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68 साल की उम्र में हरियाणा की महिला ने शुरू की ये शानदार खेती, लाखों की कमाई, दूसरों को भी दे रही रोजगार

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Published : Apr 13, 2022, 12:37 PM IST

Updated : Apr 13, 2022, 1:12 PM IST

women mushroom farmer in panipat: पानीपत के गांव ऊझा गांव की रहने वाली 68 साल की निक्को मशरूम की खेती कर ना सिर्फ खुद आत्मनिर्भर बनी है बल्कि दूसरों को भी आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश में जुटी हुई हैं. मशरूम की खेती से निक्को लाखों रुपये कमा रही है.

Mushroom Farming In Panipat
मशरूम की खेती से निक्को लाखो कमा रही है.

पानीपत: नारी को यूं ही शक्ति का प्रतीक नहीं कहा जाता. अगर वह कुछ करने की ठान ले, तो उसे पूरा करके ही दम लेती है. देश में कई ऐसी महिलाएं हैं जो घूंघट की बंदिशें तोड़कर अपने साथ दूसरी महिलाओं के सपनों की उड़ान को बुलंद करने में जुटी हैं. ऐसी ही एक महिला पानीपत के उंझा गांव की रहने वाली है. इनका नाम निक्को है. इनकी उम्र तकरीबन 68 साल है. मशरूम की खेती कर ये खुद तो आत्मनिर्भर बनी ही अब वे गांव के अन्य लोगों को भी आत्मनिर्भर बना रही हैं.

68 साल की निक्को देवी मशरूम की खेती करती है. निक्कों ने इस खेती की शुरुआत करीब दस साल पहले की थी. निक्को ने बताया कि एक दिन वह अपने पशुओं के लिए चारा लेने के लिए घर से निकली थी. इस बीच रास्ते में उन्हें कृषि विज्ञान केंद्र के बाहर कुछ लोग बैठे हुए मिले. अधिकारियों को बैठा देखकर निक्को देवी ने उनसे पूछ लिया कि यहां पर क्या हो रहा है.

मशरूम की खेती ने बदली महिला की किस्मत, आत्मनिर्भर बन अब कमा रहीं लाखों

कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने निक्को से कहा कि क्या वो भी यहां से ट्रेनिंग लेकर कुछ कार्य कर सकती हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के इंचार्ज ने कहा कि कुछ दिन आप यहां पर आओ और खुद भी सीख लो. शुरुआत में कृषि विज्ञान केंद्र ने उन्हें 40 बैग कुंभी बीज के दिए. इससे निक्को ने शुरुआत में सौ बैग मशरूम तैयार किया.

एक बैग से 3 किलो तक कुंभी मशरूम का उत्पादन हो सकता है. यानी 300 किलो कुंभी का उत्पादन निक्को ने पहले सीजन में किया. इस दौरान उन्होंने करीब तीस हजार रुपये का माल बेचा. पहली बार की इतनी कमाई देख परिवार भी हैरान रह गया. गांव की दूसरी महिलाओं तक खबर पहुंची तो धीरे-धीरे लोग भी उनके पास आने लगे.

निक्को का कहना है कि उनके इस काम में उनका पूरा परिवार साथ देता है. उनके बेटे संतलाल का कहना है कि जब वह 14-15 साल का था तब से वह अपनी मां को यह काम करते हुए देख रहा है. धीरे-धीरे उसने भी अपनी मां के साथ काम करना शुरू कर दिया. वहीं जब उसकी शादी हुई तो उसकी पत्नी सीमा भी उनके काम में हाथ बंटाने लगी. साथ ही बच्चों ने भी उनका हाथ बटाना शुरू किया. घर में बने दो कमरों में खेती कर लगभग इस चार महीने के सीजन में उन्होंने ढाई लाख रुपए मशरूम बेचकर कमाए हैं.

वहीं संतलाल की पत्नी सीमा का कहना है कि उन्हें फैक्ट्री में जाने की जरूरत नहीं है. वह घर में रहकर ही अच्छी कमाई कर लेती हैं. साथ ही उन्होंने अन्य महिलाओं को भी इस काम के लिए प्रेरित किया है. आपको बता दें कि 68 साल की निक्को यह काम पिछले काफी सालों से कर रही है. इसके लिए उन्हें कई बार सरकार ने अवार्ड देकर सम्मानित भी किया गया है. इस परिवार का कहना है कि सरकार अगर उन्हें इस काम में मदद करे तो वह अपने कार्य को और ज्यादा अच्छे तरीके से कर पाएंगे.

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Last Updated : Apr 13, 2022, 1:12 PM IST
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