मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी में नेरचौक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ती हुई नजर आ रही है. आलम यह है कि कभी यहां पर अल्ट्रासाउंड नहीं होते हैं तो कभी डॉक्टर के न होने से ऑपरेशन नहीं होते हैं. इन दिनों नेरचौक मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का टोटा हो गया है. इससे अस्पताल में रोजाना दर्जनों रुटीन के ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं. इसका खामियाजा अस्पताल आने वाले गंभीर मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.
नेरचौक मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया के डॉक्टरों की कमी के चलते निर्धारित तिथियों के रूटीन के ऑपरेशन को स्थगित कर दिया गया है, जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मेडिकल कॉलेज नेरचौक में केवल इमरजेंसी केस ही निपटाए जा रहे हैं. जबकि एक माह पहले डॉक्टरों द्वारा दी गई डेट पर ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं. हर रोज लोग ऑपरेशन की तिथि का पता करने के लिए नेरचौक मेडिकल कॉलेज की चक्कर काटने को मजबूर हो गए हैं. जिसके चलते लोगों को निजी अस्पतालों में जाकर उपचार करना पड़ रहा है.
मंडी निवासी अजय कुमार ने बताया कि उन्हें पित्ताशय में पथरी की शिकायत थी. उन्होंने जिला अस्पताल में जांच करवाया, जहां डॉक्टर ने ऑपरेशन करने की बात कही. जिसके बाद नेरचौक मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने उन्हें 19 दिसंबर को ऑपरेशन की डेट दी थी, लेकिन बाद में डॉक्टरों ने यह कहकर मना कर दिया कि यहां पर एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट ही उपलब्ध नहीं है. ऐसे में अजय को मजबूरन 2 जनवरी को निजी अस्पताल में अपना ऑपरेशन करवाना पड़ा.
नेरचौक मेडिकल कॉलेज की एमएस दीपाली शर्मा ने कहा कि अस्पताल में एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की एसआर शीप खत्म हो गई है. जबकि कुछ विंटर अवकाश पर है. जिसके चलते रूटीन के ऑपरेशन के लिए आगामी डेट दी जा रही है. अस्पताल में इमरजेंसी केस के सभी मरीजों ऑपरेशन हो रहे हैं. ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े.
ये भी पढ़ें: मिनी सचिवालय में एक्सपायरी दवा और जूस देख भड़के बागवानी मंत्री, अधिकारियों की लगाई क्लास