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दिल्ली हाट की तर्ज पर होगा कुल्लू हाट का आयोजन, हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 19, 2024, 9:55 AM IST

Kullu Haat on Delhi Haat Basis in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में हस्तशिल्प एवं हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार नई पहल करने जा रही है. इसके अंतर्गत कुल्लू जिले में दिल्ली हाट की तर्ज पर कुल्लू हाट का आयोजन किया जाएगा. जिससे हस्तशिल्प एवं हथकरघा उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके.

Kullu Haat on Delhi Haat Basis in Himachal Pradesh
Kullu Haat on Delhi Haat Basis in Himachal Pradesh

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई तरह की हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पाद कारीगरों के द्वारा तैयार किए जाते हैं. प्रदेश सरकार भी हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग के माध्यम से दिल्ली हाट की तर्ज पर कुल्लू जिले में भी कुल्लू हाट का आयोजन किया जाएगा. जिसमें हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग से जुड़े हुए कारीगरों को अपने उत्पाद सजाने का मौका मिलेगा, ताकि उन उत्पादों की बिक्री कर वे अपने आप को आर्थिक रूप से मजबूत कर सके.

ढालपुर में राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के द्वारा आयोजित जिला हथकरघा प्रदर्शनी बिक्री कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुवार को सीपीएस सुंदर ठाकुर ने किया. सुंदर ठाकुर ने कहा कि इससे पहले दिल्ली में भी दिल्ली हाट कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के द्वारा वहां पर हिमाचली उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई थी. जिनकी दिल्ली हाट में काफी मांग रही. ऐसे में अब इस बारे प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह से भी वार्ता की गई है और पंचायती राज विभाग के माध्यम से कुल्लू में भी कुल्लू हाट का जल्द आयोजन किया जाएगा.

सीपीएस सुंदर ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल में इस उद्योग को काफी नुकसान हुआ था, लेकिन अब प्रदेश सरकार इस उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है. जिसके तहत हथकरघा निगम के माध्यम से कई योजनाओं का लाभ कारीगरों को दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिला कुल्लू में कई राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कारीगर हैं. जिनके उत्पाद देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सराहे गए हैं. ऐसे में जिला कुल्लू के अलावा अन्य जिलों में भी हस्तशिल्प एवं हथकरघा उद्योगों को सरकार के द्वारा बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि हस्तशिल्प एवं हथकरघा के माध्यम से कारीगर अपनी पुश्तैनी विरासत को संजोए रख सकें.

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