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बाढ़ रोकने के लिए यमुनानगर में बनेंगे 8 छोटे डैम, जानिए मानसून से पहले कितनी तैयारी

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Published : Jul 9, 2021, 6:09 PM IST

Updated : Jul 9, 2021, 6:31 PM IST

हरियाणा में मानसून दस्तक दे चुका है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए यमुनानगर सिंचाई विभाग ने कई योजनाएं तैयार की हैं. सिंचाई विभाग के मुताबिक हरियाणा सरकार जिले में 8 छोटे डैम बनाने जा रही है.

Flood Rescue Preparation Haryana
Flood Rescue Preparation Haryana

यमुनानगर: हरियाणा में मानसून दस्तक दे चुका है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सिंचाई विभाग की सतर्क नजर आ रहा है. बाढ़ से निपटने के लिए हरियाणा सरकार और सिंचाई विभाग ने मिलकर कई योजनाएं चलाई हैं. कई ऐसी योजनाएं हैं जिनके ऊपर तेजी से काम किया जा रहा है. हरियाणा के यमुनानगर में पहाड़ों से निकलकर पानी यमुना नदी में धरातल पर पहुंचता है. यमुनानगर के उत्तरी छोर पर पानी को कंट्रोल करने के लिए साल 1999 में हथिनी कुंड बैराज बनाया गया. जिस पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए गए.

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सिंचाई विभाग के मुताबिक बैराज पर पानी स्टोर नहीं किया जाता. बल्कि यहां से पानी को कंट्रोल कर डायवर्ट करने का काम किया जाता है. पानी के स्टोरेज के लिए जिले में 8 छोटे-छोटे डैम बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है. जिनमें से 6 डैम के लिए करीब 160 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि खर्च की जाएगी. इसके अलावा दो डैम की फिलहाल रूपरेखा तैयार की जा रही है.

यमुनानगर में 160 करोड़ रुपये की लागत से 8 छोटे डैम बनाने की योजना

इसके अलावा हथिनी कुंड बैराज से करीब 5 किलोमीटर ऊपर यमुना नदी पर बांध बनाने का प्रोजेक्ट भी सरकार बनाना चाहती है. जिससे कई राज्यों को फायदा होगा. इससे बाढ़ पर भी काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा. यमुनानगर में नगली, चिकन, खिल्लावाला, डारपुर, कांसली आम्बवाली में छोटे-छोटे बांध बनाने की योजना तैयार की जा रही है. जिन पर करीब 160 करोड़ रुपये खर्च आएगा. वहीं लोहगढ़ और धनोरा में भी बांध बनाने की योजना तैयार की जा रही है.

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सिंचाई विभाग के अधिकारी ने बताया कि यमुना नदी में हरियाणा के पानी वाले हिस्से से 6 छोटे-छोटे रजवाहे निकाले गए हैं. जिनमें 1 हेल माइनर, 1 आर माइनर, 2 हैल माइनर, 2 आर माइनर, जयधरी, और डिप चैनल के जरिए खेतों की सिंचाई का लाभ लोगों तक पहुंचाया जाता है. अधिकारी ने बताया कि वेस्टर्न यमुनानगर कैनाल में 17500 क्यूसेक पानी लेने की क्षमता है, लेकिन अब इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है. जिससे इसकी क्षमता बढ़कर 24000 क्यूसेक पानी तक की हो जाएगी, ताकि जिले के लोगों को पानी का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके.

Flood Rescue Preparation Haryana
इस साल करीब 3 करोड़ 50 लाख रुपये का बजट से करवाया जा रहा निर्माण कार्य

सिंचाई विभाग के अधिकारी ने बताया कि हर साल जरूरत के हिसाब से बजट तैयार किया जाता है. इस साल करीब 3 करोड़ 50 लाख रुपये का बजट तैयार किया गया था. जिसका काम पूरा हो चुका है. सिंचाई विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिले में मौजूद सोम नदी और पथराला नदी में पानी पहाड़ों से बहुत तेज गति से आता है. जिस वजह से इन नदियों के किनारे टूटने का खतरा ज्यादा रहता है. किनारे टूटने से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है. इस साल इस पर नियंत्रण पाने के लिए काफी कोशिश की गई हैं.

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सोम नदी पर करीब 90 फ़ीसदी काम पूरा भी किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि बाढ़ नियंत्रण के लिए 22 जगह काम लगाया गया था. जिनमें से 17 जगह काम पूरा हो चुका है और पांच जगह भी 80 फ़ीसदी काम किया जा चुका है. आने वाले 5 दिनों के भीतर वो काम भी पूरा कर लिया जाएगा. इन कामों के लिए करीब 13 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इनमें से यमुना नदी पर करीब 4 करोड़ और अन्य जगह 9 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

Last Updated :Jul 9, 2021, 6:31 PM IST
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