पानीपत: कभी-कभी मजबूरियां इंसान पर इतनी हावी हो जाती हैं कि वो जीने की चाह छोड़ देता है. जिम्मेदारियों को ना निभा पाने की लाचारगी में इंसान का इस दुनिया में रहने का मन ही नहीं करता. कुछ ऐसी ही स्थिति है पानीपत के सन्नी की. जो इतना मजबूर है कि वो अपने और अपने परिवार के लिए इच्छा मृत्यु की मांग (Euthanasia) करने पर मजबूर है.
सन्नी अपने परिवार का अकेला कमाने वाला शख्स था, जो अपने माता-पिता के साथ अपने पत्नी और नन्ही-सी बच्ची का ऑटो चलाकर भरण पोषण कर रहा था, लेकिन उसकी दोनों किड़नियां फेल होने की वजह से आज वो कोई काम नहीं कर सकता है. आज उसके परिवार के पास गुजर-बसर के लिए कोई साधन नहीं है. दाने-दाने को मोहताज सन्नी और उसके परिवार के पास उम्मीद की कोई आस नहीं है.
सन्नी की पत्नी का कहना है कि वो गर्भवती भी है और उसकी एक छोटी सी बच्ची भी है. पति ही घर का खर्चा चलाते थे, लेकिन पति भी अब कमा नहीं सकते है. कल हमारे साथ क्या होगा ये सोच कर भी डर लगता है. वहीं सन्नी के पिता भी बुजुर्ग हो चले हैं. उनके काम करने की उम्र भी चली गई है. सन्नी के पिता ने रोते हुए कहा कि आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि अब आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं बचा.
ये पढ़ें- करनाल में बुजुर्ग दंपति के घर में डकैती का मामला, नौकरानी का बेटा और उसके साथी ही निकले आरोपी
सन्नी जिंदगी और मौत के बीच की जंग लड़ रहा है. वहीं उसका परिवार समाजिक संस्थाओं और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है, ताकि उन्हें कुछ मदद मिले और वो अपने परिवार का पेट पाल सकें. उम्मीद है कि उनकी इस गुहार को सुनकर प्रशासन या समाजिक संस्थाएं आगे आएंगी, जिससे ये परिवार इन मुश्किलों से बाहर निकाल पाए.
ये पढ़ें- Haryana Primary School Reopen: 1 अक्टूबर नहीं, इस दिन से खुलेंगे पहली से तीसरी कक्षाओं के लिए स्कूल