्माण इत्यादि की अधिक लागत को देखते केंद्र सरकार को हिमाचल सहित अन्य पहाड़ी राज्यों को अलग पैटर्न पर आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए.

CM Sukhu meeting with central team
CM सुक्खू ने केंद्रीय दल के साथ की मीटिंग

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा भारी बारिश और बाढ़ के कारण प्रदेश में बिजली, पानी और सड़क परियोजनाओं को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है, जिसे स्थाई रूप से बहाल करने में काफी वक्त लगेगा. इसके लिए विशेष आर्थिक सहायता की भी आवश्यकता होगी. ऐसे में इस त्रासदी से उबरने के लिए प्रदेश को उदार वित्तीय मदद के लिए केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अंतरिम राहत के लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है और मानसून के बाद इस बारे में संशोधित पत्र दिया जाएगा. हिमाचल सरकार ने प्रदेश में हुआ नुकसान का अपने स्तर पर आकलन किया है. प्रदेश में मानसून की बारिश में सड़कों, पानी की परियोजनाओं, निजी संपत्तियों को करीब 4985 करोड़ की क्षति का आरंभिक अनुमान लगाया गया है. इसमें लोक निर्माण विभाग को करीब 1621 करोड़, जलशक्ति विभाग को करीब 1448 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है. बिजली बोर्ड को भी करीब 1482 करोड़ का नुकसान जबकि शहरी निकायों में भी करीब 6.47 करोड़ का नुकसान आंका गया है.

इसके अलावा कृषि व बागवानी को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है. केंद्रीय दल अपने स्तर पर रिपोर्ट तैयार करेगा, इसके लिए इस दल ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया है. केंद्रीय दल केंद्र सरकार को नुकसान की रिपोर्ट देगा और इसके आधार पर ही हिमाचल को केंद्र सरकार से इस आपदा के लिए आपदा राशि मिलेगी. इस बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, वित्त सचिव अक्षय सूद, विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे.
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