शिमला: आज के डिजिटल युग में हर काम मोबाइल के जरिए ऑनलाइन हो जाता है. चाहे शॉपिंग, खाना , बिलों का भुगतान हो या टिकट बुक करना सब अब सेकेंडों में हो जाता है. वक्त की मांग को देखते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी हिमाचल प्रदेश में इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर पोर्टल लॉन्च किया है. जिससे अब बिजली उपोभक्ताओं का बिलों के भुगतान के लिए लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा. अब लोग घर बैठे ही आसानी से ऑनलाइन बिलों का भुगतान कर सकते हैं. इसके अलावा लोग अब नए बिजली कनेक्शन के लिए भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंजीनियरिंग दिवस पर शिमला में हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) के एकीकृत बिजली उपभोक्ता पोर्टल का शुभारंभ किया है. इस पोर्टल के जरिए उपभोक्ता घर बैठे ही बिलों का भुगतान करने के अलावा अब नए बिजली कनेक्शन के लिए भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. साथ ही इस पोर्टल पर अपने आवेदन की प्रगति की निगरानी भी कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त पोर्टल पर एचपीएसईबीएल द्वारा दी जाने वाली नाम परिवर्तन और लोड समायोजन आदि विभिन्न सेवाएं भी उपलब्ध होंगी. इस डिजिटल पहल का उद्देश्य बिजली बोर्ड में कागज रहित कार्य संस्कृति की शुरुआत करना है, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुव्यवस्थित होंगी और सेवाओं में तेजी आएगी.
इस मौके पर सीएम सुक्खू ने कहा यह पोर्टल ऊर्जा क्षेत्र में उपभोक्ता सुविधा बढ़ाने और डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है. जिससे उपभोक्ताओं को अधिक कुशल और सुलभ सेवाएं प्राप्त होंगी. इसके अलावा पोर्टल पर ऊर्जा उत्पादन डेटा उपलब्ध होगा और यह उपभोक्ताओं को कार्यालय में आए बिना आईपीपी द्वारा ऑनलाइन चालान जमा करने की सुविधा प्रदान करेगा. सीएम ने राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास में इंजीनियर्स के अमूल्य योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हाल ही में भारी वर्षा के कारण आई आपदा ने राज्य के बुनियादी ढांचे को बुरी तरह से प्रभावित किया है. इसके वाबजूद प्रदेश के विभिन्न विभागों के इंजीनियरों के समर्पित प्रयासों से सरकार ने 48 घंटे की अल्पावधि में आवश्यक सेवाओं को अस्थायी रूप से बहाल की.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा "इस आपदा के कारण प्रदेश में सड़क, बिजली और जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं. अभी तक हुए कुल नुकसान का आकलन 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक है. डिजिटाइजेशन के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए सीएम ने कहा विभिन्न सरकारी विभाग आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ उनके घर-द्वार पर प्रदान कर रहे हैं. राज्य सरकार 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अभियंताओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहेगी. उन्होंने प्रदेशवासियों से जलवायु परिवर्तन को एक सामूहिक जिम्मेदारी मान कर इससे निपटने में पूर्ण सहयोग देने का भी आह्वान किया."