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ये कैसी मुसीबत: डायरिया के बीच पानी की किल्लत, तीसरे दिन टैंकर से मिल रही सप्लाई, मरीज खुद ढो रहे पानी

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Published : Feb 3, 2023, 4:50 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 5:18 PM IST

नादौन में डायरिया प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए अब और मुसीबत खड़ी हो गई है. क्षेत्र के लोग एक तरफ डायरिया से जूझ रहे हैं, तो वहीं अब लोगों को पानी की किल्लत हो गई है. आलम यह है कि लोगों को तीसरे दिन टैंकर से पानी मिल रहा है, जो पूरा नहीं पड़ रहा है.

Diarrhea cases in Nadaun
Diarrhea cases in Nadaun

डायरिया के बीच पानी की किल्लत.

हमीरपुर: डायरिया प्रभावित नादौन विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गांव में पिछले 7 दिनों से नल सूखे हैं. गांव में तीसरे दिन टैंकर के जरिए जल शक्ति विभाग पेयजल उपलब्ध करवा रहा है. पिछले शनिवार को डायरिया फैलने का मामला 6 गांव में सामने आया था और 7 दिन के भीतर दर्जनों गांव के लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. एक तो लोगों पहले डायरिया से जूझ रहे हैं, उपर से लोगों को पानी की किल्लत हो रही है.

आधा दर्जन पंचायतों के लगभग 50 के करीब गांव में डायरिया का प्रकोप लगातार जारी. अब तक 1005 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. बीमारी फैलते ही स्वास्थ्य विभाग और जल शक्ति विभाग की तरफ से पेयजल योजना तथा विभिन्न घरों से पानी के सैंपल लिए गए थे. जिनकी रिपोर्ट का एक हफ्ते बाद भी इंतजार है. यही वजह है कि अभी तक प्रभावित तीन पेयजल योजनाओं की वाटर सप्लाई को बहाल नहीं किया गया है.

जल शक्ति विभाग की स्थानीय लैब में पानी के सैंपल की रिपोर्ट तो सामान्य आई है, लेकिन बायोलॉजिकल जांच के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार पिछले 7 दिनों से किया जा रहा है. स्वास्थ्य और जल शक्ति विभाग के द्वारा 25 सैंपल लिए गए हैं. लेकिन एक भी सैंपल की डिटेल एनालिसिस रिपोर्ट नहीं आई है. हजारों लोगों को टैंकर के जरिए पेयजल उपलब्ध करवाने के प्रयास सरकार कर रही है. लेकिन सप्लाई बहाल न होने से स्थानीय लोगों का इंतजार लंबा हो रहा है.

बीमारी की हालत में सिर पर पानी ढो रहे बुजुर्ग: सिर पर बाल्टी उठाकर घर पानी ले जा रही ग्रामीण कौशल्या देवी ने बताया कि डायरिया की बीमारी से उनका स्वास्थ्य काफी खराब हो चुका है. उन्होंने कहा कि पानी टैंकर के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है, लेकिन फिर भी पानी की कमी के कारण दिक्कत पेश आ रही है. बीमारी की हालत में दूर से पानी लाना भी अपने आप में समस्या है. घर में बच्चे भी हैं, ऐसे में पानी की खपत ज्यादा है.

जरूरत पड़ने पर खरीदना पड़ रहा पानी: महिला विमला देवी का कहना है कि शुरू में बीमारी फैली तो उन्हे पानी खरीद कर भी लाना पड़ा. उन्होंने कहा कि टैंकर की सप्लाई से पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है. हालांकि तीसरे दिन पानी आने से थोड़ा बहुत गुजारा हो रहा है. उन्होंने कहा कि पेयजल योजना कr सप्लाई को तुरंत बहाल किया जाना चाहिए ताकि समस्या का समाधान हो सके.

तीसरे दिन टैंकर से मिल रहा पानी, कभी एक तो कभी दो बर्तन पानी: ग्रामीण अशोक कुमार और मनसा देवी ने बताया कि पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. क्योंकि दूसरे तीसरे दिन टैंकर के माध्यम से पानी गांव में पहुंचाया जा रहा है. लेकिन पानी की मांग पूरी नहीं हो पा रही है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें हर रोज टैंकर के माध्यम से पानी मुहैया करवाया जाए, ताकि लोगों को समस्या न हो. उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा दवाइयां समय पर दी जा रही हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी लगातार लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है. महिला मनसा देवी ने बताया कि कई दफा टैंकर से एक बर्तन ही पानी मिलता है, जिससे जब वह दूसरी बार पहुंचते हैं, तब तक टैंकर निकल चुका होता है.

मवेशियों के लिए पानी नहीं, खुद करना पड़ रहा प्रबंध: ग्रामीण हरनाम सिंह ने बताया कि उन्हें पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है, लेकिन विभाग द्वारा टैंकर के माध्यम से पानी गांवों में पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और आईपीएच विभाग की टीमें लगातार गांव में पहुंच रही है और लोगों की सेहत के बारे में जानकारी जुटा रही हैं. उन्होंने कहा कि उनके घर में तो मवेशी नहीं है, लेकिन जिन लोगों के घर में मवेशी हैं उनको अपने स्तर पर प्रबंध करना पड़ रहा है.

प्रभावित क्षेत्रों में पहले रोजाना सप्लाई होता था 4.5 लाख लीटर पानी: डायरिया से प्रभावित क्षेत्रों में कुनाह खड्ड स्थित पेयजल योजना के जल स्त्रोत से अलग-अलग तीन पेयजल योजनाओं के जरिए दर्जनों गांव में हर दिन साढ़े 4 लाख लीटर पानी बीमारी फैलने से पहले सप्लाई किया जा रहा था. अब टैंकर के जरिए लोगों को तीसरे दिन सप्लाई मिल रही है. ऐसे में लोगों को गुजारा करना मुश्किल हो गया है. लाखों लीटर की सप्लाई की जरूरत को चंद टैंकरों से पूरा करना विभाग के लिए भी मुश्किल है. लेकिन पेयजल योजना की सप्लाई को बहाल करने के लिए भी कोई सार्थक प्रयास विभागीय स्तर पर नजर नहीं आ रहे हैं.

एक सप्ताह बाद भी रिपोर्ट का इंतजार: मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर डॉ. आरके अग्निहोत्री का कहना है कि मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में 20 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है. रिपोर्ट आने के बाद ही जल के दूषित होने के कारणों का पता चलेगा. वहीं, जल शक्ति विभाग के अधिकारी अभी तक चंडीगढ़ से आने वाली सैंपल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. 2 दिन पहले ही उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर जिला और प्रभावित पेयजल योजनाओं का निरीक्षण कर चुके हैं. लेकिन विभाग अभी तक इन योजनाओं की पेयजल सप्लाई को बहाल नहीं कर पाया है.

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Last Updated :Feb 3, 2023, 5:18 PM IST
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