सोनीपत: मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार को गन्नौर स्थित अंतर्राष्ट्रीय बागवानी मंडी पहुंचे. साल 2004 में गन्नौर की इस अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी की आधारशिला तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने रखी थी. करीब 550 एकड़ भूमि को इस मंडी के लिए अधिग्रहण किया जा चुका है. दावा किया जा रहा है कि ये मंडी एशिया की सबसे बड़ी मंडी होगी.
इस मंडी में फल, फूल, सब्जी एवं डेयरी उत्पाद की तमाम तरह की खरीद व बिक्री की जाएगी. डेढ़ दशक पहले शुरू हुई इस मंडी का पहला शेड अब अप्रेल माह तक बनकर पूरा हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले शेड में 48 बड़ी दुकाने बनकर तैयार हो जाएंगी और उन सभी दुकानों में लोडिंग-अनलोडिंग सहित तमाम तरह की सुविधाएं तैयार हो जाएंगी.
सीएम ने की अधिकारियों से बात
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की विशेष रुचि है कि यह मंडी जल्द से जल्द शुरू की जाए. इसी रुचि का दृश्य मंडी में देखने को उस वक्त मिला जब मुख्यमंत्री ने साईट प्लान सहित तमाम पहलुओं पर अधिकारियों के साथ बारीकी और लंबे समय तक ने जानकारी सांझा की.
सीएम ने जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल माह में पहला शेड शुरू होने के बाद अगले दो महीनों में मंडी में आये व्यापारियों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद अलॉटमेंट कर दी जाएगी. ऐसे में अगस्त-सितम्बर तक मंडी को पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने अब संतोष जताते हुए कहा कि जो काम इतने दिनों से बंद पड़ा हुआ था अब उस पर काम शुरू हो जाएगा.
550 एकड़ में हो रहा है गन्नौर मंडी का काम
गन्नौर में एनएच-1 पर साल 2004 में शुरू की हुई 550 एकड़ पर बनने वाली इस विशाल मंडी की सौगात अगले दो माह में लोगों को मिलने वाली है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर की इस मंडी में तमाम सुविधाएं देने का मुख्यमंत्री ने दावा भी किया है. भूमि अधिग्रहण से लेकर कईं अन्य कारणों से मंडी के रुके हुए काम को दोबारा शुरू करवाने में सरकार एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है, ऐसे में देखने वाली बात रहेगी कि बीते डेढ़ दशक से जिस मंडी को शुरू करवाने में सरकारें नाकाम रही हैं, महज दो महीनों में उसे पूरा करवाने के दावे कितने सटीक साबित होंगे.
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