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1962 रेजांगला युद्ध के जांबाज का सम्मान, योद्धा की वीर गाथा सुन विद्यार्थियों में भरा जोश

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Published : Nov 23, 2019, 11:05 AM IST

चिमनावास गांव निवासी निहाल सिंह यादव ने 18 नवंबर 1962 के दिन भारत-चीन के बीच हुई बर्फीली जंग से जुड़ी दास्तान सुनाई. उन्होंने बताया कि किस तरह सोलह हजार फीट की ऊंचाई पर माइनस 40 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर 13 कुमाऊं की चार्ली कंपनी ने अंतिम गोली तथा अंतिम सांस तक अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया.

1962 रेजांगला युद्ध के जांबाज का सम्मान

रेवाड़ीः जिला के खोरी गांव स्थित स्कूल में शुक्रवार को भारत-चीन के बीच 1962 में हुई लड़ाई के योद्धा सेना मेडल निहाल सिंह यादव को सम्मानित किया गया. इस दौरान उन्होंने युद्ध के रोचक संस्मरण सुनाकर सभी को भाव विभोर और रोमांचित कर दिया. निहाल सिंह यादव को विद्यालय की ओर से शॉल एवं साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया. उनके साथ आए रेजांगला शौर्य समिति के पूर्व सैनिक रामपाल यादव और कृष्ण कुमार को भी सम्मानित किया गया.

भारत-चीन के बीच युद्ध की दास्तान
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य मुकेश कुमार सैनी ने की. गुजरात के राजकोट में आयोजित रेजांगला महोत्सव में शिरकत करके लौटे जिले के चिमनावास गांव निवासी निहाल सिंह यादव ने 18 नवंबर 1962 के दिन भारत-चीन के बीच हुई बर्फीली जंग से जुड़ी दास्तान सुनाई. उन्होंने बताया कि किस तरह सोलह हजार फुट की ऊंचाई पर माइनस 40 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर 13 कुमाऊं की चार्ली कंपनी ने अंतिम गोली तथा अंतिम सांस तक अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया.

विद्यार्थियों में भरा जोश
वीर योद्धा के संस्मरण सुनकर सबसे अधिक विद्यार्थी प्रभावित दिखाई दिए. प्राध्यापक अजीत यादव यादव ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ नामक रेजांगला शहादत से जुड़ा गीत सुनाकर कार्यक्रम को नई ऊंचाइयां दी. संचालन प्राध्यापक संदीप यादव ने किया. इस अवसर पर प्राध्यापक धर्मेंद्र सिंह, लाल सिंह, सरोज यादव, सुमनलता, लखनपाल, सुषमा कुमारी, रेखा बाई, विवेक यादव, रविंद्र कुमार, ईश्वर सिंह, राजपाल, अंजू बाला, डा. अनीता यादव आदि उपस्थित थे.

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Intro:1962 लड़ाई के संस्मरण सुनाकर किया रोमांचित
रेजांगला युद्ध के जाबांज को सम्मानित किया
संस्मरण सुनकर विद्यार्थी हुए प्रभावित
रेवाड़ी, 22 नवम्बर(महेंद्र भारती)। Body:जिला के गांव खोरी स्थित राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शुक्रवार को भारत-चीन के बीच 1962 में हुई लड़ाई के योद्धा सेना मेडल निहाल सिंह यादव ने युद्ध के रोचक संस्मरण सुनाकर सभी को भाव विभोर व रोमांचित कर दिया। यादव को विद्यालय की ओर से शॉल एवं साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया। उनके साथ पधारे रेजांगला शौर्य समिति के पूर्व सैनिक रामपाल यादव तथा कृष्ण कुमार को भी सम्मानित किया गया। अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य मुकेश कुमार सैनी ने की। राजकोट (गुजरात) में आयोजित रेजांगला महोत्सव में शिरकत करके लौटे जिले के गांव चिमनावास निवासी वयोवृद्ध यादव ने 18 नवंबर 1962 के दिन भारत चीन के बीच हुई बर्फीली जंग से जुड़ी दास्तान सुनायी कि किस तरह सोलह हजार फुट की ऊंचाई पर माइनस 40 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर 13 कुमाऊं की चार्ली कंपनी ने अंतिम गोली तथा अंतिम सांस तक अदम्य साहस तथा वीरता का परिचय दिया। संस्मरण सुनकर सबसे अधिक विद्यार्थी प्रभावित दिखाई दिए। प्राध्यापक अजीत यादव यादव ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ नामक रेजांगला शहादत से जुड़ा गीत सुनाकर कार्यक्रम को नई ऊंचाइयां दी। संचालन प्राध्यापक संदीप यादव ने किया। इस अवसर पर प्राध्यापक धर्मेंद्र सिंह, लाल सिंह, सरोज यादव, सुमनलता, लखनपाल, सुषमा कुमारी, रेखा बाई, विवेक यादव, रविंद्र कुमार, ईश्वर सिंह, राजपाल, अंजू बाला, डा. अनीता यादव आदि उपस्थित थे।
Conclusion:फोटो कैप्शन
22 रेवाड़ी 5: श्ुाक्रवार को रेवाड़ी के गांव खोरी स्कूल में रेजांगला के योद्धा निहाल सिंह यादव को सम्मानित करते स्टाफ सदस्य।
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