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कुल्लू में 'विशेष बच्चों' ने बनाई डिजाइनर मोमबत्तियां, दिया ये संदेश

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Published : Nov 1, 2021, 7:00 PM IST

Updated : Nov 1, 2021, 8:56 PM IST

जब कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो शारीरिक अक्षमता भी किसी के विकास में बाधक नहीं हो सकती. यह साबित किया है कुल्लू जिला के विशेष बच्चों ने. अपनी जिंदगी की परेशानियों को भूलाकर ये बच्चे दूसरों की जिंदगी में रोशनी भरने का प्रयास कर रहे हैं. दीपावली के अवसर पर ये बच्चे मोमबत्तियां बनाकर एक तरफ तो आत्मनिर्भर बन रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सभी को चाइनीज उत्पादों के बजाए स्वदेशी उत्पाद का प्रयोग करने का संदेश दे रहे हैं.

विशेष बच्चे
कुल्लू

कुल्लू: किसी के मन में अगर सच्ची लगन हो तो उसके लिए कोई भी काम कठिन नहीं होता है. इस तर्ज पर कुल्लू में स्पेशल बच्चे सामाजिक अभियान को साकार करने में लगे हैं. दिवाली पर यह स्पेशल कलाकार डिजाइनर मोमबत्तियां बनाने में जुटे हैं और रंग-बिरंगी डिजाइनर मोमबत्तियां बनाकर लोगों के घरों में रोशनी भरने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि लोगों के घरों में मोमबत्तियों की चमक के साथ-साथ उनके जीवन में भी चमक बिखर सके.

जिला कुल्लू के मुख्यालय सरवरी में नव चेतना संस्था व नेशनल ब्लाइंड स्कूल में स्पेशल एजुकेटर के द्वारा विशेष बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है. संस्थाओं में कार्यरत स्पेशल एजुकेटर के द्वारा विशेष बच्चों को राखी के अवसर पर राखी और दिवाली पर मोमबत्तियां बनाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है ताकि बच्चे अपने भविष्य में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सके और उनका जीवन भी बेहतर बन सके.

कुल्लू

कुल्लू में स्पेशल बच्चे अपने हुनर का इस्तेमाल कर न सिर्फ साधारण मोमबत्तियां बना रहे हैं बल्कि अलग-अलग डिजाइन की खूबसूरती आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. वहीं लोग भी इन उत्पादों को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं. बच्चों के द्वारा बनाई गई मोमबत्तियां आम लोगों तक पहुंच सके इसके लिए कुल्लू के सरवरी में स्टाल भी लगाए गए हैं. साथ ही मोमबत्ती से होने वाली आय से यह बच्चे भी अपनी दीपावली मना सकेंगे.


वहीं, स्पेशल एजुकेटर राजू व स्पेशल चाइल्ड नुप राम ने दिवाली पर चाइनीज लाइट का बहिष्कार करने की अपील करते हुए अपने देश में बनी चीजों का प्रयोग करने का लोगों से आह्वान किया है. उनका कहना है कि स्पेशल बच्चों द्वारा बनाए गए उत्पादों से उनका हौसला भी बढ़ेगा और लोग भी स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल कर सकेंगे. ऐसे में शारीरिक अक्षमता किसी के विकास में बाधक नहीं हो सकती और कठिन प्रयास, मेहनत के दम पर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.

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Last Updated : Nov 1, 2021, 8:56 PM IST
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