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बीमा कंपनी ने झूठ बोलकर बेची है पॉलिसी? ब्याज के साथ आप वापस ले सकते हैं पैसा, ये खबर आपके लिए है

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 31, 2023, 11:03 PM IST

Updated : Oct 31, 2023, 11:18 PM IST

Insurance Fraud in Rohtak
Insurance Fraud in Rohtak

Insurance Fraud in Rohtak: रोहतक उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने गलत जानकारी देकर पॉलिसी बेचने वाली एक कंपनी को प्रीमियम का पैसा ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया है. यही नहीं उपभोक्ता को कानूनी खर्च और सेवा में कमी का मुआवजा भी कंपनी को देना होगा. जानिए पूरी खबर क्या है.

रोहतक: जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को प्रीमियम के तौर पर जमा की गई एक लाख रुपए की राशि ब्याज समेत उपभोक्ता को लौटाने के आदेश दिए हैं. साथ ही सेवाओं में कमी के लिए कंपनी को 10 हजार रुपए व कानूनी खर्च के तौर पर 5 हजार रुपए भी देने होंगे. यह पूरी राशि कंपनी को एक महीने के अंदर अदा करनी होगी.

सोनीपत के हलालपुर गांव के अश्वनी कुमार ने 3 मार्च 2022 को हुडा कांप्लेक्स रोहतक स्थित लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी. प्रीमियम के तौर पर उन्होंने एक लाख रुपए जमा करा दिए. 14 मार्च को उन्हें पॉलिसी से संबंधित कागजात मिले. इंश्योरेंस पॉलिसी के कागजात पढ़ने के बाद वो नियम और शर्तों से सहमत नहीं हुआ. इंश्योरेंस करते समय जो बात बताई गई थी, वह पॉलिसी की शर्तों में नहीं मिली. यानि पॉलिसी बेचते समय कंपनी ने गलत जानकारी दे दी.

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इसके बाद उपभोक्ता अश्वनी कुमार ने 28 मार्च को कंपनी के पास पॉलिसी रद्द करने के लिए ईमेल कर दी और जमा की गई एक लाख रूपए की राशि लौटाने के लिए कहा. कंपनी की ओर से सभी प्रकार के कागजात भेजने के बारे में जवाब मिला. यह कागजात निर्धारित समय में भेज दिए गए. फिर पॉलिसी रद्द करने का कारण पूछा गया. यह कारण भी बता दिया गया. इसके बाद उपभोक्ता कई बार इंश्योरेंस कंपनी से पॉलिसी रद्द कर अपनी राशि रिफंड करने की गुहार लगाता रहा लेकिन कंपनी ने कोई सुनवाई नहीं की और उसके दावे को खारिज कर दिया.

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इसके बाद अश्वनी कुमार ने अपने वकील के जरिए 9 सितंबर 2022 को जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में केस दायर कर दिया. जिसमें एक लाख रूपए की राशि रिफंड करने, परेशानी के तौर पर 20 लाख रुपए मुआवजा देने और कानूनी खर्च के तौर पर 33 हजार रुपए देने की मांग की. आयोग की ओर से इंश्योरेंस कंपनी को नोटिस भेजा गया.

कंपनी की ओर से इस संबंध में कई तरह के तर्क पेश किए गए लेकिन आयोग इन तर्कों से संतुष्ट नहीं हुआ. आयोग के अध्यक्ष नागेंद्र सिंह कादियान और सदस्य तृप्ति पानू व विजेंद्र सिंह ने उपभोक्ता अश्वनी कुमार के हक में फैसला सुनाया. जिसके तहत एक लाख रुपए 9 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने और सेवाओं में कमी के लिए 10 हजार रुपए मुआवजा और कानूनी खर्च के तौर पर 5 हजार रूपए देने के आदेश दिए.

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Last Updated :Oct 31, 2023, 11:18 PM IST
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