Haryana ASHA Workers Protest: रोहतक में बीजेपी प्रदेश मुख्यालय के बाहर आशा वर्कर्स ने शुरू किया 24 घंटे का पड़ाव, पूरे प्रदेश में शुरू हुआ धरना

Haryana ASHA Workers Protest: रोहतक में बीजेपी प्रदेश मुख्यालय के बाहर आशा वर्कर्स ने शुरू किया 24 घंटे का पड़ाव, पूरे प्रदेश में शुरू हुआ धरना
Haryana ASHA Workers Protest: हरियाणा में आशा वर्कर्स का विरोध प्रदर्शन 72 दिन से जारी है. बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश के जिलों में बीजेपी नेताओं और मंत्रियों के आवास पर धरना शुरू कर दिया है. इसी के तहत रोहतक में आशा वर्कर्स ने भाजपा के प्रदेश मुख्यालय के बाहर डाला 24 घंटे का पड़ाव डाल दिया है.
रोहतक: हरियाणा में आंदोलन कर रही आशा वर्कर्स ने 72वें दिन बुधवार को रोहतक के हुडा कांप्लेक्स स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय के बाहर 24 घंटे का पड़ाव डाल दिया है. यह पड़ाव गुरूवार दोपहर एक बजे तक जारी रहेगा. इस दौरान आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों के समर्थन में प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा के बैनर तले आंदोलनकारी सुबह मानसरोवर पार्क में एकत्रित हुईं. पार्क में सभा करने के बाद वो शहर के बाजारों से प्रदर्शन करती हुई हुडा कांप्लेक्स स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय के बाहर पहुंची. इस प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया था. पुलिस ने बेरीकेटिंग कर आशा वर्कर्स को भाजपा के प्रदेश कार्यालय से कुछ ही दूरी पर रोक लिया. इसके बाद आशा वर्कर्स ने वहीं पर टैंट लगाकर पड़ाव शुरू कर दिया. इस प्रदर्शन की अगुवाई यूनियन की जिलाध्यक्ष अनीता भाली ने की.
इस दौरान कर्मचारी संगठन सीटू के प्रदेश उपाध्यक्ष सतबीर सिंह व जिला सचिव विनोद ने कहा कि प्रदेश भर की करीब 20 हजार आशा वकर्स अपनी मांगों को लेकर पिछले 72 दिन से आंदोलन कर रही हैं लेकिन प्रदेश सरकार उनकी मांगों पर विचार करने के लिए राजी नहीं है. जबकि मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से 4 बार वार्ता चुकी है लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला है. उन्होंने कहा कि सरकार जान बूझकर मांगों को नहीं मान रही है. लेकिन यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांग नहीं मान ली जाती.
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आशा वर्कर्स यूनियन की जिलाध्यक्ष अनीता भाली ने कहा कि वर्ष 2018 के बाद से महंगाई 2 गुणा बढ़ गई है. आशा वकर्स के काम तीन गुणा बढ़ा दिए गए हैं. इसलिए सरकार को गुजारा लायक वेतन तय करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऑफलाइन काम का जो पैसा मिलता है, सरकार उसी से ऑनलाइन भी काम करवाना चाहती है. यह डबल काम है. कामों के लिए आशा वर्कर्स को एक नए पैसे का भी भुगतान नहीं हो रहा है.
आशा प्रदर्शनकारियों ने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है लेकिन पिछले 5 वर्ष में आशा वर्कर्स की एक नए पैसे की बढ़ोतरी नहीं की गई है बल्कि प्रोत्साहन राशियों में कटौती की गई है. इसलिए उनकी मांग है कि आशा वर्कर्स का मानदेय बढ़ाया जाए व न्यूनतम वेतन 26 हजार रूपए प्रति माह दिया जाए. आशा वर्कर्स के मानदेय को महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए. जिला अस्पताल सीएचसी व पीएचसी पर डिलीवरी रूम में दो-दो महिला डॉक्टर भर्ती किए जाएं. अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्स-रे मशीन का इमरजेंसी में करवाने का प्रबंध किया जाए व मशीनों को चलाने के लिए ऑपरेटर की भर्ती की हो.
