ETV Bharat / state

हरियाणा में इस साल बढ़े पराली जलाने के केस, देश के 10 प्रदूषित शहरों में शामिल हुआ कुरुक्षेत्र

author img

By

Published : Nov 5, 2020, 2:26 PM IST

पराली जलाने को लेकर कुरुक्षेत्र से चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. अभियान और जागरूकता के बाद भी कुरुक्षेत्र में पराली जलाने के मामले पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा दर्ज किए गए हैं.

stubble burning cases increase in kurukshetra in this year
stubble burning cases increase in kurukshetra in this year

कुरुक्षेत्र: हरियाणा में धान का सीजन अब खत्म होने वाला है. अब पराली का दौर शुरू हो चुका है. पराली न जलाने को लेकर प्रशासन लगातार किसानों से अपील कर रही है और पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई भी की जा रही है. कुरुक्षेत्र में धान की फसल की कटाई से पहले सरकार और कृषि विभाग ने किसानों को पराली न जलाने को लेकर बड़े-बड़े अभियान चलाएं हैं.

पराली पर बेअसर कुरुक्षेत्र

हैरानी का बात ये है कि अभियान और जागरुक करने के बाद भी कुरुक्षेत्र में पराली जलाने के मामले पिछले साल की तुलना में ज्यादा आए हैं. कुरुक्षेत्र जिले में 798 मामले पराली जलाने के सामने आए हैं, जिनमें से 350 मामलों की पुष्टि हो चुकी हैं. कृषि विभाग द्वारा जांच करने पर इन 350 मामलों में खेतों के अंदर आग जलती हुई पाई गई है और किसानों से जुर्माने के रूप में आठ लाख 42 हजार रुपये वसूला गया है.

पराली के चलते देश के 10 बड़े प्रदूषित शहरों में शामिल कुरुक्षेत्र

सबसे ज्यादा इन जगहों पर जली पराली

कुरुक्षेत्र में खंड स्तर पर बात की जाए तो सबसे ज्यादा मामले पिहोवा से सामने आए हैं. पिहोवा में 221 मामले पराली जलाने के सामने आए हैं और इनमें से 129 मामले चिन्हित किए जा चुके हैं और शाहाबाद खंड की बात करें तो 170 मामले सामने आए हैं जिनमें से 50 को चिन्हित किया जा चुका है. थानेसर खंड की अगर बात करें तो 148 मामले थानेसर में पराली जलाने के सामने आए हैं और इनमें से 50 को चिन्हित किया गया हैं.

सैटेलाइट से नजर रख रहा प्रशासन

लाडवा और बाबैन की बात करें तो दोनों जगह पर 41-41 मामले सामने आए हैं. लाडवा में 12 और बाबैन में आठ मामलों को चिन्हित किया गया है और पिपली ब्लॉक में 65 मामले आगजनी के सामने आए. जिनमें से 37 मामले कंफर्म किए गए हैं. ये आंकड़े जागरूकता अभियान प्रयोगशालाओं के बाद भी बेहद चौंकाने वाले हैं. सैटेलाइट द्वारा दी गई रिपोर्ट पिछले साल एक बार आई थी और अब की बार सैटेलाइट की रिपोर्ट लगभग 2 बार आई है.

किसान रात में जला रहे पराली

हैरत की बात ये हैं किसान पराली को दिन में नहीं बल्कि रात के समय में जला रहे हैं, ताकि वो प्रशासन की कार्रवाई से बच सकें. प्रशासन सैटेलाइट के जरिए इन जगहों की पहचान कर रहा है और किसानों पर जुर्माना लगा रहा है. अभी तक प्रशासन 8 लाख 42 हजार रुपये वसूल चुका है.

साल 2019 की अगर बात करें तो कुरुक्षेत्र जिले में 722 पराली जलाने के मामले आए थे परंतु जागरूकता अभियान के बाद यह मामले 722 से बढ़कर 798 हो चुके हैं. पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी पर्यावरण के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है. पराली मैनेजमेंट को लेकर किसान को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और पैसा भी खर्च करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- रोहतक में रात को पराली जला रहे हैं किसान, डीसी मानने को नहीं तैयार

प्रदूषण के स्तर में हुई बढ़ोतरी

सरकार को इस बारे में थोड़ी और गहन विचार करने की जरूरत है. किसानों की आर्थिक दृष्टि को देखते हुए पराली मैनेजमेंट सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए सरकार को अल अलग अनुदान करना चाहिए. जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है और दिवाली के बाद पटाखों से निकले हुए से प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ जाएगा जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.