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Youth Dies In Rohtak Private Hospital: बिल का पैसा ना चुका पाने पर निजी अस्पताल ने शव देने से किया इनकार, MLA बलराज कुंडू ने दिलवाई डेड बॉडी

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 30, 2023, 6:53 PM IST

Youth Dies In Rohtak Private Hospital: रोहतक के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई. जिसका शव देने की एवज में अस्पताल प्रशासन ने 4 लाख रुपये का बिल भरने के लिए कहा. 4 लाख रुपये देने में असमर्थ बेबस मां ने महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू से मदद की गुहार लगाई. खबर में विस्तार से जानें पूरा मामला

Youth Dies In Rohtak Private Hospital
मां को बेटे का शव देने से अस्पताल ने किया इनकार

बलराज कुंडू, निर्दलीय विधायक

रोहतक: हरियाणा के जिला रोहतक से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक बेबस मां ने किसी बीमारी के कारण एक जवान बेटे को खो दिया. जिसके बाद निजी अस्पताल प्रशासन ने 4 लाख रुपये बकाया बिल भरने को कहा. बेबस मां बिल भरने में सक्षम नहीं था जिसकी वजह से अस्पताल ने महिला को उसके बेटे का शव देने से इनकार कर दिया. महिला ने अस्पताल प्रबंधन से कई बार मिन्नत की लेकिन उस बुजुर्ग मां की कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. आखिरकार शनिवार को महिला ने महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू से गुहार लगाई. कुंडू ने अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया. काफी लंबे समय की बहस के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बकाया बिल माफ कर शव महिला को सौंप दिया.

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अस्थल बोहर गांव रोहतक निवासी 35 वर्षीय युवक तरुण काफी लंबे समय से पेनक्रियाज इंफेक्शन से पीड़ित था. काफी समय से उसका इलाज चल रहा था. तरुण की मां ने 21 सितंबर को उसे रोहतक शहर के सेक्टर-35 सनसिटी स्थित पॉजिट्रॉन अस्पताल में भर्ती कराया. उसके साथ सिर्फ अकेली मां ही थी. अब 29 सितंबर को तरुण की मौत हो गई.

अस्पताल प्रशासन ने 8 दिन चले इलाज के कुल 5 लाख 30 हजार रुपये का बिल बनाया. तरुण की मां ने पहले ही एक लाख 30 हजार रुपये अस्पताल प्रशासन को दिए थे. लेकिन बाकी के 4 लाख रुपये देने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे. महिला ने अस्पताल प्रशासन के सामने अपनी बेबसी भी बताई. महिला ने बताया कि इसी अस्पताल में पहले भी इलाज चला था. उस इलाज के करीब 18 लाख रुपये दिए गए थे. इसके बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि जब तक 4 लाख रुपये बकाया राशि नहीं चुकाई जाती, तब तक वो शव नहीं देंगे.

मृत तरुण की मां ने बकाया राशि का इंतजाम करने की कोशिश की लेकिन उसे कहीं से भी पैसे नहीं मिल पाए. वह पहले ही बेटे के इलाज पर काफी खर्च कर चुकी थी. अब उनके पास पैसे नहीं थे और तरुण की मौत हो गई. इसलिए वह पूरी तरह से बेबस और लाचार थी. लेकिन अस्पताल के लोगों का दिल नहीं पसीजा और रोती-बिलखती मां को उसके बेटे का शव वापस नहीं किया गया.

वह बेबस मां पूरा दिन और पूरी रात बेटे के शव में इंतजार कर अस्पताल प्रबंधन की मिन्नतें करती रही. बेबस मां ने यह भी कहा कि वह धीरे-धीरे उनका बकाया चुका देगी, लेकिन फिर भी उनकी बात नहीं सुनी गई. शनिवार सुबह तरुण की मां ने कहीं से महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू का मोबाइल नंबर लिया और उनसे मदद की गुहार लगाई.

शिकायत मिलते ही विधायक बलराज कुंडू अस्पताल पहुंचे और प्रबंधन से बात की. इस दौरान विधायक ने अपनी जेब से अस्पताल को 50 हजार रुपये देने की बात कही. लेकिन फिर भी अस्पताल प्रबंधन डेड बॉडी देने के लिए नहीं माना, जिसके चलते काफी देर तक हंगामा हुआ. हंगामा बढ़ता देखकर अस्पताल के संचालक डॉक्टर जिले सिंह कुंडू मौके पर पहुंचे. विधायक और संचालक के बीच काफी देर तक हुई बातचीत के बाद बकाया बिल माफ कर दिया गया और इसके बाद मां को बेटे का शव दिया गया.

विधायक बलराज कुंडू का कहना है कि जिस समय इस बेबस मां की उनके मोबाइल फोन पर कॉल आई, वे गुरुग्राम में थे. सुबह अस्पताल आए तो प्रबंधन ने डेड बॉडी देने से इंकार कर दिया था. इसके बाद अस्पताल संचालक डॉक्टर जिले सिंह कुंडू से बातचीत की तो बाद में डेड बॉडी देने के लिए सहमत हो गए.

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