ETV Bharat / state

इंटरचेंज की मांग पर अड़े 80 गावों के किसान, कड़ाके की सर्दी में धरने में बैठे एक किसान की मौत

author img

By

Published : Jan 9, 2023, 9:01 PM IST

डीएनडी केएमपी तथा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर नौरंगाबाद गांव में इंटरचेंज ना मिलने (Farmers demanding interchange in Haryana) से हरियाणा के तीन जिलों में 80 गांवों के किसान अनिश्चितकालीन धरने (Indefinite strike of farmers continues) पर बैठे हैं. बेरहम सर्दी में धरने में बैठे एक किसान की मौत भी हो चुकी है.

Indefinite strike of farmers continues
नौरंगाबाद गांव में किसानों का धरना जारी

नूंह: हरियाणा में इन दिनों किसान काफी परेशान नजर आ रहे हैं. पलवल, नूंह, गुरुग्राम जिले के किसान इन दिनों (Farmers demanding interchange in Haryana) परेशान हैं. परेशानी की वजह डीएनडी केएमपी तथा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे (Delhi Mumbai Expressway) पर नौरंगाबाद गांव में इंटरचेंज नहीं मिलना (Interchange at Naurangabad Village) है. इंटरचेंज की मांग को लेकर 3 जिलों के 80 गांवों के किसान अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं. अनिश्चितकालीन धरने के दौरान रविवार को ठंड के कारण एक किसान ने शहादत तक दे दी. लेकिन उसके बावजूद भी किसानों का हौसला टस से मस नहीं हो रहा है.

किसानों की यह मांग केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह तथा केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर तक पहुंच चुकी है. केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर किसानों की मांग मजबूती से रखने का भरोसा दिलाया है. तो केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आगामी 11 जनवरी को पलवल में अधिकारियों के साथ एक मैराथन बैठक (Farmers demanding interchange in Haryana) बुलाई है. ताकि किसानों की समस्या का समाधान किया जा सके.

किसानों को आगामी 11 जनवरी को पलवल में होने जा रही बैठक से बड़ी उम्मीद है, लेकिन किसानों ने दो टूक कह दिया है कि अगर इंटरचेंज की मांग पूरी नहीं हुई तो कितना भी लंबा संघर्ष करना पड़े वह मडकोला गांव के समीप कट लेकर ही रहेंगे. ताकि 80 गांव के किसानों को जिंदगी भर ना पछताना पड़े. किसान अब मडकोला गांव के समीप डेरा जमा कर बैठ गए हैं. वहीं पर दिन भर हुक्के की गुड़गुड़ाहट करते रहते हैं तो रात्रि में भी कुछ किसान वहां विश्राम करते हैं.

खाने से लेकर चाय तक का सभी प्रबंध धरना स्थल पर किसानों की तरफ से (Indefinite strike of farmers continues) कर लिया गया है. कुल मिलाकर अगर 11 जनवरी को किसानों को कट नहीं मिलता है. तो किसानों का यह अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन लंबे समय तक चल सकता है. किसान की शहादत के बाद तथा अड़ियल रवैया के चलते केएमपी के अधिकारी भी अब घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लेने लगे हैं. उम्मीद यही की जा रही है कि 11 जनवरी को किसानों का यह मसला हल हो सकता है, लेकिन अगर मसला हल नहीं हुआ तो कड़ाके की ठंड में कुछ और किसानों की जान जाने से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर महिलाएं भी धरने को पूरा समर्थन दे रही हैं. उनका कहना है कि इन तीन बड़े राजमार्गों की वजह से ना तो वह सही ढंग से खेती कर पा रहे हैं और उन्हें आने-जाने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. अगर कट नहीं मिलता है तो उनके बच्चों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो सकता है.

कुल मिलाकर किसानों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है तो राजनीतिक दल के लोग भी अब किसानों को समर्थन देने के लिए नौरंगाबाद गांव में धरना स्थल पर (Indefinite strike of farmers continues) पहुंच रहे हैं. जहां तक किसान संघर्ष समिति की बात है तो संघर्ष समिति किसानों को हर सुविधा मुहैया कराने के लिए जी जान से जुटी हुई है. धरना स्थल पर सारे दिन किसानों के लिए लंगर का इंतजाम किया गया है.

कुछ किसान तो इतनी दरियादिली दिखा रहे हैं कि गन्ने का रस एवं भोजन इत्यादि की मुफ्त में व्यवस्था धरने पर बैठे किसानों के लिए की जा रही है. आपको बता दें कि यह धरना पिछले 1 जनवरी से लगातार जारी है. रविवार को धरने में मडकोला गांव के किसान की ठंड के कारण मौत भी हो चुकी है. किसान की मौत के बाद पलवल जिले के अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि किसानों ने आर्थिक मुआवजा 50 लाख की मांग की है. उसमें से 10 लाख रुपए का भरोसा देते हैं. साथ ही सरकारी नौकरी के लिए सरकार को लिखा जाएगा. आर्थिक मुआवजा राशि भी बढ़ाई जा सकती है.

ये भी पढ़ें: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से युवा प्रभावित, हरियाणा के पानीपत में खुली मोहब्बत की पहली दुकान

किसान रामखिलाड़ी पुत्र हरिया निवासी मंडकोला की मौत के बाद किसान 3 दिन का शोक भी धरना स्थल पर मना रहे हैं. जल्दी ही किसानों के धरना प्रदर्शन में बड़े किसान नेता राकेश टिकैत के परिवार से भी कोई सदस्य शामिल हो सकता है. कुल मिलाकर 80 गांव के किसानों ने अब नौरंगाबाद में (Interchange at Naurangabad Village) तीनों राजमार्गों के गोल चक्कर के समीप कट लेने के लिए आर-पार का मूड बना लिया है. उन्होंने कहा कि अभी तो सिर्फ एक किसान की शहादत हुई है. अगर उन्हें बड़ी संख्या में शहादत देनी पड़े तो भी वह पीछे नहीं हटेंगे.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में डेढ़ लाख कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन, डाटा अपलोड न होने से कर्मचारियों की बढ़ी परेशानी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.