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Special Package For Himachal: सीएम सुक्खू ने किया ₹4500 करोड़ के विशेष पैकेज का ऐलान, BJP पर लगाया हिमाचल को धोखा देने का आरोप

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 30, 2023, 6:36 PM IST

Updated : Oct 1, 2023, 12:59 PM IST

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल में आई से निपटने के लिए विशेष पैकेज का ऐलान किया है. सरकार ने 4500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है. वहीं, इस दौरान सीएम सुक्खू ने केंद्र सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि बीजेपी ने हिमाचल को धोखा दिया है. (Special package for Himachal) (CM Sukhu announced Special package)

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हिमाचल के लिए विशेष पैकेज

शिमला: हिमाचल सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों के लिए ₹4500 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है. इसके तहत पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए 7 लाख, आंशिक क्षतिग्रस्त घरों को 1 लाख रुपए दिए जाएंगे. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार की ओर इस पैकेज का ऐलान किया. सीएम ने इस दौरान केंद्र सरकार पर हिमाचल की सहायता नहीं करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि बीजेपी ने हिमाचल के लोगों के साथ धोखा किया है.

'BJP ने हिमाचल के साथ किया धोखा': सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा 7 जुलाई को राज्य में आपदा शुरू हुई. सरकार और अधिकारियों ने प्रयास किए और इस चुनौती को युद्ध की तरह लड़ा. आपदा से निपटने के लिए छोटे बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं और समाज के सभी वर्गों ने अपना योगदान दिया. सरकार ने विधानसभा में स्पेशल पैकेज का प्रस्ताव लाया था और तीन दिन तक इस पर बहस की, लेकिन बीजेपी ने इसका समर्थन न कर जनता से धोखा किया. जब प्रदेश की जनता आपदा प्रभावित लोगों के साथ खड़ी हुई, तो बीजेपी को ऐसा क्या हुआ कि वो मूकदर्शक बनी रही.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राज्य सरकार आपदा में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 7 लाख और आंशिक क्षतिग्रस्त मकान के लिए 1 लाख रुपये प्रभावितों को देगी. यही नहीं जिन लोगों के घर गिर गए है और वहां की जगह खराब हो गई है, उनको अलग से 2 से 3 बीघा जमीन दी जाएगी. सरकार ने अपने राज्य के बजट से अब तक राहत और पुनर्वास कार्य के लिए 1850 करोड़ जारी किए है. सरकार रविवार को ₹1021 करोड़ पीडब्ल्यूडी और जल शक्ति विभाग के लिए जारी करेगी.

मुख्यमंत्री ने आपदा को लेकर 4500 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज का ऐलान किया. इस दौरान उन्होंने कहा ₹3500 करोड़ रुपए से उन लोगों को बसाया जाएगा, जिनके घर इस आपदा में पूरी तरह तबाह हुए है. जबकि ₹1000 करोड़ रुपए एमएलए फंड और मनरेगा के तहत डंगे लगाने पर खर्च किए जाएंगे.

सीएम ने कहा इस पैकेज के तहत 7 जुलाई से 30 सितंबर तक की आपदा से प्रभावित परिवार कवर होंगे. उन्होंने कहा आपदा में जिन लोगों के घर टूटे हैं. उनके उत्थान में यह पैकेज मदद करेगा. केंद्र व राज्य के रिलीफ मैन्युअल के हिसाब से पहले घर तबाह होने पर 1.30 लाख रुपए मिलते थे, लेंकिन अब उनको 7 लाख रुपए देने का निर्णय लिया गया है. पक्के मकानों के साथ कच्चे मकानों के लिए भी यह राशि मिलेगी, यही नहीं इनके लिए आय का कोई मापदंड भी रहेगा.

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा घर निर्माण के दौरान बिजली व पानी सरकार मुफ्त देगी. इसके अलावा नए घर बनाने के लिए सरकारी रेट पर यानी 280 रुपए प्रति बैग के हिसाब से सीमेंट भी उपलब्ध कराया जाएगा. इसे मिलाकर एक घर बनाने पर सरकारी मदद लगभग 10 लाख रुपए की हो जाएगी. पहले पक्के घरों के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर मात्र 6500 रुपए मिलते थे. अब इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है. कच्चा घर टूटने पर पहले मात्र 4000 रुपए मिलते थे, उन्होंने इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए किया है.

जिनके ढाबे ढह गए है, उनको केंद्र सरकार से 25 हजार मिलता है. अब हिमाचल सरकार उन्हें 1 लाख रुपए‌ देगी. इसी तरह गौशाला टूटने पर पहले मात्र 3000 रुपए मिलते थे, इसे बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया है. गाय या भैंस की मौत पर 35 हजार की जगह 55 हजार रुपए, घोड़ा व गधे की मौत पर 34 हजार की जगह 55 हजार रुपए मिलेंगे. पहले भेड़-बकरी मरने पर 4000 रुपए मिलते थे, अब 6000 रुपए दिए जाएंगे. इसी तरह खच्चर की मौत पर 20 हजार की जगह 55 हजार रुपए की राशि मिलेंगी.

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा आपदा से कृषि भूमि को नुकसान पर पहले 12 बीघा जमीन के मात्र 3600 रुपए प्रति हेक्टेयर मिलते थे. इसे 10 हजार प्रति बीघा कर दिया है. फसलों को नुकसान होने पर पहले 500 रुपए दिए जाते थे, इसे 8 गुणा बढ़ाकर 4000 रुपए किया गया. घरों में वाटर लॉगिंग होने पर पहले 2500 रुपए मिलते थे. उसे 20 गुणा बढ़ाकर 50 हजार रुपए किया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों के मकान व जमीन आपदा में चली गई है और भूमिहीन हो गए, उन्हें मकान बनाने के लिए शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा तथा ग्रामीण इलाकों में तीन बिस्वा जमीन उपलब्ध कराएंगे. लम्बे अर्से से रहे रहे बाहरी लोगों को भी मिलेगी घर के लिए जमीन. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग जो लंबे समय से प्रदेश में रह रहे हैं, उन्हें भी सरकार मकान बनाने के लिए जमीन देगी. उन्होंने आपदा के दौरान मंडी में देखा कि सफाई करने वाले लोग नदी किनारे रह रहे हैं. आपदा में जब उनके टैम्परेरी शेड बह गए तो छोटे-छोटे बच्चे रो रहे थे. ऐसे लोगों को भी सरकार मकान बनाने को जमीन उपलब्ध कराएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार आपदा के कारण शिक्षण संस्थानों में बच्चों की पढ़ाई को नुकसान हुआ है. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए जितने दिन स्कूल बंद रहे हैं, उतने दिन बच्चों को अतिरिक्त पढ़ाई कराए जाएगी.

ये भी पढ़ें: Central Team Visited Bilaspur: सेंट्रल टीम ने किया बिलासपुर का दौरा, आपदा से हुए नुकसान का लिया जायजा

हिमाचल के लिए विशेष पैकेज

शिमला: हिमाचल सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों के लिए ₹4500 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है. इसके तहत पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए 7 लाख, आंशिक क्षतिग्रस्त घरों को 1 लाख रुपए दिए जाएंगे. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार की ओर इस पैकेज का ऐलान किया. सीएम ने इस दौरान केंद्र सरकार पर हिमाचल की सहायता नहीं करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि बीजेपी ने हिमाचल के लोगों के साथ धोखा किया है.

'BJP ने हिमाचल के साथ किया धोखा': सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा 7 जुलाई को राज्य में आपदा शुरू हुई. सरकार और अधिकारियों ने प्रयास किए और इस चुनौती को युद्ध की तरह लड़ा. आपदा से निपटने के लिए छोटे बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं और समाज के सभी वर्गों ने अपना योगदान दिया. सरकार ने विधानसभा में स्पेशल पैकेज का प्रस्ताव लाया था और तीन दिन तक इस पर बहस की, लेकिन बीजेपी ने इसका समर्थन न कर जनता से धोखा किया. जब प्रदेश की जनता आपदा प्रभावित लोगों के साथ खड़ी हुई, तो बीजेपी को ऐसा क्या हुआ कि वो मूकदर्शक बनी रही.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राज्य सरकार आपदा में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 7 लाख और आंशिक क्षतिग्रस्त मकान के लिए 1 लाख रुपये प्रभावितों को देगी. यही नहीं जिन लोगों के घर गिर गए है और वहां की जगह खराब हो गई है, उनको अलग से 2 से 3 बीघा जमीन दी जाएगी. सरकार ने अपने राज्य के बजट से अब तक राहत और पुनर्वास कार्य के लिए 1850 करोड़ जारी किए है. सरकार रविवार को ₹1021 करोड़ पीडब्ल्यूडी और जल शक्ति विभाग के लिए जारी करेगी.

मुख्यमंत्री ने आपदा को लेकर 4500 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज का ऐलान किया. इस दौरान उन्होंने कहा ₹3500 करोड़ रुपए से उन लोगों को बसाया जाएगा, जिनके घर इस आपदा में पूरी तरह तबाह हुए है. जबकि ₹1000 करोड़ रुपए एमएलए फंड और मनरेगा के तहत डंगे लगाने पर खर्च किए जाएंगे.

सीएम ने कहा इस पैकेज के तहत 7 जुलाई से 30 सितंबर तक की आपदा से प्रभावित परिवार कवर होंगे. उन्होंने कहा आपदा में जिन लोगों के घर टूटे हैं. उनके उत्थान में यह पैकेज मदद करेगा. केंद्र व राज्य के रिलीफ मैन्युअल के हिसाब से पहले घर तबाह होने पर 1.30 लाख रुपए मिलते थे, लेंकिन अब उनको 7 लाख रुपए देने का निर्णय लिया गया है. पक्के मकानों के साथ कच्चे मकानों के लिए भी यह राशि मिलेगी, यही नहीं इनके लिए आय का कोई मापदंड भी रहेगा.

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा घर निर्माण के दौरान बिजली व पानी सरकार मुफ्त देगी. इसके अलावा नए घर बनाने के लिए सरकारी रेट पर यानी 280 रुपए प्रति बैग के हिसाब से सीमेंट भी उपलब्ध कराया जाएगा. इसे मिलाकर एक घर बनाने पर सरकारी मदद लगभग 10 लाख रुपए की हो जाएगी. पहले पक्के घरों के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर मात्र 6500 रुपए मिलते थे. अब इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है. कच्चा घर टूटने पर पहले मात्र 4000 रुपए मिलते थे, उन्होंने इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए किया है.

जिनके ढाबे ढह गए है, उनको केंद्र सरकार से 25 हजार मिलता है. अब हिमाचल सरकार उन्हें 1 लाख रुपए‌ देगी. इसी तरह गौशाला टूटने पर पहले मात्र 3000 रुपए मिलते थे, इसे बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया है. गाय या भैंस की मौत पर 35 हजार की जगह 55 हजार रुपए, घोड़ा व गधे की मौत पर 34 हजार की जगह 55 हजार रुपए मिलेंगे. पहले भेड़-बकरी मरने पर 4000 रुपए मिलते थे, अब 6000 रुपए दिए जाएंगे. इसी तरह खच्चर की मौत पर 20 हजार की जगह 55 हजार रुपए की राशि मिलेंगी.

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा आपदा से कृषि भूमि को नुकसान पर पहले 12 बीघा जमीन के मात्र 3600 रुपए प्रति हेक्टेयर मिलते थे. इसे 10 हजार प्रति बीघा कर दिया है. फसलों को नुकसान होने पर पहले 500 रुपए दिए जाते थे, इसे 8 गुणा बढ़ाकर 4000 रुपए किया गया. घरों में वाटर लॉगिंग होने पर पहले 2500 रुपए मिलते थे. उसे 20 गुणा बढ़ाकर 50 हजार रुपए किया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों के मकान व जमीन आपदा में चली गई है और भूमिहीन हो गए, उन्हें मकान बनाने के लिए शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा तथा ग्रामीण इलाकों में तीन बिस्वा जमीन उपलब्ध कराएंगे. लम्बे अर्से से रहे रहे बाहरी लोगों को भी मिलेगी घर के लिए जमीन. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग जो लंबे समय से प्रदेश में रह रहे हैं, उन्हें भी सरकार मकान बनाने के लिए जमीन देगी. उन्होंने आपदा के दौरान मंडी में देखा कि सफाई करने वाले लोग नदी किनारे रह रहे हैं. आपदा में जब उनके टैम्परेरी शेड बह गए तो छोटे-छोटे बच्चे रो रहे थे. ऐसे लोगों को भी सरकार मकान बनाने को जमीन उपलब्ध कराएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार आपदा के कारण शिक्षण संस्थानों में बच्चों की पढ़ाई को नुकसान हुआ है. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए जितने दिन स्कूल बंद रहे हैं, उतने दिन बच्चों को अतिरिक्त पढ़ाई कराए जाएगी.

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Last Updated : Oct 1, 2023, 12:59 PM IST
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