यमुनानगर: इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक निजी संस्था में स्लम बस्ती के बच्चों को पढ़ाने का काम किया जाता है. यहां पर उनके हुनर को भी आगे लाने का काम किया जाता है. इसी के चलते पिछले 10 साल से यहां पर करवा चौथ के मौके पर मेहंदी मेले का आयोजन किया जाता है. जिसमें इन बच्चियों को पहले ट्रेनिंग दी जाती है.
उसके बाद शहर की महिलाओं के हाथों पर मेहंदी लगाकर जो भी कमाई होती है इन बच्चों में बांट दी जाती है, ताकि ये भी अपने त्योहार को अच्छे से मना सकें. इसी के चलते आज इन्होंने करीब 150 महिलाओं को मेहंदी लगाने का काम किया. इन बच्चों के हाथों से लगी मेहंदी किसी पार्लर से कम नजर नहीं आ रही थी. इनको देख कर लगता ही नहीं था कि है कोई मेहंदी एक्सपर्ट ना हो.
वहीं इनको सिखाने वाली मैडम ने बताया कि इस काम के लिए इन्हें पहले ट्रेनिंग दी जाती है. उसके बाद ही इन्हें मेहंदी लगाने दी जाती है. वही यहां मेहंदी लगवाने आई महिलाओं ने भी बच्चियों के काम को खूब सराहा और उन्होंने कहा कि शहर की महिलाओं को चाहिए कि इन बच्चियों से मेहंदी लगवाई जाए, ताकि इनकी मदद भी हो सके.
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वहीं कोरोना के चलते इन बच्चों ने मेहंदी लगाते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया और इन बच्चों ने करवा चौथ के मौके पर अपनी प्रतिभा को महिलाओं के सामने रखा. जिसकी महिलाओं ने खूब सराहना की और महिलाओं ने कहा कि एक तरफ उनका त्योहार अच्छे से मनेगा तो वहीं बच्चियां भी यहां से पैसे इकट्ठे कर अपना त्योहार अच्छे से मना सकेंगी.