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रोहतकः हैफेड के पूर्व चेयरमैन अशोक काका की हत्या के 11 दोषियों को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

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Published : Jan 17, 2023, 8:45 PM IST

Rohtak district court sentenced
हत्यारे दोषियों को आजीवन कारावास की सजा

रोहतक में साल 2016 में हैफेड के पूर्व चेयरमैन अशोक काका की हत्या में शामिल 11 दोषियों को रोहतक जिला कोर्ट (Rohtak district court sentenced) ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. (life imprisonment to 11 murder convicts)

रोहतक: हरियाणा के रोहतक में मंगलवार को एडिशनल सेशन जज राकेश सिंह की कोर्ट ने हैफेड के पूर्व चेयरमैन और व्यापारी नेता अशोक काका की हत्या के 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. वारदात के समय 2 दोषी नाबालिग थे. लेकिन हत्या जैसे गंभीर मामले को देखते हुए कोर्ट ने उन्हें भी बालिग के बराबर सजा दी है. आर्म्स एक्ट के मामले में 4 दोषियों को 3-3 साल की सजा सुनाई है. जबकि सबूत मिटाने के एक दोषी को भी 3 साल की सजा सुनाई गई है. इस वारदात में 6 दोषियों ने मौके पर वारदात को अंजाम दिया जबकि 5 ने साजिशकर्ता के तौर पर काम किया.

गौरतलब है कि 22 अप्रैल 2016 को व्यापारी नेता पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष व हैफेड के पूर्व चेयरमैन अशोक काका की मॉडल टाऊन स्थित डबल पार्क में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वो सैर कर रहे थे. सिविल लाइन पुलिस स्टेशन रोहतक में इस संबंध में केस दर्ज हुआ था. रोहतक पुलिस ने 48 घंटे में ही मामले को सुलझा लिया था.

इस हत्याकांड में मनोज सोनी, संजय सोनी, सुनील, अनिल, दीपक, पंकज हुड्डा, वीरेंद्र, सतीश, संदीप उर्फ काला के अलावा 2 नाबालिगों को भी गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने खुलासा किया था कि यह हत्या 147 गज जमीन के लिए की गई. अशोक काका के भतीजा संजय सोनी और मनोज सोनी अपना हक जता रहे थे. उन्होंने भी यह जमीन करौंथा के सुनील व उसके साथी वीरेंद्र को बेच दी थी. लेकिन उन्हें यह जमीन नहीं मिल रही थी.

इस जमीन को पाने के लिए ही सभी ने मिलकर अशोक काका की हत्या की योजना बनाई थी. शूटर्स को हत्या के बदले सुपारी के तौर पर मकान बनवाने और एक शूटर की 2 बहनों की शादी कराने का लालच दिया गया था. इस हत्याकांड में अशोक काका के भाई महेश वर्मा व राजकुमार वर्मा मौके के गवाह थे. एडिशनल सेशन जज राकेश सिंह की कोर्ट ने 12 जनवरी को सभी 11 आरोपियों को दोषी करार दे दिया था और सजा के लिए मंगलवार का दिन निर्धारित किया गया था.

दोपहर बाद कोर्ट का फैसला आ गया. जिसमें सभी 11 दोषियों को आईपीसी की धारा 302 के तहत उम्रकैद की सजा सुना दी गई. इन दोषियों में दोनों नाबालिग को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. शिकायतकर्ता पक्ष के वकील सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि वर्ष 2015 के बाद कानून में बदलाव हुआ. जिसमें नाबालिग आरोपी की उम्र अगर 16 से 18 वर्ष के बीच है और वह गंभीर अपराध में शामिल है.

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उसे भी बालिग के बराबर सजा दी जाएगी. इसी आधार पर हत्याकांड के समय नाबालिग रहे इन दोनों दोषियों को भी उम्रकैद की सजा मिली. आईपीसी 302 के मामले में कोर्ट ने 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है और जुर्माना अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा का फैसला सुनाया है. आर्म्स एक्ट के 4 दोषियों को 3 साल की सजा और 30-30 हजार रुपये जुर्माना किया गया है. जुर्माना अदा न करने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा होगी. वहीं, सबूत मिटाने के एक दोषी को 3 साल की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना किया गया है. वहीं, हत्या के एक दोषी अनिल के पिता रमेश नांदल ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कही है.

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