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देवभूमि हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने पर मीलों पैदल चलकर शिमला आए थे लोग

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Published : Jan 25, 2022, 9:40 AM IST

देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल (himachal pradesh statehood day ) को 25 जनवरी 1971 को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया था. साल के पहले महीने की 25 तारीख को उस दौरान अंबर से हिम के फाहे बरस रहे थे. प्रदेश के जन में जोश इतना था कि लोग कई-कई मील पैदल चलकर शिमला पहुंचे थे. बर्फबारी हो रही थी और शिमला के रिज मैदान पर लोगों का हुजूम था.

himachal pradesh full statehood day
देवभूमि हिमाचल प्रदेश

शिमला: देवभूमि हिमाचल अपने पूर्ण राज्यत्व के इक्यावन साल (himachal pradesh statehood day) पूरा होने पर पहले से अधिक निखर रहा है. हिमाचल का ये निखार विकास और सफलता का है. छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय देश को हैरत में डालती है. इसके अलावा विकास के कई शिखर ऐसे हैं, जिस पर हिमाचल विराज रहा है. यह देवयोग से ही संभव हुआ. माना जाए तो इसकी शुरुआत 25 जनवरी 1971 को हुई.

देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया. साल के पहले महीने की 25 तारीख को उस दौरान अंबर से हिम के फाहे बरस रहे थे. प्रदेश के जन में जोश इतना था कि लोग कई-कई मील पैदल चलकर शिमला पहुंचे थे. बर्फबारी हो रही थी और शिमला के रिज मैदान पर लोगों का हुजूम था.

25 जनवरी 1971 के हुई थी शिमला में बर्फबारी: हिमपात के बावजूद जनता का जोश आसमान पर था. 25 जनवरी 1971 के उस दिन शिमला में भारी बर्फबारी (snowfall in shimla) हो रही थी. शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पहुंची थीं. हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार व हजारों लोगों की मौजूदगी में पीएम इंदिरा गांधी ने हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया था.

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रियासतों को मिलाकर हुआ था हिमाचल का गठन, 1971 में मिला हक: हिमाचल का गठन 15 अप्रैल 1948 को हो चुका था. तीस छोटी रियासतों को मिलाकर हिमाचल बना था, लेकिन इसे पूर्ण राज्य का दर्जा 15 जनवरी वर्ष 1971 को मिला था. जिस समय हिमाचल का गठन हुआ, यहां केवल 228 किलोमीटर पक्की सड़कें थी. फिर पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के समय हिमाचल में 7370 किलोमीटर सड़कें थीं. यानी वर्ष 1948 से 1971 के बीच केवल सात हजार किलोमीटर से कुछ ही अधिक लंबाई थी राज्य में सडक़ों कीं. अब हिमाचल में लगभग 40 हजार किलोमीटर लंबी सड़कें हैं. करीब-करीब सभी पंचायतें सडक़ों से जुड़ गई हैं.


एक नजर में हिमाचल प्रदेश की उपलब्धियां

  • साक्षरता दर के मामले में देश के टॉपमोस्ट राज्यों में हिमाचल.
  • ई-विधानसभा को सफलता से लागू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को हिमाचल में नए आयाम दिए हैं. हिमाचल बड़े राज्यों की श्रेणी में भारत का पहला स्वच्छ राज्य बना.
  • हरियाली का आवरण बढ़ाने के साथ कार्बन को कम करने वाला हिमाचल एशिया का पहला राज्य है.
  • गुणात्मक शिक्षा व स्कूलों में एनरोलमेंट के मामले में हिमाचल देश में सबसे आगे है.
  • प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय अब 1,95,255 रुपये है, जबकि वर्ष 2011-12 में यह 87,721 रुपये थी. ये देश के कई बड़े राज्यों से अधिक है.
  • हिमाचल देश का सेब राज्य कहलाता है. यहां हर साल 3 से 4 करोड़ पेटी से अधिक सेब पैदा किया जाता है. हिमाचल में दुनिया की 56 से अधिक किस्मों का सेब उगाया जा रहा है.
  • हिमाचल के दो गांवों क्यारी और मड़ावग को एशिया के सबसे अमीर गांव होने का गौरव मिल चुका है.
  • हर घर में रसोई गैस सुविधा देने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य
  • हिमाचल में इस समय 4320 स्वास्थ्य संस्था हैं. प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य संस्थानों के लिहाज से हिमाचल देश का टॉप मोस्ट राज्य है.
  • प्रदेश के सभी गांवों में बिजली पहुंच चुकी है. ऐसा करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है.
  • हिमाचल में शिक्षण संस्थानों की संख्या 15553 हैं, जबकि1970-71 में केवल 4693 शिक्षण संस्थान थे.
  • हिमाचल में बैंक शाखाओं का जाल है. यहां 2100 से अधिक बैंक शाखाएं हैं. देश में 11 हजार लोगों पर एक बैंक शाखा के मुकाबले हिमाचल में 3300 लोगों पर एक बैंक शाखा है. हिमाचल में प्रति व्यक्ति सबसे अधिक बैंक शाखाएं हैं.
  • दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा के मुखिया हिमाचल प्रदेश के जेपी नड्डा हैं.

चुनौतियों की भी कमी नहीं हिमाचल में

हिमाचल प्रदेश छोटा पहाड़ी राज्य है और यहां आर्थिक संसाधन बहुत कम हैं. राज्य पर 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है. जनता को साफ पानी मुहैया करवाना बड़ी चुनौती है. प्रदेश में दस लाख से अधिक युवा बेरोजगार हैं. रोजगार के अवसर कम हैं और सरकारी नौकरियों पर लोग अधिक आश्रित हैं. पर्यटन को निखारने की जरूरत है.

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