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पलवल पुलिस ने साइबर ठगों से रिकवर किए ढाई करोड़ रुपये, दो साल में 507 आरोपियों को भेजा जेल

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Published : Oct 9, 2022, 3:00 PM IST

पलवल में साइबर अपराध बढ़ते जा रहे हैं. पुलिस भी लोग साइबर अपराध का शिकार न हो इसके लिए जागरूक कर रही है. इसके साथ ही उन्हें बता रही है कि लुभावने ऑफर में फंसकर वह अपनी मेहनत की कमाई को गवांए नहीं. बता दें कि पलवल पुलिस ने साइबर ठगों से ढाई करोड़ रिकवर किए हैं और 507 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.

cyber crime in palwal
cyber crime in palwal

पलवल: जिले में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे (cyber crime in palwal ) हैं. साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं. लोग कभी बैंक या पेटीएम से कॉल आने के नाम पर ठगे जा रहे हैं, तो कभी आकर्षक ऑफर के लालच में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं. अब लोग भी संवेदनशील जानकारी देने से बचने लगे हैं. लेकिन साइबर ठगों ने भी अपराध को अंजाम देने के लिए नए तरीके इजात कर लिए हैं.

साइबर क्राइम रिपोर्ट (cyber crime report) को लेकर पुलिस ने स्कूलों, कॉलेजों, गांव और कॉलोनियों में अभियान चलाकर लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया है. बता दें कि पलवल पुलिस ने साइबर ठगों से ढाई करोड़ रिकवर किए हैं और 507 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. वर्ष 2021 से लेकर अब तक जिला में साइबर ठगी के करीब 307 मामले सामने आए हैं. साइबर ठगी के 307 मामलों में करीब दो करोड़ 74 लाख 96 हजार 654 रुपयों की ठगी को अंजाम दिया है. इसके साथ ही कुछ मामले ऐसे हैं जिनमें पीड़ित द्वारा पुलिस को सूचित करने पर ठगों द्वारा रुपये लौटा दिए गए. ऐसे दर्जनों मामलों में पीड़ितों द्वारा पुलिस को शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई.

ढाई करोड़ रिकवर किए, 507 को किया गिरफ्तार: पुलिस विभाग द्वारा साइबर ठगी के 307 मामलों में 507 ठगों को गिरफ्तार भी किया गया है. साथ ही ढाई करोड़ रुपयों की रिकवरी भी की गई है. इनमें से एक करोड़ 29 लाख रुपये पीड़ितों को लौटाए जा चुके हैं, जबकि बाकि रकम को फ्रीज किया जा चुका है. फ्रीज की गई रकम को भी पीड़ितों को लौटाने की प्रक्रिया तेजी से जारी है.

2021 और 2022 में बड़े मामले आए सामने : बीते वर्ष जून माह में पुलिस ने जिले में साइबर ठगी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया था. आरोपितों ने पलवल के रजिस्ट्री कार्यालय से रजिस्ट्रियां हासिल कर खरीदार विक्रेताओं के लगे हुए अंगूठे के निशान और आधार कार्ड नंबर ले लिए. उसके बाद अंगूठे का क्लोन तैयार कर अलग-अलग खातों से राशि निकाल ली गई थी. पीड़ितों के मुताबिक उन्हें न तो किसी ने फोन करके पिन कोड पूछा और न ही वे पिछले कुछ दिनों में बैंक या एटीएम से पैसे निकालने के लिए गए. फिर भी उनके खातों से पैसे कट गए.

वीडियो बनाकर ठगने वाला का हुआ था भंडाफोड़: वीडियो बनाकर लोगों को ठगने की वारदातें भी तेजी से बढ़ रही हैं. ठगों द्वारा स्क्रीन रिकार्डर एप की सहायता से वीडियो क्लिप रिकार्ड की जाती है. पीड़ित को वीडियो अपलोड करने की धमकी देकर डराया जाता है और रूपये ठग लिए जाते हैं. बीते 29 जुलाई को पुलिस ने ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपित को गिरफ्तार किया था. आरोपितों ने सैकड़ों लोगों को फंसाकर कुछ ही महीनों में 20 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम दे दिया था.

पीएचसी की वेबसाइट हैक कर बनाते थे फर्जी प्रमाण पत्र: इसी तीन अक्टूबर को पलवल की साइबर थाना पुलिस ने पीएचसी की वेबसाइट हैक कर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले अन्तर्राजीय गिरोह का भंडाफोड़ कर महिला को गिफ्तार किया था. गिरोह ने विभिन्न राज्यों में करीब 700 फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए थे. इस गिरोह ने पिनगवां के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की वेबसाइट हैक कर फर्जी प्रमाण पत्र बनाए थे. नूंह पुलिस ने मामले की जांच पलवल साइबर थाना को दी थी, जिसके बाद मामले का भंडाफोड़ हुआ.

एसपी के नाम पर मांगे थे रुपये: जिला पुलिस अधीक्षक की फोटो लगाकर डीएसपी स्तर के अधिकारियों से भी ठगी करने का प्रयास किया जा चुका है. बीते दिनों पुलिस ने इस तरह की ठगी करने वाले एक आरोपित को गिरफ्तार किया (cyber crime in haryana) था.

साइबर क्राइम से कैसे बचें: (how to protect cybercrime) किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ फोन पर मिले ओटीपी, यूपीआई, पिन कोड और सीवीवी साझा न करें और किसी प्रकार के मैसेज या किसी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें. अपने बैंक या डिजिटल खातों के बारे में भी किसी अनजान व्यक्ति को जानकारी ना दें. कोरोना के संबंध में कोई भी व्यक्ति आपके फायदे के लिए कॉल करता है तो इस प्रकार के व्यक्ति से सावधान हो जाएं, क्योंकि इस प्रकार के लोग आपको फायदा या किसी प्रकार का लालच देकर आपके साथ ठगी करते हैं. एटीएम बूथ से रूपये निकालते समय या जमा करते समय किसी अनजान व्यक्ति से सहायता न लें और अपने कार्ड के पीछे सफेद पट्टी पर अपना नाम लिखकर रखें, ताकि कार्ड बदले जाने पर तुरंत पहचान कर सके.

साइबर क्राइम हेल्पलाइन: जिला में बढ़ते साइबर मामलों को देखते हुए इसी वर्ष साइबर थाना भी स्थापित किया गया है. साइबर थाने में लगातार ऐसे मामलों की गहनता से जांच की जाती है. आसपास के जिलों के मामलों को भी साइबर थाने के अधिकारी सुलझाने का कार्य कर रहे हैं. साइबर ठगों से सावधान रहना बेहद जरूरी है. साइबर अपराध घटित होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें. राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और साइबर कम्पलेंट पोर्टल (cyber crime helpline) www.cybercrime.gov.in पर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

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